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उठांतरी
उडि, उसे
उठांतरी-स्त्री० [सं० उत्थान्तरम् ] १ उठाने की क्रिया या भाव । उडंबर-पु० गूलर ।
२ मौएफ, खारिज, विजित । ३ नाश । ४ जागीरदार की | उडंबरी-स्त्री० एक तार वाद्य विशेष । भूमि जब्त हो जाने पर उसे पुनः अधिकार में लेने की उड-पु० [सं० उडु] तारा, नक्षत्र । -गण, गन, गांरण-पु० राजाज्ञा ।
तारागरण, नक्षत्रगण । ---पत, पति, पती-पु. चन्द्रमा, उठांमणी-देखो 'उठावणी' ।
शशि । –माळ-स्त्री० तारागण । नक्षत्र, सितारे । उठाईगीर, (गोरौ)-वि० (स्त्री० उठाईगीरी) चोर, उचक्का, -राज-पु० चन्द्रमा । बदमाश, ठग।
उडण-स्त्री० उड़ने की क्रिया । -वि० उड़ने वाला ।-खटोलड़ी, उठाईगीरी-स्त्री० १ किसी के पदार्थों को उठा कर ले जाने की खटोळणी, खटोळी-पु. छोटा विमान । हेलीकोप्टर। क्रिया, चोरी। २ देखो उठाईगीर'।
उडणौ (बौ)-क्रि० [सं० उड्डयन] १पंख, मंत्र शक्ति या मशीन उठाउ (ॐ)-क्रि०वि० वहां से।
के जरिये याकाश में विचरण करना, उड़ना । २ हवा में उठाः (ऊ)-वि०१ उठाने वाला उचक्का । २ हस्तान्तरण योग्य । तैरना। ३ लम्बी छलांग भरना । ४ शून्याकाश में वायु के उठा-क्रि०वि० उधर वहां । -क-वि० उठाने वाला । -पु० शीघ्र सहारे बहना। ५ बहुत तेज चलना । ६ कट कर अलग ___उठाने की क्रिया या भाव ।
होना । ७ कपूर आदि पदार्थों का गैस बन कर अदृश्य उठाडणौ (बौ), उठाणौ (बी)-प्रे०क्रि० [सं० उत्थानम्] होना, समाप्त होना । ८ रंगादि का फीका पड़ना।
१ उठाना, खड़ा करना । २ जगाना। ३ पड़े हुऐ को हाथ ६ अफवाह आदि का फैलना । १० हवा में फहरना। में लेना । ४ नीचे से ऊपर करना । ५ धारण करना । ११ वायु के सहारे आकाश में फैलना । १२ अलोप या ६ वहन करना । ७ अपने ऊपर लेना । ८ निकालना । गायब होना । १३ खर्च होना । १४ भोगा जाना । १५ मार ९ ऊपर किये रहना । १० उन्नत करना, बढ़ाना । या प्राघात पड़ना । १६ धोखा या चकमा देना । १७ बारूद ११ चढ़ाना । १२ गोद में लेना । १३ प्रारम्भ करना । अादि से नष्ट होना, ध्वस्त होना । १४ तैयार करना, उद्यत करना । १५ उत्साहित करना ।। उडप-देखो 'उडुप' । १६ बंद करना । १७ समाप्त करना, पूर्ण करना । १८ खर्च उडळभरि (भरी)-पु० हाथी, गज । करना । १९ किराये पर देना । २० भोग करना। उडवा-स्त्री० [सं० उटज) कुटी, झोपड़ी। २१ अनुभव करना । २२ कुछ लेकर सकल्प करना।। | उडारण, (डान, य)-स्त्री० [सं० उड्डयन] १ उड़ने की क्रिया २३ उधार देना । २४ लगान पर देना । २५ जिम्मेदारी | या भाव । २ छलांग । ३ कवि तर्क । लेना । २६ सहन या बर्दाश्त करना । २७ स्वीकार करना। उडाऊ-वि०१ उड़ने वाला। २ उड़ाने वाला । ३ अपव्ययी। २८ प्राप्त करना । २६ खोलना । ३० हटाना ।
उडाक-वि० उड़ने में निपुण । उठाव-देखो 'उठांग'।
उडाडणौ, (बौ) उडारणौ (बौ)-प्रे०त्रि०१ पंखों द्वारा,मंत्र शक्ति उठावरणी-स्त्री० १ तेजी से लपकने की क्रिया । २ आक्रमण,
या मशीन के जरिये प्राकाश में उड़ने को प्रेरित करना, हपला । ३ नेतापन ।
उड़ाना । २ हवा में तैरना । ३ वायु में ऊंचा उठाना । उठावरणौ-पु. मृतक के पीछे रखी जाने वाली तीन या बाहर
४ हवा में फेंकना । ५ लम्बी छलांग भराना । ६ काट कर दिवसीय बैठक की समाप्ति ।
अलग करना। ७ गायब करना, चुराना । ८ छक कर खाना। उठावरणौ (बी)-देखो 'उठागौ' (बौ) ।
९ प्रहार करना, मारना । १० बर्बाद करना । ११ खर्च उठावौ-वि० १ जिसका कोई स्थान निश्चित न हो ।
करना । १२ हवा में फहराना। १३ धोखा देना । १४ बात २ जो उठाया जाता हो। ३ उठाने वाला। ४ चुपके से
को टालना । १५ निंदा या मखौल द्वारा हतोत्साहित उठाकर चलने वाला।
करना । १६ तेज दौड़ाना, भगाना । १७ फरार करना, उठा-किवि० उधर, उस पोर ।
भगाना । १८ प्रतिस्पर्द्धा कराना। उठे (8)-क्रि.वि. वहां, उस जगह, उधर । उठेल-पु० फेंकने की क्रिया या भाव ।
उडायण-क्रि०वि० १ अत्यन्त तीव्र गति से । २ देखो 'उडियण' । उडा-वि० १ उड़ने वाला, उड़ने योग्य । २ चलने, फिरने या उडाळणी (बी)-देखो 'उ'करणी' (बी)। डोलने वाला।
उडावरणौ (बी)-देखो ‘उडारणों' (बौ)। उडंग, उडंड, उडडाणी-देखो 'ऊडंड'।
उडि, उडी-पु० १ पक्षी । -स्त्री० २ आकाश में उड़ने वाली उडत पु. कृशती का एक दाव । -क्रि० वि० उड़ता हुआ। धूलि । -यण-पु० तारे, पक्षी, पंवेरु । --उडियांरण-पु०
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