Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhyaprajnapti Sutra Part 03 Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Shreechand Surana
Publisher: Padma Prakashan

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Page 662
________________ तथारूय राजाकलिलो मा आहारहान का फल कथाजसाकोलीका आकार werSROTIGER LSOO पुरुषो कस बहुल निर्जरा अल्प पाप निन्थि की आराधकता केवावरकर ओहा के नीचे चाटी मरे में आलोचना के लिए का के पास जाते-रास्त में आकभिक मृत्य। भाव से शुद्धता के कारण आरावक पिन ज्वर से पीड़ित जमालि अणगार मेरे लिए संस्तारक बिछा दो। विधग ज्ञान से अढाई द्वीप देखता तापमः नपाएमावसे विभंग ज्ञान की प्राप्ति यही धर्म सत्य है। कवले जानकी गारिख जमालिद्वारा सर्वजताका तीर्थकर मैं केवली कवला विभगवान अवधिद्वारा परिणत For Private & Personal Use Only Varwjainelibrary.org

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