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उम्मीलित
उपजस
उन्मीलित-वि० [सं०] १ खुला हुमा । २ विकसित । उपगारी, उपगारू-देखो 'उपकारी' । २ देखो 'उपकार' ।
३ प्रस्फुटित । ४ तना हुआ । ५ जागृत । -पु० एक प्रकार उपगीत, (गीति)-पु. १ प्रार्या छन्द का एक भेद । का अर्थालंकार।
उपगृहन-पु० पालींगन, भेंट। उन्मेस-पु० [सं० उन्मेष] १ विकास । २ खिलावट । ३ वृद्धि,
| उपग्रह-पु० [सं०] १ छोटा ग्रह (राहु केतु) । २ प्रधान ग्रह के बढ़ाव, विकास । ४ रोशनी, प्रकाश । ५ चमक, कांति ।
प्रास-पास रहने वाला कोई छोटा ग्रह। ३ वैज्ञानिक ६ जागति । ७ ज्ञानवृद्धि । ८ पलक ।
परीक्षण से छोड़े गये कृत्रिम उपग्रह । ४ उपद्रव । ५ कैद, उन्याळी-देखो 'उनाळो' ।
पकड़ । ६ हार, पराजय ७ बंदी, कैदी । ८ अनुग्रह । उन्हड-देखो 'ऊनौ' (स्त्री० उन्ही)।
९ योग । १० प्रोत्साहन । उन्हाणी, (बौ)-क्रि० तपाना, गर्म करना । गर्मी देना ।
उपघात-पु० १ नाश करने की क्रिया । २ रोग, पीड़ा। उन्हाळ, (ळउ , ळसी) उन्हाळी-देखो 'उनाळो'।
३ आघात । ४ आक्रमरण । ५ छल, कपट। उन्हू, उन्ही-सर्व०१ उसका । २ देखो 'ऊनौ' । (स्त्री० उन्ही)।
| उपड़णौ (बौ)-क्रि० १ खर्च होना। २ समाप्त होना, खत्म उपंखी-पु० पक्षी, पंछी।
होना । ३ उठना। ४ उभरना (चोर)। ५ उखड़ना। उपंग-पु. [सं० उणंग] १ शरीर का अवयव । २ अवयवों की
६ उड़ना, आकाश में छा जाना । ७ वीरगति प्राप्त, पूर्ति करने वाली वस्तु । ३ तिलक, टीका । ४ एक प्राचीन
होना, रणांगन में युद्ध करते मरना । वाद्य । ५ उद्धव के पिता का नाम । उपंगी-वि० १ नसतरंग बजाने वाला । २ देखो उपंग' ।
उपड़ारणी (बी)-क्रि० १ उन्मूलन करना, मिटाना। २ उमड़ाना।
३ ऊभारना। ४ भार उठाना । ५ उठाना। ६ दौड़ाना । उपंत-देखो 'ऊपांत'।
७ व्यय कराना। ८ समाप्त कराना । ९ उखाड़ना। उप-उप० [सं०] १ शब्दों के पूर्व लगने वाला उपसर्ग जो शब्द
के अर्थ को प्रभावित करता है। [सं०प०१२ पानी, जल । उपचय-पु० [सं०] १ उन्नति, तरक्की । २ वृद्धि । ३ संचय ३ देखो 'वपु'। -क्रि०वि० निकट, समीप ।
संग्रह । ४ परिणाम, ढेर । ५ जन्म कुंडली में लग्न से --कंठ, कंठइ-पु० किनारा, तट । सामीप्य । पड़ोस । तीसरा, छठवां और ग्यारहवां स्थान । -क्रि०वि० निकट, पास, पड़ोस में । -करण-पु० अौजार । उपचार-पु० [सं०] १ इलाज, चिकित्सा । २ सेवा शुश्रूषा । सामग्री। साज-बाज । शोधक वस्तु । राजसीचिह्न । गौण ३ व्यवहार, प्रयोग । ४ परिचर्या । ५ पूजन । ६ सत्कार । वस्तु या द्रव्य । पूजन सामग्री।
७ नमस्कार, प्रणाम । ८ उपाय । ६ व्यवस्था, प्रबन्ध । उपकार (डौ,न)-पु० [सं०] १ भलाई, नेकी, हित । २ सलूक । १० रीतिरिवाज।
३ लाभ, फायदा । ४ सहायता, मदद । ५ कृपा, अनुग्रह । उपचारक-वि० [सं०] १ चिकित्सक । २ उपचार करने वाला। ६ श्रृंगार । ७ 'प्राभार'।
३ सेवा करने वाला। उपकारक, (कारी)-वि० [सं०] १ उपकार करने वाला,
उपचारणी (बौ)-क्रि० १ व्यवहार में लाना । प्रयोग में लाना। हितेषी । २ सहायक, मददगार ।
काम में लेना । २ सेवा करना, परिचर्या करना । उपकूप, (क)-पृ० वापिका ।
३ चिकित्सा करना। उपक्रत-वि० [सं०] कृतज्ञ । उपक्रम-पु० कार्यारंभ । प्रयत्न । प्रायोजन । भूमिका ।
उपचारी-देखो 'उपचारक' । उपक्रमणिका-स्त्री० पुस्तक की विषय सूची ।
उपछंद-पु० चौबीस से अधिक मात्रामों का छंद । उपक्रमरगी (बौ)-क्रि० उछलना, कूदना, छलांग लगाना । उपछर-देखो 'अपछर'। उपखीण-पु० [सं० उपक्षाग] शोक सूचक वस्त्र ।
उपज-स्त्री० १ उत्पत्ति, उद्भव । २ पैदावार । ३ सूझ-बूझ। उपगत-वि. १ प्राप्त । २ स्वीकृत । अंगीकृत । ३ ज्ञात ।
४ काल्पनिक बात । ५ स्फूति, स्फुरण । उपगरण-पु० [सं० उपकरण साधु के काम आने वाले उपकरण, | उपजरण-पु० जन्म । रजोहरणादि (जैन) ।
उपजणौ (बी)-क्रि० १ जन्मना । २ उपजना, उगना, पंदा उपगरणी (बी)-कि० १ ग्रहण करना. लेना । २ पकडना । । होना । ३ उत्पन्न होना । ४ सूझना । ५ होना। ३ उपकार करना।
उपजलपण (न)-पु० [सं० उपजल्पनम् ] वार्तालाप । उपगार-देखो 'उपकार' ।
उपजस-वि० १ काला, श्याम । २ देखो 'अपजस' ।
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