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खगस
( २९४ )
बृरबारणी
खुणस-स्त्री० १ क्रोध, गुस्सा, रोष । २ मन-मुटाव । खबाणी (बौ), खुबावरणौ (बौ), खुमारणी (बौ), खुभावरणी खुणौ-पु० कोना।
(बौ)-१ चुभाना । २ धंसाना, गड़ाना । ३ रोपना। खुतंग-देखो 'खतंम'।
खुमर-स्त्री० जलन, दाह, ईर्ष्या (मेवात)। खुतराळी-स्त्री० पशु द्वारा खुर से जमीन कुचरने की क्रिया । खुमरी-स्त्री० एक चिड़िया विशेष । खुथौ-पु० बकरी के बालों की दरी जो कृषि कार्य में उपयोगी खुमार (री)-पु० [अ०] १ हल्का नशा, उन्माद । २ मस्ती। ___ होती है । पट्ट।
३ नशे के उतार की अवस्था । ४ जागरण की उदासी। खुदंग-पु० एक प्राचीन देश ।
५ गर्मी में भिगो कर प्रोढ़ने का वस्त्र । खुब-प्रव्य० [फा०] स्वयं । आप । -कास्त-स्त्री. निजी खेती। खुरंट-पु० [सं० क्षुर + अंड] १ घाव पर जमने वाली सूखी
निजी खेती की भूमि । -कुसी-स्त्री० पात्महत्या ।। पपड़ी। २ कटु बात, जो दब चुकी हो। खुदकशी । -गरज-वि० स्वार्थी । —गरजी-स्त्री० खुर-पु० [सं० खुरः] १ चौपाये जानवरों के पैरों का निचला स्वार्थीपन । -मुख्तार-वि० अनिरुद्ध । स्वछन्द । स्वतंत्र ।। सख्त भाग, खुर, टाप । २ नख नामक गंध द्रव्य । ३ पैर, -मुख्तारी-स्त्री० स्वच्छन्दता।
चरण । ४ छुरा, उस्सरा । ५ तीर, बाण। खुदडपो (बो)-क्रि० [सं. क्षुदिरम्] १ कुचलना, रोदना । | खुरखुरारणौ (बौ), खुरखुरावरणौ (बौ)-देखो'खरखराणों (बौ)। २ कुचरना, खुजलाना।।
खुरखुरी-स्त्री० रहट के स्वामियों से लिया जाने वाला कर । खुदरणी (बी)-क्रि० खोदा जाना । स्वतः खुद जाना ।
खुरखुरौ-वि० खुरदरा, दरदरा । -पु० पशु की चाल विशेष । खुदरी-पु० [फा०] अपने आप उगने वाला (पौधा या वृक्ष)। खुरखू-स्त्री० पृथ्वी। खुदवाई-स्त्री. १ खुदाई का कार्य । २ खुदाई की मजदूरी। खुरडणी (बौ)-क्रि० १ घसीटना । २ कुचरना । ३ छटपटाना । खुदाई-स्त्री० [फा०] १ ईश्वरत्व । २ संसार सृष्टि । ३. खोदने खरड़ौ-पु० पैर, चरण। का कार्य । ४ खोदने की मजदूरी।।
खुरचरण (रणी)-स्त्री० [सं० कूर्चनम्] १ बचा-खुचा सामान । खुदा (य)-पु० [फा०] १ ईश्वर, परमात्मा, स्वयम्भू । २ किसी पदार्थ का पकाते समय बर्तन में चिपका रहने २ दक्ष निर्माता।
जाने वाला भाग । ३ इस प्रकार कुचरकर एकत्र किया खुदाणी (बौ), खुदावणी (बी)-क्रि० खुदवाना ।
गया पदार्थ । ४ एक औजार विशेष । खुदायबंद-पु० १ ईश्वर, खुदा । २ स्वामी मालिक ।
खुरचरिणयो, खुरचरणौ-पु० कुचरने का उपकरण । छोटी खुरपी । खुदाळ-पु. १ रथ । २ सूर्य का रथ, वाहन ।
खुरचरणौ (बौ)-क्रि० [सं० क्षुरणं] १ कुचरना, कुचर कर एकत्र खुदाळम-देखो 'खूदाळम'।
करना । २ कुरेदना । ३ कुरेद कर अलग करना। खुदिया, खुद्या, खुधा-स्त्री० [सं० क्षुधा] क्षुधा, भूख । खुरज-स्त्री० खाज, खुजली। खुधार, खुधाळ, खुधावंत-वि० क्षुधित, भूखा ।
खुरजी-स्त्री० घोड़े पर दोनों ओर लटका रहने वाला थैला, खुधियारत-वि० [सं० क्षुधात] भूखा, क्षुधा पीडित । __झोला। खुध्या-देखो 'खुधा'।
खुरपोख-स्त्री० धूलि, रज, गर्द । खुन्यायो-वि० हल्का गर्म, गुनगुना ।
खुरतार, खुरताळ, (ळि, ळी, ळु)-स्त्री० [सं० क्षुरत्रांण] १ घोड़े खुपणो (बो)-देखो 'खुबणी' (बी)।
या गधे की टाप, सुम । २ सुम के नीचे लगने वाली लोहे की खुपरी-स्त्री० १ खोपड़ी । २ तरबूज को खपरी।
नाल । ३ जूती की मजबूती के लिए उसके तल में लगाई खुपारणी (बौ), खुपावणी (बो)-देखो 'खुबारणी' (बी)।
जाने वाली लोहे की नाल । खुफिया-वि० [प्र. खुफीयः] १ गुप्त । २ मुढ, पेचीदा। खुरद-देखो 'खुडद'। -पु० पुलिस का एक विभाग ।
खुरदम, खुरप-पु० गधा, खर ।। खुफियौ-पु० [अ० खुफीयः] १ गुप्तचर, भेदिया । २ जासूस।
खुरपी-स्त्री० १ कुरेदने या कुचरने का एक छोटा उपकरण । खब-स्त्री० धोबी की भट्टी।
२ एक औजार विशेष । खुबक-पु० घोड़ों का एक रोग विशेष ।
खुरपो (फौ)-पु० १ कड़ाई में पकवान बनाते समय हिलाने का खुबली (बौ)-क्रि० १ चुभना । २ धंसना, गड़ना। ३ रुपना। उपकरण । खुरपा । २ तलवार । खुभरणी(बी)-क्रि० १ उत्तेजित होना, करना। २क्षब्ध होना, खुरप्र-पु० तीर, बाण । करना । ३ आंदोलन करना, हिलना।
खुरबाणी-देखो 'खूबांनी'।
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