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(physical activity), (2) adhikaraniki (activity of collecting instruments of violence), and pradveshiki (activity of harbouring aversion). However, when they cause pain to those beings they are also involved in the fourth activity, namely paritapaniki (activity of inflicting pain); and when they kill those beings they are also involved in the fifth activity, namely pranatipatiki (activity of killing a living being).
वृक्षमूलादि कँपाने- गिराने सम्बन्धी क्रिया INVOLVEMENT IN ACTIVITY DURING UPROOTING TREES २३ . [ प्र. ] वाउक्काइए णं भंते! रुक्खस्स मूलं पचालेमाणे वा पवाडेमाणे वा कइकिरिए ? [ उ. ] गोयमा ! सिय तिकिरिए, सिय चउकिरिए, सिय पंचकिरिए।
२३ . [ प्र. ] भगवन् ! वायुकायिक जीव, वृक्ष के मूल को कंपाते हुए और गिराते वाले होते हैं ?
[उ. ] गौतम ! वे कदाचित् तीन क्रिया वाले, कदाचित् चार क्रिया वाले और कदाचित् पाँच क्रिया वाले होते हैं।
23. While shaking and uprooting trees in how many activities are airbodied beings involved?
[Ans.] Gautam ! They are involved sometimes in three, sometimes in four and sometimes in five activities.
हुए कितनी क्रिया
२४. एवं कंदं ।
२४. इसी प्रकार कंद को कँपाने आदि के सम्बन्ध में जानना चाहिए।
24. The same is true for shaking and uprooting bulbous root (kand).
२५. [प्र. ] एवं जाव बीयं पचालेमाणे वा० पुच्छा ।
[उ. ] गोयमा ! सिय तिकिरिए, सिए चउकिरिए, सिय पंचकिरिए ।
सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति० ।
॥ चउत्तीसइमो उद्देसो समत्तो ॥
॥ नवमं सतं समत्तं ॥ ९ ॥
२५. [.] इसी प्रकार यावत् बीज को कँपाते या गिराते हुए आदि की क्रिया से सम्बन्धित प्रश्न । [उ. ] गौतम ! वे कदाचित् तीन क्रिया वाले, कदाचित् चार क्रिया वाले, कदाचित् पाँच क्रिया वाले होते हैं।
भगवती सूत्र (३)
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Bhagavati Sutra (3)
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