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गज-प्रान
गजाबोह
५ एक प्रकार का सर्प । ६ बंदूक में बारूद जमाने की छड़ । --बांक, बाग-पु० हाथी का अंकुश। -बीथो-स्त्री० शुक्र ७ वस्त्र नापने का उपकरण । ८ बैलगाड़ी के पहिये में की गति । --बेल-पु० कातिसार, लोहा । --बोह, बौह- . लगने वाली एक पतली लकड़ी । ९ सारंगी बजाने का 'गजांबोह' । -भांत-पु. एक प्रकार का वस्त्र । धनुषाकार उपकरण । १० ज्योतिष की नक्षत्र वोथियों में -भार, भारा-पू० हाथियों का दल । --भीम-वीर, से एक । ११ आठ की संख्या । १२ चार मात्रा के डगरण योद्धा । -भ्रमी-पु. भीम । --मरणी, मुक्ता-स्त्री० हाथी के के प्रथम भेद का नाम । १३ अंत गुरु की चार मात्रा का मस्तक से निकलन वाली एक मरिण, मोती। --मुख, मुखी नाम । -प्रांनन-पु० गणेश । -अर, अरि-पु० सिंह । -पु० गणेश । गजानन । एक तोप विशेष । -वि. ---उछाळ, उपाड-पु० भीम । -वि. बलवान, शक्तिशाली। हाथी के समान मुंह वाली। —मोचरण-पु० विष्णु ।
-उजळ-पु० सफेद हाथी । इन्द्र का हाथी। -कान-वि० -मोती='गजमुक्ता'। -रथ-पु० हाथी से चलने वाला चंचल । -कुभ-पु. हाथी के मस्तक के दोनों पोर उठे रथ । -रद-पु. हस्तीदत । -राज-पु० बड़ा हाथी। हुए भाग। -खंभ-पु० शक्तिशाली, बलवान, प्रचंड प्रबल ऐरावत । डिंगल के वेलियो 'सांणोर' का एक भेद । वीर। -गत, गति-स्त्री० हाथी की चाल । मस्त चाल ।
-रिपु-पु० सिंह, ग्राह । -वदन-पु० गणेश । ----वांन-पु० डिगल का एक गीत । एक छंद विशेष । रोहिणी, मृगशिरा महावत । --वाग-पु० अकुश। -विभाड़-पु. हाथी को और प्रार्द्रा में शुक्र की स्थिति या गति । -गमणी, गवणी, पछाड़ने वाला वीर । --वेळ, वेळि = गजबेल' । गांभिणी-स्त्री. हाथी की तरह मस्त चाल से चलने वाली --साळा-स्त्री० हस्तीशाला । -सिक्षा-स्त्री० बहत्तर स्त्री। --गह,गा,गाव गाह, प्राह -स्त्री० हाथी की झूल । घोड़े कलाओं में से एक । के चारजामे के साथ बांधा जाने वाला उपकरण । युद्ध । गजक (ग)-स्त्री० १ शराब आदि पीने के बाद मुह का स्वाद संहार नाश, ध्वंस । हाथियों का दल । वीर पुरुष । एक सुधारने के लिए खाई जाने वाली वस्तु । २ तिलपट्टी, प्रकार का घोड़ा । हाथी का दान । -वि० गजगामिनी।
तिलशकरी । ३ भोजन। -गोरी-स्त्री० बढ़िया लोहा । -घड़ा-स्त्री० हस्ती
गजट-पु० [अ०] सरकारी समाचार-पत्र । सेना। -च्छाया-स्त्री० ज्योतिष का एक योग ।
गजरगौ-वि. १ गर्जने वाला । २ नाश करने वाला । -जिबा-स्त्री० योग की नौ नाड़ियों में से एक । --सल, (ल्ल)-वि० जबरदस्त, शक्तिशाली। गजरणी (बी)-क्रि० १ गर्जना करना, गर्जना । २ क्रोध से -ठेल-वि० शक्तिशाली, बलबान । -ढल्ल, ढाल-स्त्री० बालना । ३ नाश करना । हाथी के मस्तक का कवच । -तार, तारण-पु० विष्णू। गजनीय-स्त्री० नींव।
-थट्ठ, थाट-पु० हस्ती सेना । -दंत-पु० हाथी का दांत। गजब (बी, ब्ब)-पु० [अ० गजब] (स्त्री० गजबरण) १ कोप, दांत पर निकला दांत । एक प्रकार का घोड़ा । नृत्य की गुस्सा । २ खौफनाक कार्य या घटना । ३ आफत, एक मुद्रा । --दंती-वि० हाथी दांत का बना । —दसा- विपत्ति । ४ दैवी प्रकोप । ५ आश्चर्यजनक बात । स्त्री० गणित ज्योतिष में ग्रह की दशा । -धर-पु. मकान ६ आश्चर्य । -वि० १ अद्भुत, अजीब । २ भयकर, प्रचण्ड । बनाने वाला मिस्त्री । दर्जी । सरकारी बढ़ई । एक प्रकार ३ अत्यन्त अधिक । ४ विशेष । ५ अद्भुत कार्य करने वाला। की बनावट का भवन विशेष । --नांमौ-पु० हाथी चलाने | गजर-पु० [सं० गर्जन] १ निरन्तर होने वाला प्रहार । २ ऐसे का अंकुश ।-नाळ, नाळी-स्त्री० एक बड़ी तोप । हाथी पर प्रहार से उत्पन्न ध्वनि । ३ खट-खट ध्वनि । ४ प्रहर का रखी जाने वाली एक अन्य तोप । -पत, पति, पत्ति-पु० घंटा बजने का स्वर । ५ प्रात: काल, उषाकाल । ६ हंसी, हाथियों वाला राजा । ऐरावत हाथी । -स्त्री० बुद्धि, अक्ल । मजाक । ७ तमाशा । ८ नगाड़ा। ९ शोरगुल, कोलाहल । मध्य गुरु की चार मात्रा का नाम। -पात-पु० १० गर्जन । ११ प्रात: चार बजे का घंटा । -वि. विशाल, वह कवि जिसे राजा द्वारा हाथी दिया गया हो । बड़ा । -प्रध-पु० स्वर साधने की क्रिया। ---पाळ-वि० महावत । -पीपर, पीपळ (ळी) गजरी-स्त्री०१ स्त्रियों की कलई का प्राभूषण । २ छोटी गाजर । -स्त्री० मंझोले कद का पौधा विशेष । बड़ी पीपल । गजरौ-पू०१ फूलों की माला । २ एक प्राभूषा विशेष । -पुट-पु० धातुओं को फूकने की प्रक्रिया। --पुर-पु. ३ गाजर का पत्ता। हस्तिनापुर । --बंद, बंध-पु. एक प्रकार का चित्रकाव्य । गजल-स्त्री० [अ०] ऊर्दू-फारसी में गार रस की कविता । हाथी वाला। --बंधी-वि० हाथी रखने में समर्थ । गजवड-पु० एक प्रकार का बढ़िया कपड़ा। -~-बदन-पु० गगेश। -बध-पु० भीम का एक नामान्तर। गजांबोह-पृ० सं० गज-व्यूह ) गजव्यूह, हाथीदल ।
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