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उजाळरणौ
उठाणी
मरना।
उजाळणी (बी)-क्रि० उज्ज्वल करना, प्रकाशित करना। उन-देखो 'उजर' ।
२ साफ करना, निर्मल करना । ३ जलाना। ४ यश, कीर्ति उज्वळण-देखो 'उजळ'। या गौरव बढ़ाना।
उझकरणौ, (बौ) उझक्करणो, (बौ)-क्रि० १ झिझकना । उजाळदान-पु० रोशनदान ।
२ चौकना । ३ उछलना, कूदना । ४ ऊपर उठना । उजाळी-स्त्री० घोडे के प्रांखों पर डाली जाने वाली जाली।। ५ उभरना ।
-वि० १ उज्ज्वल, प्रकाशित । २ शुक्ल पक्ष की, शुक्ल | उझड़-१ देखो 'उज्झड़'। २ देखो 'ऊजड़'। पक्ष संबंधी।
उझरणों-देखो 'ऊझणो'। उजाळी-पु० [सं० उज्ज्वल] १ प्रकाश, उजाला, रोशनी । उझळणी (बौ)-क्रि० १ छलकरण । २ छिल-छिलकर निकलना ।
२ तेज । ३ कुल जाति से श्रेष्ठ व्यक्ति । ३ छिछोरापन करना। ४ आवेग में आना । ५ हद या ४ एक प्रकार का घोड़ा । ५ चांदनी, चंद्रिका । ६ कुल का | मर्यादा से बाहर होना । ६ उमड़ना, बढ़ना। ७ पति को दीपक । -वि० १ उज्ज्वल, प्रकाशित । २ उज्ज्वल करने | छोड़कर अन्य पुरुष के साथ जाना। वाला। ३ श्रेष्ठ उत्तम। -पख-पु० शुक्ल पक्ष । | उसळळ-देखो 'उज्झेल' । -वि० निष्कलंक।
उझांकणी (बौ)-क्रि० १ झांकना, ताकना । २ ऊपर सिर उजास, (डी, णो)-पु० [सं० उद्भास] १ प्रकाश रोशनी।
करके देखना। २ कांति दीप्ति । ३ किरण । ४ तेज । ५ हंस ।
उझाखो-पु० उजाला, प्रकाश । उजासणी (बौ)-क्रि० १ प्रकाशित करना, चमकाना।२ उज्ज्वल
उझाळ-स्त्री० [सं० ज्वाला] १ आग की लपट, ज्वाला । करना । ३ प्रज्वलित होना।
२ देखो "उज्झेल'। उजासी-स्त्री० रोशनी, प्रकाश ।
उझाळणी (बी)-क्रि० १ छलकाना । २ बहाना । उजियार-१ देखो ‘उजागर' । २ देखो 'उजास' ।
३ देखो 'उजाळणी' (बौ)। उजियारो, (याळी)-देखो 'उजाळी' ।
उझेळणी (बौ)-क्रि०१ उमड़ना । २ मर्यादा का उल्लंघन करना उजियास-देखो 'उजास'।
प्रागे बढ़ना । ३ बढ़ना, अग्रसर होना । ४ तेजी से बढ़ना । उजीर-देखो 'वजीर'।
५ तरबतर होना । ६ मस्ती में पाना । ६ खुश होना । उजुमाळ-वि०१ उज्ज्वल करने बाला। २ देखो 'उजाळी'।।
८ दान देना। उजुयाळी-देखो ‘उजाळी' (स्त्री० उजुयाळी)।
उझेळ-देखो ऊभेळ । उजूबा-पु० [अ० अजूबां] बैगनी रंग का एक पत्थर विशेष ।
उझेल-स्त्री० उछलने की क्रिया या भाव । उजेड़-वि० बिगाड़ या विनाश करने वाला।
उटझ-स्त्री० [सं०] पर्णकुटी, झोंपड़ी। उजेळो-देखो 'उजाळी'।
उटिंगण-पु० उद्वेग। उज-पु० प्रकार, तरह । उजोत-पु० [सं० उद्योत] १ प्रकाश, चमक । २ कांति । ३ ग्रंथ उठंग-पु० [सं० उत्तंभ] तकिया । ___ का अध्याय । --वि० उज्ज्वल ।
उठतरी-देखो 'उठांतरी'। उजौ-पु० साहस, पुरुषार्थ, शक्ति ।
उठ-१ देखो 'ऊंट' । २ देखो 'ऊठ' । उज्जळ-क्रि०वि० १ नदी के चढ़ाव की ओर । २ देखो 'उजळ' ।
उठणी (बौ)-देखो 'ऊठणी' (बी)। उज्जळी-देखो 'उजळी'।
उठावरणी-स्त्री० नेतापन, नेतागिरी । २ देखो 'उठावरणी' । उज्जारण-पु० समूह, दल। उज्जागर-देखो 'उजागर।
उठाण, (न)-स्त्री० [सं० उत्थान] १ उठने की क्रिया या भाव ।
२ उत्थान उन्नति । ३ वृद्धि, बढ़ोतरी । ४ उदय, उद्गम । उज्जोयकरद-वि० [सं० उद्योतकर] प्रकाश करने वाला।
५ विकास । ६ उत्पत्ति । ७ क्रियाशीलता । ८ स्फूर्ति । उज्झड़ (ड)-वि० १ झक्की, बकवादी । २ उद्धत । ३ मूर्ख ।
९ हर्ष, आनन्द । १० शक्ति, बल, पौरुष । ११ युद्ध । ४ मन मौजी। ५ देखी 'ऊजड़' ।
१२ सेना । १३ प्रारम्भ । १४ बाढ़। १५ व्यय । १६ उज्जैल, (लत)-देखा 'ऊझेल' ।
सीमा, मर्यादा । १७ प्रांगन । १८ मण्डप । १९ सजगता, उज्यागर-देखो ‘उजागर ।
जागरुकता । २० व्यवस्था । उज्यास-देखो 'उजाम'।
| उठाणौ-देखो 'उठावरणी' ।
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