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के विवेचन : चतुःसंयोगी ४ विकल्प होते हैं। यथा--१-१-१-२, १-१-२-१, १-२-१-१ और 4 卐 २-१-१-१। सात नरकों के चतुःसंयोगी पैंतीस भंग होते हैं। इन पैंतीस को ४ से गुणा करने पर कुल १४०
भंग होते हैं। यथा-रत्नप्रभा के संयोग वाले ८०, शर्कराप्रभा के संयोग वाले ४०, बालुकाप्रभा के संयोग वाले १६ और पंकप्रभा के संयोग वाले ४; ये सभी मिलकर पंच नैरयिकों के चतुःसंयोगी १४० भंग होते हैं।
Elaboration—There are four alternatives for sets of four - 1-1-1-2, 1-12-1, 1-2-1-1, and 2-1-1-1. Associated with each of the seven hells there are five combinations for each, making a total of 35 different combinations. Each of these combinations has four aforesaid alternatives making a total of 35x4 = 140 alternative combinations. Of these 80 are related to the first hell, 40 to the second, 16 to the third, and 4 to the
fourth, This makes a total of 140 alternative combinations for sets of 卐 four. पाँच नैरयिकों के पंचसंयोगी भंग 21 ALTERNATIVES FOR SETS OF FNE
२०. (घ) अहवा १-१-१-१-१ एगे रयण०, एगे सक्कर०, एगे वालुय, एगे पंक०, एगे ॐ धूमप्पभाए होज्जा १। अहवा एगे रयण०, एगे सक्कर०, एगे वालुय०, एगे पंक०, एगे तमाए होज्जा २। म अहवा एगे रयण०, जाव एगे पंक०, एगे अहेसत्तमाए होज्जा ३ । अहवा एगे रयण०, एगे सक्कर०, एगे
वालुयप्पभाए, एगे धूमप्पभाए, एगे तमाए होज्जा ४। अहवा एगे रयण०, एगे सक्कर०, एगे वालुय०, + एगे धूमाए, एगे अहेसत्तमाए होज्जा ५। अहवा एगे रयण०, एगे सक्कर०, एगे वालुय०, एगे तमाए,
एगे अहेसत्तमाए होज्जा ६। अहवा एगे रयण०, एगे सक्कर०, एगे पंक०, एगे धूम०, एगे तमाए होज्जा ॐ ७। अहवा एगे रयण०, एगे सक्कर०, एगे पंक०, एगे धूम०, एगे अहेसत्तमाए होज्जा ८। अहवा एगे
रयण०, एगे सक्कर०, एगे पंक०, एगे तम०, एगे अहेसत्तमाए होज्जा ९। अहवा एगे रयण०, एगे ॐ सक्कर०, एगे धूम०, एगे तम०, एगे अहेसत्तमाए होज्जा १०। अहवा एगे रयण०, एगे वालुय०, एगे।
पंक०, एगे धूम०, एगे तमाए होज्जा ११। अहवा एगे रयण०, एगे वालुय०, एगे पंक०, एगे धूम०, 3 एगे अहेसत्तमाए होज्जा १२। अहवा एगे रयण०, एगे वालुय०, एगे पंक०, एगे तम०, एगे अहेसत्तमाए
होज्जा १३। अहवा एगे रयण०, एगे वालुय०, एगे धूम०, एगे तम०, एगे अहेसत्तमाए होज्जा १४। अहवा एगे रयण०, एगे पंक०, जाव एगे अहेसत्तमाए होज्जा १५। अहवा एगे सक्कर०, एगे वालुय०
जाव एगे तमाए होज्जा १६। अहवा एगे सक्कर०, एगे वालुय०, एगे पंक०, एगे धूम०, एगे - अहेसत्तमाए होज्जा १७। अहवा एगे सक्कर०, जाव एगे पंक०, एगे तमाए, एगे अहेसत्तमाए होज्जा ॥ १८। अहवा एगे सक्कर०, एगे वालुय०, एगे धूम०, एगे तमाए, एगे अहेसत्तमाए होज्जा १९। अहवा
एगे सक्कर०, एगे पंक०, जाव एगे अहेसत्तमाए होज्जा २०। अहवा एगे वालुय० जाव एगे अहेसत्तमाए 卐 होज्जा २१॥ ४६२।
२०. (घ) (पाँच नैरयिकों के पंचसंयोगी २१ भंग-) (१) अथवा एक रत्नप्रभा में, एक शर्कराप्रभा 卐 में, एक बालुकाप्रभा में, एक पंकप्रभा में और एक धूमप्रभा में होता है। (२) अथवा एक रत्नप्रभा में,
45555555555555555555555555555555555555555555555
भगवती सूत्र (३)
(384)
Bhagavati Sutra (3)
步步步步步步步步步步牙牙牙牙岁岁男男男男男男男男男生%%%%%%%%
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