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कायसपा
(
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कायसवा-स्त्री० [सं० कायस्था] हरीतकी, हरे।
| कारट-पु. १ मृतक-संस्कार कराने वाली एक जाति व इस काया-स्त्री० [सं०] १ शरीर, देह, तन । २ तना, पेड़ । ३ एक
जाति का व्यक्ति । २ खेल में दिया जाने वाला चकमा । प्रकार की छरी । -कल्प-पु० उपचार । चिकित्सा से
३ पोस्टकार्ड। शरीर में आने वाला निखार । --द-हरणी-स्त्री० हरे, | कारटून-पु० हास्य चित्र । हरीतकी। --चाळी-पु० युद्ध । -जळ-पु० नेत्र, नयन ।
| कारण (रिणयौ)-पु० [सं०] १ वह प्राधार जिस पर किसी बात -धर, धार-पु० मनुष्य । -पलट-पु. नव निर्माण ।
का निर्णय अवलम्बित हो। २ वजह । ३ हेतु, निमित्त । -लज-पु० नेत्र, नयन ।
४ प्रयोजन, उद्देश्य । ५ साधन जरिया । ६ तत्त्व, सार ।
७ मूल बात । ८ कर्ता, जनक । ९ गर्भ, अाधान । कायौ-वि० (स्त्री० कायी) हेरान, परेशान, तंग ।
१० वंशज । ११ प्रीति, प्रेम । १२ इन्द्रिय । १३ शरीर । कारंजो-पु० एक वृक्ष विशेष ।
१४ चिह्न । १५ दस्तावेज, प्रमाण । १६ निदान, हल । कारंड, कारंडव-पु० [सं० कारंडवः] १ एक प्रकार की बतख ।
१७ विष्णु । १८ शिव । १९ श्रीकृष्ण । २० मान, प्रतिष्ठा । २ एक प्रकार का हंस ।
२१ गौरव । -करण-पु० ईश्वर। -माळा-स्त्री० एक कार-स्त्री० [सं० कारा] १ सीमा, सरहद । २ सीमा रेखा। अर्थालंकार। -सरीर-पु० नैमित्तिक शरीर (वेदान्त)।
३ मर्यादा । ४ काम, कार्य । ५ मदद, सहायता । कारणई-देखो 'कारण।। ६ असर । ७ कगार । दूत, चर। ९ कुछ शब्दों के आगे कारणीक-वि०१ कुछ करने योग्य । २ बुद्धिमान, चतुर । लगकर संज्ञत्व बोध कराने वाला प्रत्यय । १० छोटी मोटर । ३ अद्भुत, विचित्र । ४ काम करने वाला । ५ कारण .-प्रामव-वि० उपयोगी । -गर-वि० असरदार । उत्पन्न करने वाला । ६ प्रतिष्ठावान, प्रभावशाली । ---गुजार-पु० भली प्रकार कर्त्तव्य पालन । कार्य कौशल ।
७ चालाक, धूर्त । ८ उत्पाती। ----चोभ-पु० जरीतारी का कार्य । -बार-पु० व्यवसाय, | कारण-क्रि० वि० कारण से, वास्ते, लिए। व्यापार । -मुख-पु० अर्जुन । धनुष । –साजो-स्त्री० |
पु० अजुन धनुष साजात्रा० कारणोपाधि-पू० ईश्वर । कार्य बनाने की कला । होशियारी, चालाकी।
कारतक-देखो 'कारतिक'। कारक-पु० [सं०] १ व्याकरण में सात प्रकार के कारकों में कारतबीरज (वीरज)-पु. कृतवीर्य का पुत्र सहस्रबाहु ।
से कोई एक । २ संज्ञा व सर्वनाम का क्रिया से संबंध जोड़ने | कारतिक-पु० [सं० कार्तिक] १ स्वामिकात्तिकेय । घाला शब्द । ३ विधाता, विधि । ४ शब्दों के आगे लगकर २ कात्तिक मास । गुणबोध कराने वाला प्रत्यय । -वि० करने वाला। कारतूस-पु. बन्दूक की गोली। -दीपक-पु० एक अर्थालंकार ।
कारत्तिक-देखो 'कारतिक' । कारकून-पु० [फा०] १ लिपिक, लेखक (क्लर्क) २ किसी के कारनीक-देखो 'कारणीक' ।
प्रतिनिधि रूप में काम करने वाला। ३ किसी की ओर से | कारमुकासरण (न)-पु० [सं० कामकामन] चौरासी प्रासनों प्रबन्ध करने वाला।
में से एक। कारख-स्त्री० [सं० कालुष्य] १ राख, भस्मी। २ कारिख,
कारमौ-वि० (स्त्री० कारमी) १ कमजोर अशक्त । २ कायर,
भीरु । ३ व्यर्थ बेकार। कालिख । ३ विद्वेष । ४ विषजन्य बुरी भावना । ५ मन का मेल ।
कारय, कार्य-देखो 'कारज' । कारखांनो-पु० [फा० कारखाना] १ लकड़ी, लोहा आदि का | कार्यारथी-वि० [सं० कार्याथिन] १ अपने कार्य को सफल व्यापारिक सामान बनाने की दुकान या यन्त्रशाला ।
करने का इच्छक । २ लक्ष्य की प्राप्ति के लिए प्रयत्नशील । २ निर्माण-कक्ष । ३ उद्योग-स्थल । ४ कारबार, व्यवसाय ।।
३ प्रार्थी । ४ किसी दावे की वकालात करने वाला। ५ खजाना, धनागार । ६ टकशाल । ७ जवाहिर खाना । कारवां, (न)-पु० [फा०] यात्री-समूह, काफिला । ८ अप्तःपुर विशेष । २ विभाग, महकमा । १० निजी,
कारस्कर-पु० [सं० कारस्कर] किपाक नामक वृक्ष । निवास के अतिरिक्त भवन ।
कारा-स्त्री०१ कैद । २ बंधन । ३ कैदखाना, कारागार । कारड़--देखो 'कारट'।
४ पीड़ा, क्लेश । [सं० कार्यु :] ५ गोबर का महीनतम मूखा कारज (जो)-पु० [सं० कार्य] १ काम, कार्य। २ कर्तव्य ।। चूरा । -गार, ग्रह-पु० कैदखाना, जेल । -ग्रह-राक्षस--
३ उद्देश्य, मतलब । ४ मृत्यु भोज । ५ अन्तिम संस्कार। पु० इन्द्र । ..-सदन-पू० कागगार ।
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