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उत्कृष्ट रूप से मनुष्य-प्रवेशनक प्ररूपणा ALTERNATIVES FOR MAXIMUM NUMBER OF HUMANS
४०. [प्र.] उक्कोसा भंते ! मणुस्सा० ? पुच्छा ।
[उ.] गंगेया ! सव्वे ति ताव सम्मुच्छिममणुस्सेसु होज्जा । अहवा सम्मुच्छिममणुस्सेसु य गब्भवक्कंतियमणुस्सेसु वा होज्जा ।
४०. [ प्र. ] भगवन् ! मनुष्य उत्कृष्ट रूप से किस प्रवेशनक में होते हैं ? इत्यादि प्रश्न ।
[ उ. ] गांगेय ! वे सभी सम्मूर्च्छिम मनुष्यों में होते हैं । अथवा सम्मूर्च्छिम मनुष्यों में और गर्भज मनुष्यों में होते हैं ।
40. [Q.] Bhante ! Now the same question about entrance of maximum number (utkrisht) of humans?
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[a] Gangeya ! Either all maximum ( utkrisht) number of jivas get born among humans of asexual origin. Or among humans of asexual origin and those of placental origin.
मनुष्य-प्रवेशनकों का अल्पबहुत्व COMPARATIVE NUMBERS OF HUMANS
४१. [ प्र. ] एयस्स णं भंते ! सम्मुच्छिममणुस्सपवेसणगस्स गब्भवक्कंतियमणुस्सपवेसणगस्स य करे करेहिंतो अप्पा वा? बहुया वा? तुल्ला वा? विसेसाहिए वा ?
[ उ. ] गंगेया ! सव्वत्थोवे गब्भवक्कंतियमणुस्सपवेसणए, सम्मुच्छिममणुस्सपवेसणए असंखेज्जगुणे । ४१. [ प्र. ] भगवन् ! सम्मूर्च्छिम- मनुष्य-प्रवेशनक और गर्भज-मनुष्य-प्रवेशनक, इन (दोनों) से कौन किससे अल्प, बहुत, तुल्य या विशेषाधिक है ?
[उ. ] गांगेय ! सबसे थोड़े गर्भज - मनुष्य - प्रवेशनक हैं, उनसे सम्मूर्च्छिम- मनुष्य-प्रवेशनक असंख्यातगुणे हैं।
41. [Q.] Bhante ! Of the (aforesaid) entries among human beings Sammurchhim Manushya-praveshanak (entrance into the human genus of asexual origin) and Garbhaj Manushya-praveshanak (entrance into the human genus of placental origin), which of the entries are 5 comparatively less, more, equal and much more ?
[Ans.] Gangeya ! Minimum are entries (praveshanak) among human beings of placental origin. Innumerable times more than these are entries among human beings of asexual origin.
देव- प्रवेशनक: प्रकार और भंग DEV-PRAVESHANAK - TYPES AND ALTERNATIVES
४२. [ प्र. ] देवपवेसणए णं भंते ! कतिविहे पण्णत्ते ?
[उ. ] गंगेया ! चउव्विहे पण्णत्ते, तं जहा - भवणवासिदेवपवेसणए जाव वेमाणियदेवपवेसणए ।
Bhagavati Sutra (3)
भगवती सूत्र (३)
(416)
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