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भोळगुवा
वाला । ३ स्तुति करने वाला । ३ प्रवासी । घोळा-देखो 'घोळ' |
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( १०७ )
श्रीळगुवा, श्रोळ - ५० १ वंशावली गाने वाला । २ कीर्ति गाने प्रोलोंचरणौ (बौ) - देखो 'उलीचरणौ (बौ)। देखो 'प्रोहींचणी' (बौ) । श्रोलींगो (at) - क्रि० विचार में पड़ना, उलझना ।
प्रोलींडर ( बौ) - क्रि० १ ऊपर चढ़ना । २ उल्लंघन करना । लांघना । ३ पशुओं का संभोग करना । ओली-देखो 'बोळंदी |
बोली (बी) फि० १ मिलाना, मिश्रित करना । २ ह की तरह बनाना । ३ भिगोना । तर करना । ४ छिपाता । श्रीळनाल - स्त्री० वह झिल्ली जिसमें बंधा हुआ बच्चा उत्पन्न होता है. जरायु
भौ मौ० [सं० उपालंभ] १ उपालंभ, उलाहना २शिकायत वदनामी ४ कसुर ५ विलंब श्रोळमोळा - वि० समान, तुल्य । श्रोलरणौ ( बौ) --क्रि० १ झुकना
२ झुककर बरसना । ३ श्राच्छादित होना । ४ तरंग या लहर उठना । ५ मंडराना
उमड़ना ।
श्रोवर (बी) - देखो 'प्रोलणी' (बी) ।
श्रोलस वि० उमड़ा हुआ ।
प्रोलांडणी (बौ) - क्रि० उल्लंघन करना । त्यागना । पोळा, बोला- फि०वि० [सं० उपल] १ वर्षा में गिरने वाले हिमकरण । २ बिनोला । ३ मिश्री या दाणा शक्कर के लड्डू । ४ वज्र । ५ आश्रय, सहारा । - क्रि०वि० इधर, इस श्रर । - श्रोळ - वि० सब समस्त । —दोळा, दौळाक्रि०वि० ग्रास-पास, चारों ओर, इर्द-गिर्द । मोळा- वि० समान बराबर । - पु० भ्रम ।
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श्रोलाटरणौ (बौ)-क्रि० १ लौटना, वापस थाना । २ लुटना, श्रोळी-पु० [सं० उपल ]
लोट-पोट करना । प्रोलागी १० बहाना । -
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(बी) देखो 'बोली' (बी)।
श्रोलज, ( झ ) - स्त्री० लज्जा, शर्म । लिहाज ।
श्रोण, श्रोलगियो- पु० रोटी के साथ लगा कर खाया जाने श्रोळी-स्त्री० [सं० अवली ] १ पंक्ति, रेखा । २ लिखावट | वाला पदार्थ । ३ हल की सीता । ४ कतार । दोळी- क्रि० वि० प्रासपास । चारों ओर ।
घोळावी पु० घाना, मिय श्रोळि देखो 'ग्रोळी' ।
श्रीलाखौ (at) - क्रि० १ मिलवाना, मिश्रित कराना । २ अवलेह
बनवाना । ३ तर कराना ।
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श्रीलाद- देखो 'ग्रीलाद' ।
घोलाळ स्त्री० १ नन्ही बूंदों की मामूली वर्षा । २ देखो ओल्यू (डी) - देखो 'ओळ ।
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'उलाळ' |
बोने का एक ढंग
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पोळियो- पु० १ लिखने का लंबा पत्र चिट्ठी पर्चा २ खत । ३ गिरवा रहने वाला व्यक्ति । पोलियो-देखो 'अवलियाँ' ।
प्रासंकरणो
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प्रोली, प्रोलोकांनी क्रि० वि० इधर, इस ओर नजदीक । पोलीसी (ब)- कि० विचार करना, विचार में पढ़ना । श्रीळंब (भौ), श्रीळू बी- पु० १ बिच्छू के डंक लगाने से होने वाला दर्द । २ देखो 'प्रोळी' ।
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घोळू (ही), घोळू (डी) स्त्री० [सं० धवलय] १ वाद स्मृति । २ प्रिय की याद, वियोग ३ इस वियोग में गाया जाने वाला गीत । श्रोळंदी-देखो 'घोळंदी' । घोळू बोळू'- देखो 'ओोळादोळा' ।
श्रोळे, धोले- क्रि० वि० आड या पर्दे में दोळं क्रि० वि० चारों ओर आस-पास ।
प्रोलेड़ौ - वि० ( स्त्री० प्रोलेड़ी) १ जूठा । २ जगह-जगह जूठा
करने वाला । ३ मुंह मारने वाला ।
श्रोळं, प्रोले क्रि० वि० १
आड़ या घोट में । २ परदे में । ३ शरण में। ४ छुप कर । ५ इस ओर इधर । ६ गुप्त रूप से । -दोळे-दोळे - क्रि० वि० आस-पास 1 अगल-बगल । चारों ओर ।
प्रोलोझणी (ब) - क्रि० १ उलझना । २ विचार करना ।
१ वर्षा में गिरने वाला हिम-करण । २ मिश्री या शक्कर का लड्डू । ३ बिनोला । ४वज्र । ५ रक्षा, बचाव । - प्रोळ - वि० पंक्तिबद्ध । क्रमशः । पूर्ण ।
प्रोली (प्रो' लौ ) - पु० १ प्रोट, प्रा । २ बचाव । ३ रक्षा,
शरण । ४ श्राश्रय । ५ सर्दी से बचाव के लिये की जाने वाली व्यवस्था |
श्रोळौ-दोळौ क्रि० वि० चारों ओर आस-पास ।
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घोल्हरणौ (बौ) - देखो 'प्रोलरणी' (बी) । बोड़ देव-पु.] मोर-छोर पादि पर त प्रोवड़ा (बौ) - देखो 'ग्रोलरणी' (बौ) ।
श्रोवरण- १ देवो प्रायण । २ देखो 'प्रोरण' । श्रावौ पु० हाथी- फंसाने का बड़ा गड्ढ़ा ।
श्रीसंकरण (बौ), प्रोसकणी (बौ) - क्रि० १ हारना, पराजित होना । २ शंका खाना, भिकना । ३ स्थान छोड़ना, स्थान पर न पाना ( जानवर ) । ४ त्यागना !