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कलौ
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( २०७ )
कळन - देखो 'कळण' ।
कळपंत-देखो 'कळपांत' ।
कलौ (ब)- कि० १ पहिचानना जानना। २ विचार करना कळपांत, (तर)-पु० [सं० कल्यांत] १ कप का धन्त युगांतकाल
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२ प्रलय । ३ नाश, संहार । ४ ब्रह्मा का दिवावसान । कळपारणों (बौ) - क्रि० १ तरसाना, सताना । २ दुःख देना ।
३ कुढ़ाना। ४ विलाप कराना, कलाना । ५ संकल्प कराना । कळपित वि० [सं० कल्पित ] १ मनगढ़ंत । २ कल्पना से
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बनाया हुआ । ३ नकली । ४ प्रतीकरूप ।
समझना ।
कळत-देखो 'कळत्र' ।
कळकंठ ५० सं०कलित कंठ पपीहा ।
कळत-पु० लोहे की हमारी।
कळतांन- पु० १ ऊपर तानने या बिछाने का वस्त्र । २ जूट
का पतला वस्त्र, टाट २ महीनतम पीसने की क्रिया ।
कळतीतर पु० एक प्रकार का तीतर पक्षी ।
कळल करी० [सं० कल] १ स्त्री, पत्नी २ कटि कळबल्ली - वि० करुरणा जनक पुकार या आवाज । कळवांगी- देखो 'कळवांरणी' |
कमर
कूल्हा ।
कळदार - वि० जिसमें यंत्र, पुर्जे आदि लगे हों । पु० रुपये का कळबी-देखो 'कुनबी' ।
सिक्का |
कळधन- पु० ० दीपक, ज्योति 1 कळधारण (न) - पु० इन्द्र ।
कळल (धोत, धीत) पु० [सं०] कलधौत] १ सोना, स्वर्ण २ चांदी ।
कळप कलप - पु० [सं० कल्पः ] १ वेद के छे अंगों में से एक । २ धर्मशास्त्र का प्रादेश । ३ ब्रह्मा का एक दिवस । ४ समय का एक विभाग जो ४३२००००००० वर्षों के बराबर माना गया है । ५ निर्दिष्ट या ऐच्छिक नियम । ६ संकल्प | ७ विधान रीति, ढंग । ९ प्रस्ताव । १० कल्प वृक्ष । ११ प्रलय । १२ दिन । १३ चिकित्सा विधि । १४ प्रकाश । १५ बुद्धि । १६ कपट । १७ रथ । १८ संकल्प विकल्प १९ साधु का आचार-व्यवहार, मर्यादा (जैन) । तर, तरु, तरू, तरूवर, तरोवर, तरौ, द्रुम पु० कल्पवृक्ष लता, वेलि स्त्री० स्वर्गीय लता विशेष ।
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बेलि, - विरख वृक्ष,
विविध-पु० कल्पवृक्ष
(ब) क्रि० [सं० कल्पनम् ] १ विलाप करना गेना | लिखना । २ दुःखी होना। ३ कुढ़ना, चिढ़ना । ४ वियोग में तरसना । ५ त्यागना । संकल्प करना । ६ चिल्लाना । ७ देखी 'कलपरणी' (बौ) ।
कलपरणी (बी) - क्रि० १ कल्पना करना । २ अंदाज लगाना ।
३ संकल्प करना । ४ साधु का आचार-व्यवहार और मर्यादा के अनुसार कर्तव्य करना (जैन) । ५ देखो 'कळपणी' (बो) ।
कलपत - पु० दोष, कलंक । कलपना - स्त्री० [सं० कल्पना |
२ सभावना । ३ रचना रचना ६ मन की उड़ान । कलपनी स्त्री० [सं० कल्पनी] कैची।
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१ कल्पना, कल्पित भावना | ४ उदभावना । ५ अध्यारोप,
कलमी
कळपौ-पु० फसलयुक्त जोती हुई भूमि में से बैल जोत कर घास काटने का एक उपकरण विशेष ।
कळवच्छता - पु० [सं० कल्पवृक्षपिता ] समुद्र ।
कळभ - पु० [सं० कलभः] १ हाथी का बच्चा । २ ऊंट का बच्चा, करभ । ३ हाथी । ४ धतूरे का पेड । ५ प्राश्रय । ६ शीघ्रता । ७ शकुन ८ आकाश ९ भादवमास । कलम- स्त्री० [अ०] १ लेखनी, कलम । २ भाषा । ३ किसी पौधे की हरी टहनी जो काट कर अन्यत्र लगाई जाय । ४ मान प्रतिष्ठा । [ ऋ० कल्मः ] ५ कलमा पढ़ने वाला मुसलमान ६ स्वर्णाभूषणों में जड़ाई करने का बीजार ७ रंग भरने की कूंची कनपटी पर रहने वाले बाल । । - कसाई - वि० लिखावट में
९ इस्लाम का मूल मंत्र मारने वाला । कलमख- देखो 'कलमस' | कळमत पु० युद्ध |
। २ कुलबुलाना ।
कळमळरणौ (बौ) - क्रि० १ झुंझलाना ३ कराहना । ४ अपने अंगों को घुमाना । कलमस-पु० [सं० कल्मषः ] १ पाप । २ मैल । ३ नरक । ४ श्याम वर्णं । - वि० [सं० कल्मष] १ पापी, दुष्ट । २ मैला, गंदा । ३ श्याम, काला । कलमांछात, कलमांग, कलमांयण- पु०
कल मांयरण - पु० १ वादशाह ।
२ मुसलमान । कलमा पु० वह बात, वाक्य जो मुसलमान धर्म का मूल मंत्र है । कलमास - वि० [सं० कल्माष: ] चितकबरा, सफेद और काले रंग वाला ।
कलमी - स्त्री० ० १ श्याम रंग की घोड़ी । २ श्रामों की एक जाति । कलमुख देखो 'कलमस' ।
कळ मूळ-पू० [सं० कलिमूल] १ सेना, फौज । २ सेनापति । ३ झगड़े का मुख्य कारण ।
कलमेपाक ( पाख) वि० कलमा पढ़ कर पवित्र ।
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कलमी पु० [अ० कल्म ] १ मुसलमान धर्म का मूल मंत्र । २ कलमा पढ़ने वाला मुसलमान ।