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खियाळी
खोवो
खियाळी-देखो 'खिहाळी ।
खिलाणी (बो), खिलावरणौ (बौ)-क्रि० १ भोजन कराना । खियो-पु० १ प्लीहा, तिल्ली रोग । २ जेबः, खीसा ।
२ खाने के लिए देना। ३ खेलाना । ४ विकसित करना । खिर-देखो 'खैर'।
५ प्रसन्न करना । ६ सजाना, शोभित करना। खिरक (का)-स्त्री० [अ०] १ बुनाई का एक उपकरण, खर- | खिलाफ-वि० [अ०] १ विरुद्ध, विपरीतः । २ सामने, प्रतिकूल ।
करवट । २ मुसलमान फकीरों की गुदड़ी । ३ साधु, -क्रि०वि० मुकाबले में । ----त-स्त्री. विरोध । सामना, त्यागी। ४ देखो 'खरक'।
मुकाबला । प्रतिकार। खिरकोळियौ, खिरकोळी-पु. बुनाई के उपकरण का खूटा। खिलाहर-वि० १ योद्धा, वीर । २ खेलने वाला । ३ खिलाने खिरतर-देखो 'खजूर'।
वाला। खिरणियो-वि० १ कच्चा । २ जिसका स्वतः क्षय हो। -पु० सूखी | खिलियार-पु० १ खिलाड़ी। २ देखो 'खिलवाड़। झाड़ी या कंटीला वृक्ष ।
खिलोरी-पु० [सं० खिलचारी] गडरिया । -वि० १ असभ्य, खिरणी-देखो 'खरणी'।
जंगली । २ मूर्ख । खिरणी (बौ)-क्रि० १ स्वतः टूट कर गिरना । २ गिरना। खिलौगो-पु०१ किसी धातु या पदार्थ की बनी बच्चों के खेलने ३ मरना।
की वस्तु, खिलौना । २ दूसरों के हाथों में नाचने वाला। खिराज-पु० [अ० खिराज] राजस्व कर, माल गुजारी। | खिल्लत-देखो "खिलअत' । खिरैटी-स्त्री० [सं० खरयष्टिका] बीजबंद, बल।। खिल्ली-स्त्री० १ किसी का उपहास । २ हंसी. दिल्लगी। खिल-स्त्री०१ पड़त की भूमि की प्रथम जुताई । २ नई भूमि। खिल्लो-खिल्ल-वि० १ एकाकार । २ धुले-मिले । ३ प्रफुल्ल, खिलमत-पु. [अ०] किसी के सम्मानार्थ राजा या बादशाह की प्रसन्न । प्रोर से दिया जाने वाला वस्त्र।
| खिवरण-देखो 'खिवरण'। खिलकत-स्त्री० [अ० खिल्कत] १ सृष्टि, संसार । २ भीड़, खिवरणी-स्त्री० १ बिजली, विद्युत । २ सहनशक्ति । समूह।
खिवरणौ (बौ)-देखो 'खिवणी (बी)। खिलको-पु० १ खेल, तमाशा । २ हंसी, दिल्लगी। ३ विनोद। खिसकरणौ (बौ)-देखो 'खसकणो' (बी)। खिलखिल (लाट, हट)-स्त्री० मुक्त हास्य, खिलखिलाहट। खिसकारणी (बी), खिसकावणी (बी)-देखो 'खसकाणी' (बी)। खिलखिलणी (बौ)-क्रि० १ खिलखिलाकर हंसना। २ प्रफुल्लित | खिसणौ (बी)-क्रि० १ पीछे हटना । २ अलग होना, दूर होना। होना।
३ फिसलना । ४ क्रोध करना । ५ खिसियाना । ६ भागना । खिलखिली-स्त्री० १ हंसी, मजाक । २ देखो 'खिलखिलाट'। ७ लज्जित होना । ८ झपना। खिलणी (बी)-क्रि० [सं० स्खल] १ खिलना, विकसित होना। खिसांण, खिसांपो-वि. लज्जित, शर्मिदा ।
२ प्रसन्न होना, खुश होना । ३ जंचना, शोभित होना। खिसारणी (बी) खिसावरणी (बी)-क्रि० १ पीछे हटाना। ४ खेलना।
२ अलग करना, दूर करना । ३ फिसलाना । ४ क्रोध खिलत-देखो 'खिलात'।
कराना । ५ लज्जित करना, झेपाना । ६ भगाना । खिलबत (वत)-स्त्री० १ साथ रहने का भाव, संभ । २ सभा- खिसिरणी (बी)-देखो 'खिसणी' (बी)। समाज । ३ मैत्री । ४ हंसी, मजाक । ५ खिलवाड़।
खिसौ-सर्व० १ कौनसा । २ देखो 'खीसौ' । ६ केलि, क्रीड़ा । ७ एकान्त स्थान ।
खिहाळी-पु० कोयला। -वि. निज का, निजी । खानगी।
| खिहालौ-पु० खाद्य वस्तु विशेष । खिलवाड़, (खिलस)-पू० १खेल, तमाशा । २ हंसी, दिल्लगी। वहाला पुरु खाच वस्तु सिप । ३ विनोद । ४ कौतुक ।।
खों-देखो ‘खी'। खिलवार-स्त्री० हमी, मजाक, दिल्लगी।
खींचरणौ (बी)-क्रि० [सं० कर्षणम्] १ किसी वस्तु को पकड़ कर खिलसणी (बौ)-कि० १ क्रीड़ा करना, खेल करना । २ हंसी | अपनी ओर बढ़ाना, करना, खींचना। २ किसी वस्तु के आगे ___करना, मजाक करना । ३ खुश होना ।
होकर चलाते या घसीटते हुए कहीं ले जाना। ३ बलपूर्वक खिलहरी-देखो 'खिलोरी'।
कहीं ले जाना । ४ आकर्षित करना । ५ बाहर निकालना। खिलाई-स्त्री० खिलाने का कार्य ।
६ तानना, तनाव देना । ७ खोसना, छीनना । खिलाड़ी-वि० १ खेलने वाला । २ खेलने में दक्ष । ३ जादुगर । ८ सोखना, चूसना । ९ अर्क निकालना । १० सत्व ४ चतुर ।
निकालना । ११ रेखांकित या चित्रांकित करना ।
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