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को
( २६० )
कोजागरीपूनम
कोई (क)-सर्व० [सं० कोऽपि] १ ऐसा एक जो अनिर्दिष्ट व कोकिल, (ला)-स्त्री० [सं० कोकिला] १ कोयल । २ छप्पय
अज्ञात हो । २ बहुतों में से जो चाहे एक ।-क्रि०वि० छंद का उन्नीसवां भेद । ३ जलता हुआ अंगारा । १ एक भी। २ लगभग, करीब।
४ युद्धप्रिय बावन वीरों में से एक । -पासण (न) कोईको-वि० (स्त्री कोइकी) कोईसा ।
-पु० चौरासी आसनों में से एक । कोईठो-देखो 'कोयठौ'।
कोको-स्त्री० चकवी। कोईरो-देखो 'कोहिरौ'। (स्त्री० कोईरी)
कोकीन-स्त्री० कोका वृक्ष की पत्तियों से बनी एक तेज औषधि । कोईली-१ देखो 'कोइल' । २ देखो 'कोयली'।
कोको-वि० १ थोथा, पोला, खोखला । -पु० नाक का कोईलौ-देखो 'कोयलौ'।
एक प्राभूषण विशेष । कोउ (ऊ, क)-सर्व० [सं० कोऽपि] कोई । -स्त्री० [सं० कुपक] | कोख-स्त्री० [सं० कुक्षि] १ उदर, पेट । २ गोद । ३ गर्भाशय । अग्निकुंड।
| -जली-स्त्री० वह स्त्री जिसके संतान होकर मर जाती कोक-पु० [सं०] (स्त्री०कोकी) १ चक्रवाक पक्षी। २ कोकिल । है। --बंद, बंध-स्त्री० बंध्या स्त्री, बांझ ।
३ मेंढक । ४ भेडिया । ५ विष्णु । ६ रतिविद्या । कोखयक-स्त्री० [सं० कौक्षेयक] तलवार । कृपाण । ७ काम शास्त्र । ८ काम शास्त्र का ज्ञाता, पंडित । कोखा-पु० गेहूँ का भूसा। ९ संगीत का छठा भेद । -सर्व० कोई । -कळा-स्त्री० कोगत-स्त्री० [सं० कौतुक हंसी, मजाक, दिल्लगी। रति विद्या, काम कला । काम शास्त्र । संभोग । --देव-पु० कोगति, (ती)-वि० मजाकिया, दिल्लगी करने वाला । कोक शास्त्र का पडित । -नद-पु. लाल कमल । कमल । -स्त्री० बुरी गति, अधोगति।
श्वेत कमल । --सार, सास्त्र-पु० काम शास्त्र, रतिशास्त्र। कोड़, (डि)-वि० [सं०कोटि] करोड़, कोटि । -स्त्री० १ करोड़ कोकड़-पु. [सं० कौकुट] १ बाल-बच्चे । २ पीलू के सूखे फल । की संख्या। [सं० कोड] २ वक्षस्थल, गोद । ३ सूअर । कोकड़ियौ-देखो 'कोकडी'।
-पसाव-पु० करोड़ रुपयों का दान, पुरस्कार । -वरीस कोकड़ी-स्त्री. १ कच्चे सूत की लच्छी । २ डोरे की गिट्टी। -वि० उक्त पुरस्कार देने वाला ।
३ मदार का डोडा या फल । ४ पीलू के सूखे फल । कोडिक-पु० [सं० कोटिक] कसाई। ५ बंधन । ६ बाहु (भुजा) की मांस पेशी । ७ देखो कोडिटंकावळी-वि० करोड़ रुपयों के मूल्य का । 'कोकरड़ी'।
कोड़ी-पु० [सं० कोड] १ सूअर । २ बीस की संख्या । कोकरणौ (बौ)-क्रि० १ कच्ची सिलाई करना । २ प्रहार हेतु ---पाळ-पु० सूपर । ----डढ्डो-पु० सूअर, वराह । -धज
शस्त्र उठाना। ३ बुलाना । ४ भाले से छेदना । ५ मारना। -पु० करोड़पति। कोकन, कोकम-पु० दक्षिण भारत का एक प्रदेश ।
कोड़ीक, (ग)-वि० [सं० कोटिक] १ करोड़, अगणित । कोकर-पु० ककड़।
२ करोड़ रुपये के मूल्य का, अमुल्य ।। कोकरडी-स्त्री०१ छोटे कानों की बकरी । २ कान कटी बकरी।| कोड .कोड क-वि० करोड़ के लगभग, करोड़ । ३ देखो 'कोकड़ी।
कोड़े सरी-पु० [सं० कोटि+ईश्वर-नई] करोड़पति । कोकरी-स्त्री० हल के जूऐ के मध्य लगने वाली काष्ठ कोच-प० [अं०] १ गद्देदार सीटों वाली गाड़ी या डिब्बा । की कीली।
२ देखो 'कवच' । -बकस, बक्स, वगत--पु० घोडागाड़ी कोकरू (रू)-पु० स्त्रियों के कान का आभूषण ।
का वह ऊंचा स्थान जहां पर चालक बैठता है। -वान कोकरौ-पु० रहट के जूऐ में लगा कीला ।
-पु० घोडागाड़ी का चालक । कोकळ-स्त्री० बाल-बच्चे ।
कोचर-पु. १ कोचरी । २ दांतों में होने वाला छेद । कोकल, (ला)-स्त्री० [सं० कोकिल] १ कोयल । २ ककड़ी
।
२
३ सुराख । ४ कोटर।। ___ के सूखे टुकड़े ।
कोचरणौ (बौ)-देखो 'कुचरणौ' (बौ) । कोकव-पु. [सं०] एक संकर राग विशेष ।
कोचरी-स्त्री० उल्लू की जाति की एक चिड़िया । कोका-स्त्री० [सं०] १एक वृक्ष की सुखी पत्तियां जो चाय की | कोचीन-पु० दक्षिण भारत की एक प्राचीन रियासत । तरह मानी जाती हैं । २ कंकड़ ।
कोज-मर्व० कोई। कोकारी-स्त्री० १ चीत्कार, चीख । २ तेज आवाज ।
कोजळिया-पु० बिना धोया लट्टा । कोकाह-पु० सा..द रंग का घोड़ा।
कोजागरीपूनम-स्त्री० आश्विन मास की पूर्णिमा ।
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