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कसू भी
(
२१४ )
कहको
कसूभी-वि० कुसुम के समान लाल ।
कस्सौ-सर्व० कोनसा । -पु० फीता। कसूमल-देखो 'कसूबल'।
कह-पु० [सं० कथ] १ कोलाहल, शोर । २ कल-कल ध्वनि । कसूत-वि० मीधा न चलने वाला।
३ कथा। कसूम-देखो 'कुसुम'।
कहक-स्त्री० [सं० कुहक] १ मोर, कोकिल प्रादि की बोली। कसूमल-देखो 'कसूबल'।
२ कलरव । ३ कोयल की कूक । ४ बिजली की चमक ।। कसूमो-देखो 'कसूबो।
कहकहाट, कहकहो, कहक्कह-पु० [अ० कहकाह] जोर की कसूर-पृ० [अ०] १ अपराध, गुनाह । २ दोष, बुराई। हंसी, ठट्टा। ___३ अवगुण । ४ त्रुटि, कमी। ५ भूल । -वार-वि० | कहड़ौ-वि० (स्त्री० कहड़ी) कैसा। गुनाहगार, अपराधी ।
कहण-स्त्री० [सं० कथन] १ कहना क्रिया या भाव । २ उक्ति। कसेरु (रू)-पु० [सं० कशेक] १ पीठ के मध्य की हही मेरुदण्ड । ३ वचन, वाक्य । ४ कहावत । ५ वर्णन, निरूपण ।
२ एक प्रकार का तृण । ३ जल में उत्पन्न होने वाला -सर्व० किस। एक फल विशेष ।
कहणन-क्रि० वि०१ किसलिये, क्यों। २ कहने के लिए। कसेल-वि० योद्धा, वीर ।
कहणार-वि० १ कहने वाला । २ कहने योग्य । कसोणी (बी)-क्रि० १ बिछाना । २ कसना ।
कहणावत-देखो 'कहावत'। कसोभी-वि० अशोभनीय ।
कहणी-स्त्री० [सं० कथन] १ कहने की क्रिया या भाव । कसोयरी-वि० [सं० कृशोदरी] पतली कमर वाली।
२ कहावत । ३ चर्चा, कथनी। कसौ-वि० कैसा । -सर्व० कौनसा । देखो 'कस्सौ'।
कहणी-पु० [सं० कथन] १ अपयश । २ डांट-फटकार । कसौटण, कसौटो-स्त्री०१ सोना, चांदी का परीक्षण करने का ३ ग्राज्ञा, प्रादेश । ४ कथन । ५ अनुरोध ।
पत्थर । २ परख जांच, परीक्षा । ३ कसौटी पर रखने की | कहणी (बौ)-क्रि० [सं०कथनम्] १ बोलकर अपनी बात कहना, क्रिया या भाव । ४ दुःख । ५ कष्ट ।
बोलना । २ व्यक्त करना, प्रगट करना । ३ उच्चारण कसौटो-पु० [सं० कष्ट] १ कष्ट, दुःख २ संकट ।
करना। ४ समझाना। ५ कहा-सुनी करना, डांटना । कस्ट-पु० [सं० कष्ट] १ दर्द, पीड़ा, बेदना । २ दुःख ।। ६ सूचना करना, खबर देना । ७ पुकारना । ८ बहकाना,
३ श्राफत, संकट, विपनि । ३ अड़चन, कठिनाई। ५ पाप । भूलाना। ६ दुष्टता । ७ तकलीफ, परिश्रम ।
कहत-पु० [अ० कहत] १ दुभिक्ष, अकाल । २ प्रभाव, कमी, कस्टणी (बी), कस्टीजरणों (बौ)-क्रि० १ कष्ट से पीड़ित होना। किल्लत।
२ प्रमव पीड़ा से ग्रस्त होना। ३ आफत या कठिनाई | कहनाण-पु० [सं० कथन] कहने योग्य बात, शब्द, कथन । में पड़ना।
कहबत-देखो 'कहावत'। कस्टी-वि० [सं० कष्ट] दुःखी, पीडित ।
कहर--पु० [अ० कह] १ प्रलय । २ घोर विपत्ति, संकट । कस्तूरियो-देखो 'बमतूरियो ।
३ रीढ़ की हड्डी । ४ दर्द, कष्ट । ५ बज्राघात । ६ युद्ध । कस्तूरी-देखो ‘कमतूरी'।
७ क्रोध, कोप । ८ विष, जहर । . गेब, प्रभाव । कस्तो-देखो 'कमतौ'।
१० तलवार । ११ शत्रु, दुश्मन । १२ भिक्ष, अकाल । कस्मल-वि• गंदा, मैला, घृणित ।
१३ कुप्रा । १४ नक्कारा-वाद्य । १५ भय, प्रातंक । कस्यप-पृ० सं० कश्यप, १ कछुपा । २ दिति र अदिति के १६ जोशपूर्ण ध्वनि, गरजन। १७ सातवीं बार उलट कर पति एक ऋषि । ३ देखो 'कसिपु' ।
बनाया गया शराब । १८ देवी विपत्ति । १९ अमानुषिक -प्रात्मज, सुत सुतन-पु० सूर्य । गरुड ।
कार्य । २० अत्याचार । २१ मौत, मत्यु । --वि०१ भयानक, कस्स--१ देखो 'कस' । २ देखी 'कमर' ।
भयावह । २ जबरदस्त । ३ महान् । ४ अत्यधिक, बहुत । कस्सरण-देखो 'कसण।
५ तीव्र, तेज । ६ उग्र । ७ दुष्ट । ८ नीच अोछा । कस्सरणी (बी)-देखो 'कसणी' (बी)।
कहरवा-स्त्री० १ एक ताल विशेष । २ एक पत्र विशेष । कस्सी-स्त्री. १ एक प्रकार की खुरपी जिममे फसल के साथ उगे
कहरी-पु. एक प्रकार का घोड़ा । घास को माफ किया जाता है। बधियाकरण (बल कहवत-देखो 'कहावत'। आदि)। : देखो 'कमी'।
| कहवी-पु० [अ० कहवा] एक वृक्ष विशेष का बीज ।
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