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१४० )
उदमाद
भूमि । -परीक्षा-स्त्री० हाथ में पानी लेकर दी जाने | उदघाटक-वि० [सं० उद्घाटक] १ उद्घाटन करने वाला। वाली शपथ । -वाद्य-पु. चौसठ कलाओं में से एक।
२.प्रकाशक । ३ खोलने वाला। उदकरणी (बी)-क्रि० १ निमित्त लेकर त्यागना । त्याग देना । | उदघाटणी (बौ)-क्रि० १ प्रकट करना । २ प्रकाशित करना ।
२ जल लेकर संकल्प लेना । ३ काम पाना । । खोलना। ३ उद्घाटन करना। ४ उछलना, कूदना।
उदघातक-वि० [सं०] १ धक्का या ठोकर मारने वाला। उदकारणी -स्त्री जल संकल्प द्वारा दी हुई भूमि । 'देखो उदकी'। २ प्रारंभ करने वाला। उदको-वि० [सं० उदक+रा. प्र. ई] उक्त प्रकार की भूमि उदरणौ (बौ)-क्रि० उदय होना, प्रकट होना। को ग्रहण करने वाला ।
उदद, उदद्ध, उदध (धि, धी) उदध (धि)-पु० [सं० उदधि] उदक्क (को)-देखो उदक' ।
१ समुद्र । २ तालाब । ३ झील । -खीर-पु० क्षीर सागर । उदग-देखो 'उदक'।
-मत-वि० गंभीर बुद्धि वाला। -मेखळा-स्त्री० पृथ्वी । उदगरपो (बौ)-क्रि० १ उगलना । २ देखो 'उदकणी' (बी)। -सुत- पु. चन्द्रमा । अमृत । —सुता--स्त्री० लक्ष्मी । उदगम-पृ० [सं० उद्गम] १ उदय, आविर्भाव । २ उत्पत्ति रंभा । कामधेनु ।।
स्थान । ३ प्रस्थान । ४ उत्पत्ति, सृष्टि । ५ ऊंचाई, ऊंचा उदनमत (बत, वांन)-पु० [सं० उदनवत् ] समुद्र, सागर । स्थान । ६ पौधे का अकुर । ७ वमन, के। ८ नदी उदबाह-पृ० विवाह, शादी। का निकास।
उदबुद, (दि), उदबुध-वि० [सं० अद्भुत, उबुद्ध] १ विचित्र, उदगमन-पु० [सं०] ऊपर जाना । ऊध्वंगमन ।
अद्भुत। २ विकसित, प्रबुद्ध, चैतन्य । -स्त्री० माया । उदगरनरणौ (बौ)-क्रि० १ देने का विचार करना । २ संकल्प | उदबेग-पु० [सं० उद्वेग] १ उद्वेग, भप । २ कंपन । ३ आशंका । करना। ३ संकल्प द्वारा छोड़ना ।
४ चिता । ५ आश्चर्य । उवाता-पु० [सं० उद्गातृ] यज्ञ के चार प्रकार के ऋत्विजों | उदभज-देखो 'उदभिज' । से एक।
उदमट-वि० [सं० उद्भट] प्रबल । श्रेष्ठ । दातार । उदगाथा-स्त्री० आर्या छन्द का एक भेद ।
उदभणी (बौ)-क्रि० प्रकट होना, उद्भव होना । उदगार-पु० [सं० उदूगार] १ मन के भाव । २ इन भावों का उदभव-पु० [सं० उद्भव] १ उत्पत्ति, जन्म । २ निर्माण,
सहसा प्रगटीकरण । ३ उबाल, उफान । ४ वमन, के।। सृष्टि । ३ विकास । ४ वृद्धि। -रतन-पु० सागर । ५ डकार । ६ थूक । ७ बाढ़ ।
उदभावना-स्त्री० [सं० उद्भावना] १ उत्पत्ति । २ प्रकाश । उभारणी [बी]-क्रि० १ मन के भाव व्यक्त करना । २ बाहर ३ मन की उपज, कल्पना । ४ रचना । ५ तिरस्कार ।
निकालना । ३ फेंकना । ४ उभाड़ना, उतेजित करना। उदभास-पु० [सं० उभास] १ प्रकाश, दीप्ति, प्राभा । २ मन ५ डकार लेना । ६ के करना । ७ उगलना ।
में किसी बात का उदय । उदगारी-पु० [सं] बृहस्पति के बारहवें युग का द्वितीय वर्ष । उदभिज-पु० [स० उद्भिज) भूमि को फोड़कर निकलने वाले उदगारू-वि० १ जल संकल्प द्वारा दान देने वाला । पेड़ पौधे, वक्षादि । २ दान देने वाला। -पु० प्ररब्ध का फल ।
उदभूत-वि० उत्पन्न, निकला हुमा, अंकुरित । देखो 'अद्भुत' । उदगीत, (गीति)-पु० प्रार्या छंद का एक भेद ।
उदभेद (भेदन)-पु० १ अंकुरन । २ उद्घाटन । ३ प्रगटो___-वि० उच्च स्वर से गाया हुआ ।
__ करना, प्रकाशन । उदगीरणौ (बौ)-देखो 'उदगारणौ (बौ)'।
उदभ्रांत-वि० [सं०] १ घूमता हुआ, चक्कर खाता हुआ। उदग्ग-देखो 'उदक'।
२ भूला-भटका । ३ भ्रमित । ४ भौंचक्का । उदग्गरण, (ग्गनि, ग्गिनि)-वि० १ ऊंचा । २ उन्नत । ३ नंगी | उदम-पु० [सं० उद्दाम, उद्यम] १ बंधन रहित पशु । (तलवार)। ४ उग्र, प्रचंड ।
२ स्वतन्त्र । ३ प्रयास, उद्योग । ४ उत्साह । ५ काम धधा। उदन-वि० [सं०] १ ऊंचा। उन्नत । ऊंचा उठा हुआ । २ बाहर! ६ अध्यवसाय । ७ परिश्रम । ८ देखो 'उदंबर' ।
निकला हुा । ३ चौड़ा प्रशस्त । ४ बूढा। ५ मुख्य,प्रसिद्ध । । उदमरणौ (बो)-देखो 'ऊधमणी' (बौ)। ६ प्रचण्ड । ७ भयानक, कराल । ----वंती-पु० लंबे व ऊंचे ! उदमाद--स्त्री० १ हर्ष, प्रसन्नता, पानंद । २ उमंग । ३ उत्साह, दांतों वाला हाथी।
जोश । ४ कामक्रीड़ा, सति । ५ इच्छा, अभिलापा। उदघटणी (बौ)-क्रि० १ प्रकट होना । २ उदय होना। ६ खलबली। ७ उन्मत्तता, मस्ती, व्याकुलता । ८ उद्योग, ३ निकलना । ४ उद्घटित होना।
परिश्रम । ६ प्रबन कामेच्छा । १० देखा उनमाद'।
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