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उवाड़ो
उवाड़ी - पु० २ देखो 'अवाडी' ।
[सं० ऊधस] १ गाय, भैंस आदि का ऐन उसाड़ी- देखो 'उवाड़ी' ।
उबारा ५० या वर
उवारस (बी) देखो 'वारी' (बौ
उबारसी स्त्री० ० सहायता मदद - वि० मददगार । उवारी - वि० १ रहित, वंचित २ देखो 'उबारों' । उवासी- देखो 'उबासी' ।
उवे सर्व० वे, उन, उस । उसने ।
वेली (बी) देखो'' (दो)। उवेलौ- 1-पु० १ विलंब । २ देखो 'ऊबेळ' ।
उवै सर्व०
० १ वह दे । २ उस उन ।
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उनौ गर्व० वह उम ।
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उस - सर्व ० १ वह का विभक्ति रूप । २ देखो 'ऊस' । उसी दि० (स्त्री० उगा ऐसा २ देखो 'इस'। उसरण (न) वि० [ उपल] प्रागम स्त्री०ग्रीष्म ऋतु । उसतरी- देखो 'स्त्री' ।
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उसन- देखो 'उस्ण' |
उसनरसम ० [सं० उ-रश्मि ] सूर्य ।
उसना - पु० [सं० उशनस् ] १ शुक्र ग्रह । २ शुक्राचार्य | उस देवो''।
( १५५ )
उसतरौ पु० बाल साफ करने का उपकररण उस्तरा । उसताज, उसताब- पु० १ युद्ध लड़ाई । २ उस्ताद, गुरु । - वि० ० १ दक्ष, चतुर । २ चालाक, धूर्त । उसध - देखो 'ध' ।
उसम पु० [सं० प] ऋषभ।
उसर - पु० [सं० औप्सरस] १ नाच नृत्य । २ देखो 'ऊसर' । ३ देखो 'असुर' |
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उसरण (बी) कि० १ गर्म पानी में पकता । २ वर्षा का होना । ३ कुऐ के पानी में उतरना (बर्तन) । ४ बटोरना, एकत्र करना । ५ निकालना । ६ पीछे रवाना होना, जाना । ७ हटना, टलना ८ बीतना, गुजरना । ९ श्राक्रमण करना । १० भूलना । ११ फैलना, व्यापना |
उसरांग ( यरण ) - देखो 'असुर' ।
उस (रु) देश धर
उसवास पु० [सं० उच्छवास ] उच्छवास, उसास ।
उस (बी) देउसी' (श्री) ।
उसरणी (बौ) - क्रि० उठाना, ऊंचा करना ।
'उसांस देखो 'उमास' ।
उसा स्त्री० [सं० उम्रा ] १ गाय २ तड़का भोर [सं०] ३ बाणासुर की पुत्री का नाम ।
- पति-पु० अनिरुद्ध कामदेव |
काळ- पु०
● प्रतिःकाल |
उसारणी (बी) - क्रि० १ गर्म पानी में पकाना । २ कुठे में उतारना, पानी में उतारना ( पात्र ) । ३ बटोरना एकत्र करना । ४ निकालना ( चक्की में से चुन ) । ५ पीछे रवाना करना, भेजना । ६ हटाना, टालना । ७ कुए से पात्र द्वारा पानी निकालना ८ आक्रमण कराना ।
उसास उसासौ-पु० [सं० उच्छवास ] १ लंबी सांस, निश्वास | २ उच्छवास ग्रह । ३ ठंडी सांस । ४ श्वास । उसोनर १० [सं० उत्तीर] मिवि का पिता एक राजा । २ गांधार देश । ३ इस देश का निवासी । उसीर ( क ) - पु० [सं० उशीर] गांडरनामक घास, खसखस । उसीली- पू० वसीला, सहायता, मदद जरिया ।
उसीस (सौ) - पु० [सं० उत्शीर्ष या उपशीर्ष ] तकिया । चौकि० देवता के निमित्त संकल्प पूर्वक कुछ वस्तु
रखना ।
उसूल - पु० सिद्धान्त ।
उस्ट पु० [सं० उष्ट्र]] ऊंट शासन पु० पौरामी पासनों में से । । एक प्री- पु० भगंदर रोग
[गी- पु० एक प्रकार
का घोड़ा ।
उरुण वि० [सं० उष्ण] १ गर्म, उत २ तेज, तीव्र । ३ फुर्तीला । ३ तीक्ष्ण । स्त्री० १ अग्नि । २ गर्मी ।
३ ताप । ४ धूप ५ ग्रीष्म ऋतु । —कटिबंध- -पू० कर्क और मकर रेखाओं के बीच का भू-भाग । ता - स्त्री० गर्मी, ताप, धूप ।
उणां १० [० उष्मां] सूर्य रवि
उरणारस्म - पु० [सं० उष्णरश्मि ] सूर्य रवि । उस्रा - स्त्री० [सं०] गाय । पु० तड़का | प्रकाश । उत्सपि उस्सविषिणो ) पु० [० उत्] चढ़ना द्वारा पूर्ण होने का समय, काल 1
उह सर्व० वह ।
० १ त्याज्य । २ देखो 'उह' ।
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उहकाळणी (बौ) - क्रि० १ उछालना, कुदाना । २ डिगाना । उदौ - देखो 'प्रोहदौ' ।
उहब - वि०
उख
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उहां क्रि० वि० वहां, उधर ।
उहा देखो 'पोहा।
३ तेज |
उहास (त) - १ प्रकाश, चमक। २ विद्युत रेखा | ४ उत्साह । -हास - पु० परिहास | उहासियो - वि० उमंगित उत्साहित जोशीला | उहि उहि उ.ही (ज) उहे सर्व वही वह । उस उसी । -कि० वि०
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सर्व० उन्होंने । उन ।
उमवि०वि० [सं०] इस वर्ष इस माल
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