________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
+
{ २३० )
किं-सर्व० [सं किम् क्या।।
१० जुगुप्सा । -वि० १ प्रसन्न । २ तुच्छ । ३ वृथा। किंकि-वि० १ कुछ । २ क्योंकि ।
-अव्य० १ मानो । २ या, अथवा । ३ किस तरह, कैसे । किकरण (रिण, रणी)-स्त्री० [मं० किंकिणी] १ करधनी, -सर्व० क्या। ___ मेखला । २ छोटी घंटी।
किपावर-देखो 'क्यावर'। किंकर-पु० [सं०] (स्त्री किकरि,री)१ सेवक, दास । २ अनुचर । किग्रावरी-देखो 'क्यावरी' ।
३ राक्षसों की एक जाति । ४ घोडा । ५ कामदेव । किउं, किऊ-क्रि०वि०१ क्यों। २ कैसे, किस तरह । -वि० कुछ। भ्रमर । ७ लाल रंग ।
किकंध-देखो 'किस्किधा'। किकिनी-देखो 'किंकणी'।
किकर-क्रि०वि० कैसे ।-वि० कैसी, किस प्रकार की। किंचित-वि० [सं०] १ थोड़ा, अत्यल्प । २ तनिक । ३ न्यून। किको-देखो ‘कीको' । किचुळ-पु० [सं० किंचुलुक केंचवा ।
| किखि-पु० [सं० कीश] बंदर । -वि० [सं० कृश] दुर्बल, किंजळक (ळिक)-पु० [सं० किजल्क] १ केसर । २ पराग, कृश ।
पुष्प रज । ३ कमल का पुष्प । ४ पुष्प का रेशा। | किड़क-स्त्री० १ उचक कर या चमक कर भागने की क्रिया या किंदरणी (बौ)-क्रि० हरे पौ। या नमी वाले पदार्थों का दबे भाव । २ देखो 'कड़क' ।
रहने या उमस वाले स्थान पर अधिक रहने के कारण किड़करणी (बौ)-देखो 'कड़कणो' (बी) । सड़ना।
किडकिडी-स्त्री० १ क्रोध में दांत पीसने की क्रिया या भाव । किंदर-१ देखो कंदरा । देखो 'किन्नर' ।
२ सर्दी के कारण होने वाली दांतों की किट-किट । किंदरग्रह-पु० कंदरा निवासी, सिंह ।
३ जोश, आवेश । ४ साहस, हिम्मत । ५ बल शक्ति । किंदू, किदूडो-देखो 'कदुड़ौ'।
६ देखो 'कड़ीकड़ी'। किंधू-अव्य० १ अथवा. या। २ मानो ।
किड़को-देखो 'कड़को'। किनरेस-पु० [सं० किन्नर-+-ईश] कुबेर ।
किड़वा-स्त्री० किसी के आने-जाने, बोलने-चालने, हिलने-डुलने किपाक-पु. एक प्रकार का वृक्ष ।
से होने वाला धीमा शब्द, आहट । किपि-वि० [सं० किम्-अपि] कुछ, कुछ भी।
किचकारी-स्त्री० पशुओं को हांकने के लिए मुह से की जाने किंपुरखेस (खेसर) किंपुरुख, किंपुरुस, किंपुरुसेस-पु० वाली किचकिच ध्वनि । [सं० किंपुरुष] १ कुबेर । २ किन्नर ।
किचकारौ-देखो 'किचकारी' । किबाड़ी-देखो किंवाड़ी'।
किचकिच, किचकिचाहट-स्त्री० १ पशुओं को हांकने की ध्वनि । किमाड़-देखो 'कपाट'।
२ स्त्रियों की सांकेतिक ध्वनि । ३ किसी बात पर किंवदंती-स्त्री० [सं०] १ जन-श्रुति । दंतकथा । २ कहावत । असहमति या नकारात्मक उत्तर देने की ध्वनि । ४ विवाद, किवाड़-देखो 'कपाट'।
तकरार । ५ चर्चा । किवाड़ियो-पु० [सं० कपाट] १ छोटा कपाट । २ वक्ष स्थल के
| किचकिची-स्त्री०१ क्रोध में दांत पीसने की क्रिया । २ साहस , ___एक बाजू का हिस्सा।
हिम्मत । ३ जोश आवेश । ४ अरुचि । किंवाड़िया (रिया) दोस-पु० कपाट खोलकर भिक्षा लेने के लिए।
किचपिच-देखो 'कचपिच' । अन्दर जाने व बाहर आने पर लगने वाला दोष ।
किचरणौ (बी)-क्रि० १ रोंदना, कुचलना । २ चबाना । किवाड़ो-स्त्री० १ खपचियों या पट्टियों का छोटा दरवाजा,
किचळावरणौ (बी)-क्रि० रद्द होना। कपाट । २ छोटा कपाट । ३ पशुओं के बाडों पर लिया जाने वाला कर ।
किटकड़ौ-पु० १ शिर, मस्तक । २ खोपड़ी। किसारी-देखो 'कसारी'।
किटकली-स्त्री० जलाने की छोटी लकड़ो। किसुक, (ख)-पु० [स० किंशुक] १ पलाश, ढाक । २ तोता, किटकिट-स्त्रा० १ वान विशेष । २ दत कटाकट । सुप्रा । -वि०१ कुछ । २ लाल* ।
३ देखो 'किचकिच'। किह, किही-सर्व० किसी। कोई।
किटिम-पु० [सं०] १ मत्कुण, मच्छर । २ खटमल । ३ जू। कि-पु० १ श्रीकृष्ण । २ इंद्र। ३ सुर्य । ४ शिकारी । ५ गण।/ किट्टी-स्त्री० [सं० किट्ट] १ कान का मैल । २ तलछट ।
६ विचार । -स्त्री० ७ लक्ष्मी । ८ अग्नि । ९ निंदा। किठड़े-क्रि०वि० कहां, किस जगह ।
For Private And Personal Use Only