Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhyaprajnapti Sutra Part 03 Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Shreechand Surana
Publisher: Padma Prakashan

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Page 578
________________ 955555555555555555555555555555555555 १०५. [प्र. ] कहि णं भंते ! तिपलिओवमद्वितीया देवकिब्बिसिया परिवसंति ? [उ. ] गोयमा ! उप्पिं जोइसियाणं, हिटुिं सोहम्मीसाणेसु कप्पेसु, एत्थ णं तिपलिओवमट्ठिईया देवकिब्बिसिया परिवसंति। १०५. [प्र. ] भगवन् ! तीन पल्योपम की स्थिति वाले किल्विषिक देव कहाँ रहते हैं ? [उ. ] गौतम ! ज्योतिष्क देवों के ऊपर और सौधर्म-ईशानकल्पों (देवलोकों) के नीचे तीन पल्योपम की स्थिति वाले देव रहते हैं। __105. [Q.] Bhante! Where do Kilvishik devs (servant gods) with a lifespan of three Palyopam dwell? ___[A.] Gautam! Kilvishik devs (servant gods) with a life-span of three n dwell higher than the Jyotishk deus (stellar gods) and lower than the Saudharma and Ishan Kalps (specific divine dimensions). १०६. [प्र. ] कहि णं भंते ! तिसागरोवमट्टिईया देवकिब्बिसिया परिवसंति ? । [उ. ] गोयमा ! उप्पिं सोहम्मीसाणाणं कप्पाणं, हिहि सणंकुमार-माहिंदेसु कप्पेसु, एत्थ णं तिसागरोवमट्टिईया देवकिब्बिसिया परिवसंति। १०६. [प्र. ] भगवन् ! तीन सागरोपम की स्थिति वाले किल्विषिक देव कहाँ रहते हैं ? [उ. ] गौतम ! सौधर्म और ईशानकल्पों के ऊपर तथा सनत्कुमार और माहेन्द्र देवलोक के नीचे म तीन सागरोपम की स्थिति वाले देव रहते हैं। 106. (Q.) Bhante! Where do Kilvishik devs (servant gods) with a life5 span of three Sagaropam dwell? (A.] Gautam! Kilvishik deus (servant gods) with a life-span of three Sagaropam dwell higher than the Saudharma and Ishan Kalps (specific divine dimensions) and lower than the Sanatkumar and Maahendra Kalps (specific divine dimensions). १०७. [प्र. ] कहि णं भंते ! तेरससागरोवमट्टिईया देवकिब्बिसिया देवा परिवसंति ? [उ. ] गोयमा ! उप्पिं बंभलोगस्स कप्पस्स, हिढेि लंतए कप्पे, एत्थ णं तेरससागरोवमट्टिईया देवकिब्बिसिया देवा परिवसंति। १०७. [प्र. ] भगवन् ! तेरह सागरोपम की स्थिति वाले किल्विषिक देव कहाँ रहते हैं ? [उ. ] गौतम ! ब्रह्मलोक (पाँचवे देवलोक) के ऊपर तथा लान्तक कल्प के नीचे तेरह सागरोपम । + की स्थिति वाले किल्विषिक देव रहते हैं। ॐ 107. [Q.] Bhante! Where do Kilvishik devs (servant gods) with a life- | span of thirteen Sagaropam dwell? भगवती सूत्र (३) (498) Bhagavati Sutra (3) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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