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কৰি
कसबी
कवि-पु० [सं०] १ कविता, काव्य या पद्यों का रचयिता । | १४ गुजाईश । १५ मितव्ययता। १६ तलवार की लचक ।
काव्यकार, गायर । २ पंडित । ३ आदि कवि वाल्मीकि । -वि० थोड़ा, कम । ४ बृहस्पति । ५ शुक्राचार्य । ६ व्यासदेव। ७ ब्रह्मा। कसक-स्त्री०१ पीड़ा, वेदना, दर्द । २ टीस । ३ कसीस धातु । ८ सूर्य । १ घोड़ा। १० लगाम । -वि० १ बुद्धिमान, ४ चुभन । चतुर । २ विवेकशील । ३ सर्वज । ४ पलाध्य । कसकरणौ (बो)-क्रि० १ दर्द से कराहना, टीस उठना। २ टलना। ५ प्रतिभाशाली। -अण, य-पु. पंडित ममुदाय । हटना। ३ भागना। ४ लचकना । कविजन । ... रजा राज, गजा, राय, राव-पू० श्रेष्ठ कवि कसकत-देखो 'कसक' । या काव्यकार श्रेष्ठ वैद्य (उपाधि) ।
कसट (टि)-देखो 'कस्ट'। कविईलोळ -पु० डिगल का एक छंद ।।
कसटरणी (बौ)-देखो 'कस्टगो' (बौ)। कवित (त्त)-पृ० सं० कवित्त १ छप्पय छन्द । २ इकतीस कसरण-पु० [सं० कृशानु] १ आग, अग्नि । २ कंचुकी का बंधन। अथवा बत्तीस अक्षरों का एक वृत्त । ३ कविता ।
३ बधन । ४ कसावट । ५ देखो कसणो' । कविता (ई)-स्त्री० [सं०] १ कोई पद्यमय रचना । २ काव्य । | कसरणका (क)-पु. कवच ।
३ पद्य । ४ गीत । ५ काव्य रचना की शक्ति । कसरणी(रपो)-स्त्री० १ कमौटी । २ कसौटी का पत्थर । कविति-१ देखो 'कविता' । २ देखो 'कवित्त' ।
३ परीक्षा । ४ रगड़ । ५ कष्ट, तकलीफ । चारजामे का कविळास, (ळासि, ळासो)-देखो 'केळास' ।
बंधन । ७बंधन । ८ कंचुकी, डोरी। ९ कवच का हक । कविलो-पृ० ग विशेष का घोड़ा।
१० कसने का उपकरण । ११ मर्प की गर्दन । १२ फीता। कबोंद (द्र)-देखो 'कविद' ।
कसणौ (बौ)-कि० १ डोगे से खींच कर बांधना । २ मजबूती से कवी-स्त्री. १ मादा कौना । देखो 'कवि' ।
गठित करना। ३ मजबूत, बांधना । ४ कसाटी पर घिसना । कवीयंद-देखो 'कविद।
रगड़ना । ५ दबाना, भींचना । ६ कटिबद्ध होना । ७ मस्ती कवीयरण, यांरण-देवा 'कविनगा।
में काम लेना। ८ प्रत्यंचा चढाना । ९ ननाव देना । १० कवीलौ-देखो 'कबीलो'।
यत्र के पुर्जे कसना । ११ कमियाजाना। १२ कम होना, कवीस, कवीसर, कवीस्वर-पु०म० कवीश्वर] १ श्रेष्ठ कवि, घटना। कविराज । २ महर्षि ।
कसतूरियो-वि० १ कस्तूरी का, कस्तुरी संबंधी। २ कस्तूरी कवेरजा-स्त्री० कावेरी नदी।
रंग का। -पु० कस्तूरी रंग का घोड़ा। ---म्रग, म्रिग, कवेळ-पु० [म० कैवल्य] १ श्रीकृष्ण । २ मोक्ष ।
म्रघ-पु० कस्तूरी वाला हरिन । कवेळा(ळो)-देखो 'कुवेळा'।
कसतूरिय(रीय, पूरी)कसत्तरी, कसत्तू रीय-स्त्री० [सं० कस्तुरी) कवेळू -देखो 'केळ।
एक सुगंधित द्रव्य. मृगमद, मुश्क । कवेस, (सर,सुर)-देखो 'कवीस्बर'।
कसतौ-पु० कम तोलने की क्रिया या भाव, कम नापने की कवी--पृ० [सं० कबलः] ग्रास, कौर, निवाला ।
क्रिया। -वि० कम । कव्यद-देखो 'कविंद'।
कसन-१ देखो 'स्गा' । २ देखो 'कगग' ।
कसनाग (नागर, नागरौ)-देखो 'किसनागर'। कव्य-पृ० पितरों के प्रति तैयार किया जाने वाला अन्न ।
कसनावास-पु० [सं० कृष्ण + प्रावास ] पापल-वृक्ष । कटवाल-पु० [अ०] १ मुसलमान गायक । २ 'कव्वाली' गाने
कसप-पु. कश्यप । —तनु-पु० गरड़ । बाला गायक ।
कसपरजवाळी-स्त्री० पृथ्वी, भूमि । कव्वाली-स्त्री० [अ०] १ मुसलमान पीरों की स्मृति में गाया कसब-पु० १ वेश्या वृत्ति । २ व्यभिचार की कमाई । ३ धंधा,
जाने वाला विशिष्ट गाना । २ इस राग का कोई गीत, पेशा । ४ एक प्रकार की बढ़िया मलमल । गजल ।
कसबन-स्त्री० १ वेश्या । २ वेश्या बनि करने बाली स्त्री। कस-पू० सं० कश, कशा, कप] १ मार, निचोड । २ तत्व।। कसबी-स्त्री० १ ऊंट के चारजाम का फीता या रस्सी। ३ रस । ४ छितराए हए छोटे२ बादल । ५ सश । ६ शक्ति,
२ एक प्रकार का बढ़िया रेशमी वस्त्र । ताकत । ७ कंचुकी प्रादि बांधने की डोरी । - बांधने के | कसबोई (बोय, बोह, बौ)-देखो 'खमबू' । लिये किमी वस्त्र के लगी डोरी। कमौटी। १० चाबुक, कसौ-पु० [अ० कम्बा] १ छोटा शहर । बड़ा गांव । २ एक कौडा । ११ खिंचाव । १२ कमी । १३ फायदा। प्राचीन कर। ३ देखी 'खसधु' ।
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