Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhyaprajnapti Sutra Part 03 Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Shreechand Surana
Publisher: Padma Prakashan
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यह धन-दौलत भवन, रत्न-वैभव और तुम सब मेरे हो।
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करूँ नहीं
मन से
करूँ
नहीं
मन
वचन से
करूँ नहीं
करी नहीं
वचन
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करूँ
नहीं
काया से
• साधारण गृहस्थ
भावक के 49 भंग
एक करण एक योग से प्रत्याख्यान करना
काया
कराऊँ
नहीं
मन से
सामायिक करता श्रावक
करूँ नहीं
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मन वचन मन काया (वचन) (काया) (मन वचन मन काया वचन काया
कराऊँ
नहीं
वचन से
मन
कराऊँ अनुमोदूँ
नहीं
नहीं
एक करण दो योग से प्रत्याख्यान करना
करूँ नहीं कराऊँ नहीं कराऊँ नहीं कराऊँ नहीं
काया से
वचन
मन से
एक करण तीन योग से प्रत्याख्यान करना
कराऊँ नहीं
काया
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यह धन-दौलत भवन, रत्न-वैभव एवं परिवारीजन कुछ भी मेरा नहीं है।
अनुमोदूँ नहीं
मन
वचन से
07
अनुमोदूँ नहीं अनुमोदूँ नहीं अनुमोदूँ नहीं
मन वचन मन काया वचन काया)
अनुमोदूँ नहीं
अनुमोदूँ नहीं
वचन
काया से
काया
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