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उपमजारणी
( १४७ )
उपवासी
उपमजापोबी)-१ उपमर्दन करना। २ देखो 'उपजाणी' (बौ)।। उपरांम-पु० [सं० उपराम] १ निवृत्ति । २ विरक्ति । ३ उदाउपमारण, (मान)-पु० [सं० उपमान] वह वस्तु जिसको उपमा सीनता । ४ विराम, पाराम । ५ मृत्यु । दी जाती है।
उपरांयत-वि० अधिक, विशेष । उपरांत । उपमा-स्त्री० [सं०] १ तुलना, समानता । २ एक प्रकार का
उपरा-क्रि० वि० ऊपर । -उपरी-क्रि० वि० एक पर एक । अर्थालंकार।
निरन्तर । -चढ़ी-स्त्री० प्रतिद्वंद्विता, स्पर्धा । उपमेय-वि० [सं०] १ जिसकी उपमा दी जाय। २ वर्ण्य ।। उपराठौ-१ चिंतालु । २ चिंतित । २ देखो 'अपूठौ' । उपयंद्र-पु० [सं० उपेन्द्र] १ इन्द्र का छोटा भाई । २ वामन । (स्त्री० उपराठी)। ३ विष्णु। ४ श्रीकृष्ण ।
उपराध-देखो 'अपराध'। उपयम, (यांम)-पु० [सं० उपयमः] विवाह ।
उपरायण-क्रि०वि० १ ऊपर से । २ शीघ्रता पूर्वक । उपयुक्त-वि० [सं०] ठीक, उचित, यथायोग्य ।
उपराळी-पु० १ पक्ष ग्रहण । २ सहायता, मदद । उपयोग-पु० [सं०] १ व्यवहार प्रयोग । इस्तेमाल । २ अाव- | उपरावटौ-वि० (स्त्री० उपरावटी) १ गर्वोन्नत । २ अकड़ा
श्यकता। ३ योग्यता । ४ लाभ, फायदा । ५ प्रयोजन । हुप्रा । ३ देखो 'अपूठौ' (स्त्री० उपरावटी)। उपयोगिता-स्त्री० [सं०] १ आवश्यकता । २ काम में आने की उपरास-क्रि०वि० ऊपर से, ऊपरी। -वि० अधिक, विशेष । योग्यता, क्षमता । ३ लाभकारिता। ४ महत्व ।
उपरि-वि० ऊपर का। उपयोगी-वि० [सं०] १ महत्वपूर्ण । २ काम में आने योग्य । उपरियाळ-वि० एक से एक बढ़कर। विशेष, अधिक । ३ लाभकारी । ४ अनुकूल ।
उपरीजणी (बौ)-क्रि० बच्चे का रोग ग्रस्त होना । उपरंच-क्रि० वि० इसके बाद, पश्चात् ।
उपरेचौ-पु० दरवाजे पर लगने वाला काष्ठ का डण्डा । उपरंत-देखो 'उपरांत'।
उपरोक्त-वि० [सं० उपर्युक्त] जो ऊपर कहा गया हो। उपर-देखो 'ऊपर'।
उपरोध-पु० [सं०] १ अवरोध, अटकाव । २ रुकावट । उपरक्षरण, (रच्छण)-[सं० उपरक्षा] १ चौकी, पहरा । २ सेना पाच्छादन, ढक्कन । ४ प्राड । ५ प्राज्ञा, आदेश । की चदाई।
उपलंगी-पृ० [सं०] पर्वत, पहाड़। उपरति-स्त्री० [सं० उपरनि: १ विषय से वैराग्य, विरति । उपल-पृ० [सं०] १ पत्थर । २ ग्रोला। ३ रत्न । ४ बाल ।
२ उदागीनता । ३ मृत्यु, मौत । ४ त्याग, निवति । ५ घास विशेष । ६ चट्टान । ५ संभोग से प्रगचि।
उपलक्ष-पु० [सं०] १ चिह्न, संकेत । २ उद्देश्य, कारण । उपरम-पू० [सं० उपरमः] १ अदृश्यता, विलीनीकरण ।
३ दृष्टि । ४ खूशी। २ विरति, वैराग्य । ३ मृत्यु ।
उपलक्षित-वि० [सं०] १ चिह्नित, लक्षित । २ सूचित । उपरमरणौ (बौ)-क्रि० विनीन होना, अन्तर्धान होना।
उपलब्ध-वि० [सं०] १ प्राप्त । २ जाना हुआ।
उपलब्धि (ब्धी)-स्त्री० [सं] १ प्राप्ति । २ वृद्धि । ३ ज्ञान । उपरमाड़ (वाड़ी)-क्रि० वि० ऊपर ही ऊपर | -स्त्री० महा
४ अनुभव। जनी गणित को एक प्रक्रिया ।
उपलेप-पु. १ मरहम, लेपन । २ लीपा-पोती। ३ लेपन करने उपरमाडौ-देखो उपरवाडौ' ।
की वस्तु । उपरलियां (ल्यां)--देखो 'मावलियां' ।
उपलेषण (न)-पु० [सं] लेपन का कार्य । उपरवाडी, उपरताडौ-पू० [सं० उपरि-वाट] १हिसाब या गुणन उपलो-वि० (स्त्री० उपली) ऊपर का, ऊपरी । -पू० जलाने
की एक विधि विशेष । २ ऊपर का मार्ग : ३ गुप्त मार्ग।" का कडा, उपला। मूक्ष्म मागं । ४ पिछवाड़े या बगल का वह स्थान उपव-देखो 'उपमेय'। जहां से अनुचित रूप से आना-जाना हो ।
उपवन-पु. [सं०] १ बाग, बगीचा । २ छोटा जंगल । उपरवार-पु० नदी किनारे की भूमि। बांगर जमीन ।
३ कृत्रिम बन। उपरस-१० [सं०] गंधक ग्रादि पदार्थ ।
उपवरतन, (नी)-देखो 'उपबरतन' । उपरांठ (रांठउ,रांठियौ राठौ) -देखो' गाठौ' । (स्त्री० उपरांठी)।। उपवसत -देवो 'उपबसथ' । उपरांत (ति ती)-क्रि०वि० १ तदनन्तर, बाद में । २ ऊपर से। उपवास-पु० [सं०] वत, लंघन । अनशन । ३ फिर।
| उपवासी-वि० उपवास करने वाला, प्रता।
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