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काळीवह
( २२८ )
काव्य
काळोदह (दाह, वो, द्रह)-पु. १ वृन्दावन के पास यमुना नदी भूमि । वर्षा के पानी से फसल होने वाले खेत ।-जुर का एक कुण्ड । २ अत्यन्त काला।
-पु. काला-ज्वर । -तुड, प्रह-वि० गहरा काला। -नमक काळोधार (ध्रह)-क्रि०वि० १ बहुत बुरे ढंग से । २ देखो -पु० एक प्रकार का नमक । —पटौ-पु० नौकरी के 'काळीदह' ।
उपलक्ष में मिलने वाली जागीर की 'सनद' । -पारणी कालीनदी-स्त्री० १ यमुना। २ मालवा की एक नदी का नाम।। -पु० एक प्रकार की सजा । अंडमान निकोबार । काळीपहाड़ (पाड़)-पु० एक प्रकार का पहाड़ी पौधा विशेष । -भजरंग, भूछ, मिट-वि० अत्यन्त काला । -भांगड़ी--पु० काळीपोळी (बोळी)-वि० १ अशुभ एवं भयंकर । २ क्रोधावेश कुष्ण भृगराज । -मोडल-पु० कृष्ण अभ्रक । -मूडौ-पु०
युक्त । -स्त्री० १ भयंकर व गहरी अांधी। २ अंधेरी। अपकीति, कलंक । देश निकाला। हमेशा के लिये स्थान का काळीबूई-स्त्री० एक प्रकार का क्ष प विशेष ।
त्याग । -लूण='काळोनमक'। -सुरमौ-पु० कृष्णांजन । कालीमिरच-स्त्री० काली एवं गोल मिरच ।
कालौ-वि० (स्त्री० काली) १ पागल । २ उन्मत्त। -पाणी काळीमूसली-स्त्री० एक औषधी विशेष ।
शराब, मदिरा । कालीरात-देखो 'काळरात्रि'।
काल्ह, काल्हि, काल्हे-देखो 'काल या कल' । काळीसर-स्त्री० कृष्ण सारिवा ।
कावड़ (डि)-स्त्री० १ काष्ठ पट्टियों की चित्रित पुस्तिका । काळीसिंध-स्त्री० चम्बल की एक सहायक नदी।
२ इस पुस्तिका संबधी कविता । ३ टोकरियों का तराजू कळीसीतळा-स्त्री० एक प्रकार की चेचक ।
बहंगी। ४ एक जाति विशेष । -वि० १ कुटिल । २ बुरा । काळीसुतन-पु० गणेश, गजानन ।
३ कुबड़ा। कालुगौ-पु०-एक प्रकार का घोड़ा।
कावड़ियो-वि० १ कावड़ दिखाने वाला । २ बहगी में बोझा काळूडी-स्त्री० [सं० कालतुण्ड + रा. प्र. ई) १ बदनामी,
ढोने वाला। अपकीति । २ कलंक, दोष ।
कावतरौ-पु० धोका, छल, कपट, प्रपंच । कालूप्रौ-देखो 'कालुनौ' ।
कावर-देखो 'काबर' काळूस-देखो 'काळस' ।
कावरजाळी-वि० कपटी । धूर्त । काले-क्रि० वि० [सं० कल्य] १ आने वाले या गत दिवस को ।
कावळ-वि० १ बुरा । २ निकृष्ट । ३ विपरीत। २ कल। कालेज-पु० [अं॰] स्नातक एवं उससे ऊपर की पढाई का कावळयार-वि० १ कपटी, छलिया । २ धूर्त, चालाक । विद्यालय ।
३ उत्पाती । ४ विघ्नकारक। ५ कुटिल । ६ पाखंडी। कालेयक-पु० [सं० कालेयम्, कालीयकं] १ केसर । २ कलेजा।
७ दोषी । ८ खोटा। ३ एक प्रकार का चंदन ।
कावळयारी,कावळाई-स्त्री०१ चालकी, धूर्तता । २ छल, कपट । काळेरौ-पृ० काला हिरन ।
३ उत्पात । ४ विघ्न, बाधा। ५ कुटिलता। ६ पाखंड ।
. ७ दोष । ८ खोट। काळेनळ-पु० कालाग्नि ।
कावळियार, कावळियाळ कावळियो-देखो 'कावळयार' । काल-देखो 'काले'।
कावळी-स्त्री० १ बंगड़ी, चूड़ी । २ देखो काबली । कलोप-वि० काल या यमराज के सदृश, भयंकर, भयावह ।
कावळो-वि० (स्त्री० कावळी) भयंकर, भीषण । -पु० १ एक काळोवा, काळोवाव-पु० पशुओं का एक वात रोग ।
प्रकार का रण वाद्य । २ कौवा ।। काळी-पु० [सं० कालः] १ काला सर्प । २ हाथी । ३ काला रंग।
कावेरी-स्त्री० [सं०] १ रंडी, बेश्या। २ हल्दी । ३ दक्षिण ४ अफीम। ५ श्रीकृष्ण । ६ कलंक । ७ काला भैरव । ८ काला
भारत की एक नदी। ४ एक रागिनी विशेष । पदार्थ । ९ अपयश का या अवैधानिक कार्य । १० अनिष्टकारी कार्य । ११ घोड़ा विशेष । १२ ऊंट विशेष । -वि. कावो-पु० [फा० काबा] १ घोड़े को वृत्त में घुमाने की क्रिया। १ कृष्ण वर्णी, श्याम, काला । २ प्रकाशहीन,अंधकार युक्त ।। २ चक्कर, कर ३ कपटी, धूर्त । ४ बदनाम, कुख्यात । ५ अस्वच्छ, मलिन । काव्य-पु० [सं०] १ पद्य मय कोई रचना। २ कविता, शायरी। ६ निंदनीय, बुरा । ७ योद्धा, वीर । ८ अशुभ, भयंकर , ३ कविता या पद्य मय रचना की पुस्तक । ४ पद्य मय ६ नीला । १० महान, जबरदस्त । –कट, कीट, कुट-वि० कथा या इतिवृत्त । ५ कोई रसात्मक वाक्य या पंक्ति। अत्यन्त काला । -खेत-पु० काली मिट्टी की उपजाऊ [सं० काव्यः] ६ शुक्राचार्य का एक नाम । ७ कवि ।
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