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कक्ष
( १८६ )
कक्ष-पु० [सं०] १ बगल, कांख । २ दर्जा, श्रेणी । ३ वर्ग। कड़क्करणौ (बी)-देखो कड़कणों (बी)।
४ पार्श्व, भाग । ५ कमरा, भवन का कोई भाग। कड़ख-पु० किनारा । तट । ६ अंतःपुर। ७ वन, जंगल । ८ जंगल का भीतरी भाग। कड़खिरणौ (बौ)-देखो 'कड़कणी' (बौ)। ९ मूखा घास । १० भैसा। ११ फाटक ।
कड़खौ-पु. १ नदी तट का उभरा हुमा भाग । २ एक छंद कख-पु. १ प्रांख का कोना । २ कसौटी, परीक्षा । ३ एक विशेष । ३ विजय गान । प्रकार का पत्थर । ४ देखो 'कक्ष' ।
कड़ा-स्त्री० लकड़ी के लट्टे के चिरने या बिजली के गरजने की कखती-मगरी-स्त्री० यौ० एक प्रकार की तलवार ।
आवाज। कखवा-पु० [सं० कक्षवान] वन, जंगल ।
कड़डणी (बी)-क्रि० १ लकड़ी का लट्ठा जोर से फटना। कग (ग्ग)-पु० [सं० काक] १ कौआ, काग। २ देखो 'कंगळ'। २ फटने की आवाज होना। ३ बिजली का गरजना । कगण्ण-पु. १ कर्ण । २ देखो 'कंगळ' ।
कड़डाट-देखो 'कड़ड़। कगर-देखो 'कागज'।
कड़च-क्रि०वि०१ जल्दी, शीघ्र । २ देखो 'कड़च्छ' । कगळी-देखो 'काक'।
कड़चरणौ (बी)-देखो 'कड़छरणौ' (बी)। कगल्ल-देखो 'कंगळ' ।
कडच्छ-पु० बंध, बंधन । -वि० तैयार, सन्नद्ध । सुसज्जित । कगवा-देखो 'कंगवा'।
कड़छ-स्त्री० कटाक्ष। कगार-पु० [देश] नदी या जलाशय का ऊंचा स्थान, तट । कड़छरणी (बी)-क्रि० १ तैयार होना । २ सन्नद्ध होना, सावधान कग्गर, कम्गळ-पु० १ किनारा तट । २ देखो 'कंगल'। होना । ३ शस्त्र सुसज्जित होना । ४ अाक्रमण के लिए ३ देखो 'कागज'।
लपकना। कग्गौ-देखो 'काक'।
कड़छलौ (ल्यौ)-पु० १ बड़ा करछुल । २ छोटा कड़ाहला। कड़-स्त्री० [स. कटि] १ कमर, कटि । २ करवट, पक्ष ।
वट, पक्ष। कडछु-पु० काठ का बना चम्मच (मि० डोई) ३ तट, किनारा । ४ पास, निकट । ५ चूतड़, नितंब ।
कड़जोड़ो-पु० कवच, सनाह । कडक-स्त्री०१ क्रोध, कोप । २ क्रोध या रोबीली आवाज। | कडढौ-प० खड्डा, गर्त ।
३ बिजली की गर्जना। ४ बिजली । ५ बंदूक की आवाज । कडतल (त्तल)-स्त्री० [सं० कटि + तल] १ तलवार, खड्ग। ६ शक्ति, सामथ्य । ७ कड़ापन, दृढ़ता । ६ चटकन। २ झाला राजपूतों का विरुद । ९ देखो "किड़क'। -वि० सख्त, कड़ा, कच्चा, ठोस ।
कड़तू-स्त्री० कटि, कमर । कडकड-स्त्री० १ मुश्ती या गुड़िया शक्कर । २ कड़कने की कडतोडौ-१०१ ईश्वर, परमात्मा । २ कमर पर भौंरी बाला ध्वनि।
बैल । ३ आभूषण विशेष । -वि० १ कमर तोड़ने वाला। कडकडाट-स्त्री० कड़कड़ाहट ।
२ भयंकर । ३ दुर्गम। कड़कड़ो-देखो 'किड़ किड़ो' ।
कड़थल-पु०१ संहार, नाश । २ देखो 'कड़तल' । कड़करणौ (बौ)-क्रि० १ जोश में दांत पीसना । २ कोध में कड़दौ-१ किसो द्रव पदार्थ के नीचे जमने वाला मैल । २ मोने
गरजना । ३ बिजली का जोर से चमक कर गरजना। चांदी के साथ मिलाया जाने वाला विजातीय धातु । ४ डांटते हुए बोलना।
कड़प-पु० खिजाब । कड़कनाळ-स्त्री० भयानक शब्द करने वाली तोप ।
कड़पौ-पु० १ खेत में काम करने वाले मजदूरों को दिया जाने कड़कम-पु० पुरुषों के कान का प्राभूषण ।
बाला गेहूँ का पुपाल । २ मुट्ठी में प्रावे उतना घासादि । कड़कारणों (बी)-क्रि० १ जोश दिलाना । २ कड़कने लिए
कड़प्रोथ-पु० [सं० कटि-प्रोथः] नितंब, कूल्हा । प्रेरित करना।
कड़बंध-पु० १ कटिबंध प्राभूषण । २ करधनी । ३ कमर बध ।
४ तलवार । कड़कोलो, कड़कोल्यौ-१ देखो 'ठोलौ'। २ देखो 'कड़ खौ'। कड़को-१ अंगुलियों के चटकने की आवाज । २ जोर का शब्द ।
| कड़ब-स्त्री० ज्वार का सूखा पौधा जिस पर से अनाज की बाल
। काट दी गई हो । -चेन-स्त्री० एक प्रकार की जजीर । ३ ताकत, बल । ४ जोर का झटका। ५ युद्ध का गीत । ६ बिजली । ७ कविता । ८ लंघन, उपवास । ९ निर्धन ।
| कड़बांध-स्त्री० मूज की करधनी। कडक्क-देखो 'कड़क'।
कड़बोड़ो-स्त्री० ज्वार के चारे से भरी गाड़ी। कड़क्कड़-देखो 'कड़कड़।
| कडब्बरणौ (बौ)-क्रि० प्रकुपित होना ।
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