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गंगिकाज
उज्ज्वल*। -गड़दी, गडदी-स्त्री०-हुंकार की आवाज । ११ युद्ध । १२ कोष, खजाना ।
-जमना, जमनी-स्त्री०-दो पदार्थों के मेल से बनी | गंजका-स्त्री० एक वणिक छंद विशेष । वस्तु । एक प्रकार की चिलम । एक वस्त्र विशेष । एक | गंजगोळी-पु० तोप का वह गोला जिसमें छोटी-छोटी गोलियां प्रकार का प्राभूषण विशेष । एक देशी खेल । -वि.दुरंगा,| भरी हों। श्वेत-श्याम*। -जळ-पु०गंगा नदी का पवित्र जल। गंजण (न)-पु० [सं. गंजन] संगीत का एक ताल भेद । -वि. घोड़ों की एक जाति, उक्त जाति का घोड़ा। एक । नाश करने वाला, मिटाने वाला। २ पराजित करने उत्तम श्रेणी का वस्त्र । डिंगल के वेलियो साणोर का एक वाला। ३ दबाने वाला। भेद । --जळी-पु०कांच या धातु का बना एक पात्र | गंजणरोर-पु. १ मेघ, बादल । २ ईश्वर । ३ दातार । विशेष । टोंटीदार जल पात्र । एक प्रकार का प्रश्व । मृतक | गजणा-दखा 'मजण । की अस्थियां गंगा प्रवेश करने के उपरांत निश्चित समय पर | गंजरणी (बी)-क्रि० १ नाश करना, नष्ट करना, मारना । किया जाने वाला भोज । -जात्रा-स्त्री गंगा की | २ जीतना पराजित करना। ३. दबाना, दमन करना । यात्रा। मृत्यु के समय गंगा की ओर गमन । मृत्यु । गंजबाळ-वि० १ पराजित करने वाला । २ नष्ट करने वाला। -समी-स्त्री० ज्येष्ठ शुक्ला दशमी। -द्वार-पु० मंगा गंजा-स्त्री० खदान, खान । का उद्गम स्थल । हरिद्वार । -धर-पु. शिव महादेव। गंजाग्रह-पु० [सं. गंजागृह] शराब खाना । एक औषधि विशेष । चौबीस अक्षरों का एक वर्णवृत्त । गंजार-स्त्री० १ तोप की आवाज । २ देखो ‘गुजार'।
-नंद, नंदरण-पु० स्वामिकात्तिकेय । भीष्म। -पथ-पु० गंजी-स्त्री० १ कपड़े की सिली हुई बनियान । २ गुड़ और चावल गंगा का रास्ता । आकाश, व्योम । आकाश गंगा। के साथ बना खाद्य पदार्थ (मेवात) । ३ बिना बालों की। -पुत्र-पु० भीष्म । स्वामिकात्तिकेय । गंगाघाट के पंडे। गंजीफा-पु० [फा०] ताश का एक खेल विशेष । गंगा नदी से प्राप्त छोटे-छोटे पत्थर । -मग-पु० | गंजेकेरू-पु. भीम । आकाश । तोन की संख्या* । ----सपतमी, सप्तमी-स्त्री० गंजेडी-वि० गांजे का नशेबाज । वैशाख शुक्ला सप्तमी। -सागर-पु. कलकत्ते के पास गंजो-वि० [सं० कंज] गंज रोग से उड़े बालों वाला, गंजा। का एक तीर्थ जहां गंगा समुद्र में मिलती है । एक टोंटीदार | -पु० गांजा।
जल पात्र -सुत-पु० भीष्म । स्वामिकात्तिकेय । गंठ-देखो 'गांठ'। गंगिकाज-पु. १ गंगा सुत, भीष्म । २ स्वामिकात्तिकेय । गंठकटौ-वि० जेब कतरा, चोर । गंगेउ (ऊ)-देखो 'गांगेय'।
मंठड़ी-देखो 'गांठ'। गंगेड़-स्त्री० १ नशा । २ नशे की दशा में आने वाला चक्र। गंठडो-देखो 'गंठो' । गंगेड़ियो, गंगड़ो-१ देखो 'घडोटियो' । २ देखो 'गांगूडो'। गठजोड़ो-देखो 'गठजोड़ो'। गंगेटियो-पु०१ जाति विशेष का घोड़ा । २ देखो 'घड़ोटियो'। | गंठणी (बो)-क्रि० [सं० ग्रंथन्] १ गांठा जाना । २ मित्रता गंगेय-देखो, 'गांगेय'।
होना । ३ धन प्राप्त होना, मिलना। ४ जूती की सिलाई गंगेरण-पु० [सं० गांगेरुकी] नागबला ।
किया जाना । ५ कस कर बंधना। गंगेव-देखो 'गांगेय'।
गंठाई-स्त्री. १ गांठने या सीने का कार्य । २ ऐसे कार्य की गंगेस-पु० [सं० गंगेश] शिव, महादेव ।
__ मजदूरी। ३ मित्रता। गंगोतरी-स्त्री० [सं० गंगावतार] गंगा का उद्गम स्थल ।।
गंठाणी (बी), गंठावरणौ (बौ)-क्रि० १ गंठवाना । २ मित्रता
कराना । ३ धन प्राप्त कराना। ४ जूता सिलवाना । ५ कस गंगोद (बक)-पु० [सं०] १ गंगाजल । २ चौबीस अक्षरों का |
कर बंधवाना। एक वर्ण वृत्त ।
गंठि-देखो 'गांठ'। गंगोळियौ-पु. एक प्रकार का नींबू ।
गंठियो, गंठीलियौ-पु० [सं० ग्रथिल] १ जमीन पर छितराने गंज-पु० [सं० कंज] १ शिर के बाल उड़ने का एक रोग । २ ।। वाला एक घास । २ एक प्रकार का बात रोग।
शरीर में फुसियां उठने का एक रोग । ३ चौबीस अक्षरों ३ देखो 'गांठियो'। का एक वर्ण वृत्त । ४ काव्य छंद का एक भेद । ५ ज्यो- गंठेली-वि० गांठ वाला। तिष के २७ योगों में से एक। [सं. गंजा] ६ शराब। गंठो-पु० [स० ग्रथिक] १ गांठ, गट्टर, बोझा । २ ऊंट पर लादा ७ शराबघर । ८ ढेर, समूह । ९ घुघची। १० ऊंट। जाने वाला लकड़ियों का गट्टर।
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