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मूळ
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( १८७ )
मूळ स्त्री० [सं० लि-मूल] सेना, फौज
कड़ लियो- पु० १ मिट्टी का बर्तन । २ मिट्टी का दीपक । ३ देखो 'कड़ी' ।
क' देखी 'व' ।
कयौ वि० [सं० कह] (स्त्री० कड़वी) १ कड़वा वारा २ कटु, श्रप्रिय । ३ स्वाद की दृष्टि से तीक्ष्ण । ४ तीक्ष्ण प्रकृति वाला। ५ एक बड़ा वृक्ष । - तेल - पु० सरसों या जाम्बे का तेल | कढ़ाई-स्त्री० [सं०] कटाह] १ अधिक मात्रा में भोजन बनाने का लोहे का चौड़ा पात्र । २ कड़ापन, सख्ती । ३ तलुए का फोड़ा । ४ देखो 'कराई' |
कड़ाऊ - पु० १ दीवार की चुनाई का एक ढंग । २ ऐसी चुनाई में लगने वाला चौड़ा पत्थर ।
कड़ा देखा।
कोला ० [सं०] कविनम्] चावट मिटाने के लिए कड़िया देवो 'करिया' ।
किया जाने वाला विश्राम ।
कड़ौ पु० स्त्रियों के पांव का बांदी का मोटा कड़ा।
कड़व, कड़वाई, कड़वापरण, कड़वास - पु० १ कड़वापन, खारापन, कटुता । २ कठोरता ।
कड़वीटी [स्त्री० किमी की मृत्यु के दिन उसके पड़ोसियों द्वारा कड़ी स्त्री० [सं०] कटक] १ हाथ या पैर का धा
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शोक संतप्त परिवार को भेजी जाने वाली रोटी ।
कड़ाकड़ स्त्री० [ धनु०] ध्वनि विशेष
कड़ाको पु० १ टकराने की ध्वनि । २ देखो 'कड़को' । " कड़ाछी-स्त्री० बड़ा व मोटा चम्मच ।
काजूड (फूड), कढ़ाजूज ( मूझ) - वि० १ पहन ओढ़ कर तैयार । २ सन्नद्ध । ३ कटिबद्ध । ४ शस्त्रास्त्रों से सुसज्जित । कड़ाबंध - वि० १ श्रावेष्टित । २ घिरा हुआ घेरा हुआ । ३ सज्जित ।
कड़ाबी (बीन) [स्त्री० [० वन] एक प्रकार की बन्दुक ।
कड़ाभीड़ - स्त्री० भीड़-भाड़ जमघट - वि० सुसज्जित । कड़ाय, कड़ायलियों, कड़ायलौं-१ देखो 'कड़ाव' । २ देखो 'कड़ायौ' । कड़ायी पु० १ लाल तने वाला एक वृक्ष २ छोटी कड़ाही कड़ाळ - गु० कवच |
काय पु० [सं०] कटाह बड़े भोज का भोजन बनाने का नो
का बड़ा पात्र ।
कड़ावलो, कड़ावौ पृ० १ छोटी कड़ाही । २ देखो 'कड़ायी' । कड़ाह (ही) - देखी 'कड़ाय' ।
२ प्रध
(यह) स्वी० [सं०] करि] उनर कटि । खिला फूल । ३ कंकरण, कड़ा । ४ शृंखला का एक घटक । ५ स्त्रियों के पैर का ग्राभूषण कड़ी। गोद | -बांधीस्त्री० कटार |
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कड़ियळ (याळ) - पु० १ कवचधारी योद्धा । २ कवच । कड़ियां स्वी० [सं०] कटि] १ कमर कटि २ स्त्रियों के पैरों में धारण करने का आभुषण ।
होमी
कड़ियाळी स्त्री० १ घोड़े की लगाम । २ लोहे की कड़ियां लगा डंडा ।
कड़ियाळी - पु० १ अमलताश का वृक्ष । २ देखो 'कड़ियळ' । कड़ियौ पु० १ चुनाई करने वाला कारीगर । २ छोटा खेत ।
कटि ।
की कड़ी । ३ लगाम । ४ कवच । ५. कमर, ६ हुक्का । ७ मोटा रस्सा | ८ छंद का एक चरण । - वि० १ तेज, तीव्र तीक्ष्ण । २ कठोर । ३ भयंकर । --रुत स्त्री० ग्रीष्म व शीत ऋतु 1
"
कड़कड़ी - स्त्री० १ दो बकरों या मेढ़ों को परस्पर लड़ाने के निमित्त जोश दिलाने का शब्द । २ जोश दिलाने का शब्द | कड़ीड़ - पू० १ प्रहार, चोट । २ प्रहार की ध्वनि । [ब] (बी) देखो 'कुटुम्ब'
कड़ बवाळ-पु० किसान वि० जिसका कुटुम्ब बड़ा हो । कधी कधी देखो 'कवी'
कड़ लौ - पु० कड़ा ( श्राभूषण) ।
कली नवी सफेद पांचों वाली बकरी ।
कड़ - क्रि०वि० पास, निकट, नजदीक । -छंट-स्त्री० मस्ती में आए हुए ऊंट का पेशाब करते समय पूंछ भटकना क्रिया । कड़ ली स्त्री० मिट्टी का ता
कड़ोपौ वि० बदसूरत, भहा
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-पु०
० १ दोनों आंखों में कुंडली वाला बैल । २ कड़ा ।
कड़ोमी देखो 'कुटु' कड़ोलियोकड़ी० [सं०] कटक] १ किसी धातु का गोल कड़ा २ ऐसा कड़ा जो किसी देवता के नाम से पहना जाता है । ३ स्त्रियों की भुजा का स्वर्णाभूषण पहुँची । ४ पैरों व हाथों में धारण करने का आभूषण ५ कंगन ६ पत्थरों को जोड़ कर बनाया जाने वाला अर्ध चन्द्राकार । ७ श्रावेष्टन, घेरा । ८ किसी उपकरण का पकड़ने का गोलाकार भाग । छत का चूना । १० झुंड, समूह ११ तट किनारा । १२ चक्र, पहिया । १३ वृत्त । वि० (स्त्री० कड़ी) १ कठोर, सख्त | २ कट, अप्रिय | ३ असा ४, मजबूत । ५ अड़ियल । ६ तेज । ७ धीर, गंभीर कड़ौट - स्त्री० पंक्ति उलटने की क्रिया या भाव ( काव्य ) । कमीने 'कट' ।
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