Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhyaprajnapti Sutra Part 03 Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Shreechand Surana
Publisher: Padma Prakashan

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Page 492
________________ **** 卐 ५१. [ १ ] भगवन् ! नैरयिक जीव, सत् नैरयिकों में उत्पन्न होते हैं या असत् नैरयिकों में उत्पन्न 卐 होते हैं ? असुरकुमार देव, सत् असुरकुमार देवों में उत्पन्न होते हैं या असत् असुरकुमार देवों में ? इसी 卐 प्रकार यावत् सत् वैमानिक में उत्पन्न होते हैं या असत् वैमानिकों में ? तथा सत् नैरयिकों में से उद्वर्तते हैं या असत् नैरयिकों में से ? सत् असुरकुमारों में से उद्वर्तते हैं यावत् सत् वैमानिकों में से च्यवते हैं या असत् वैमानिकों में से च्यवते हैं ? 卐 卐 卐 51. [Q. 1] Bhante ! Are infernal beings born among the existent infernal beings or the non-existent infernal beings? Are Asur Kumar gods born among the existent Asur Kumar gods or the non-existent Asur Kumar gods?... and so on up to... Are Vaimanik gods born among the existent Vaimanik gods or the non-existent Vaimanik gods? And do infernal beings die from among the existent infernal beings or the nonexistent infernal beings? Do Asur Kumar gods die from among the existent Asur Kumar gods or the non-existent Asur Kumar gods? and 卐 so on up to... Do Vaimanik gods descend from among the existent Vaimanik gods or the non-existent Vaimanik gods? फ्र [ उ. ] गांगेय ! नैरयिक जीव सत् नैरयिकों में उत्पन्न होते हैं, किन्तु असत् नैरयिकों में उत्पन्न नहीं 5 होते। सत् असुरकुमारों में उत्पन्न होते हैं, असत् असुरकुमारों में नहीं । इसी प्रकार यावत् सत् वैमानिकों में उत्पन्न होते हैं, असत् वैमानिकों में नहीं । (इसी प्रकार ) सत् नैरयिकों में से उद्वर्तते हैं, असत् नैरयिकों ५ से नहीं । यावत् सत् वैमानिकों में से च्यवते हैं, असत् वैमानिकों में से नहीं । 卐 [Ans.] Gangeya! Infernal beings are born among the existent infernal beings and not among the non-existent infernal beings. Asur Kumar gods are born among the existent Asur Kumar gods and not among the nonexistent Asur Kumar gods. and so on up to... Vaimanik gods are born among the existent Vaimanik gods and not among the non-existent Vaimanik gods. And infernal beings die from among the existent infernal beings and not from among the non-existent infernal beings. ... and so on up to... Vaimanik gods descend from among the existent Vaimanik gods and not from among the non-existent Vaimanik gods. फ्र ५१. [प्र. २ ] से केणट्टेणं भंते ! एवं बुच्चइ सओ नेरइया उववज्जंति, नो असओ नेरइया उववज्जंति; जाव सओ वेमाणिया चयंति, नो असओ वेमाणिया चयंति ? 5 भगवती सूत्र (३) 卐 Jain Education International ( 424 ) Y Y For Private & Personal Use Only [ उ. ] से नूणं गंगेया ! पासेणं अरहया पुरिसादाणीएणं सासए लोए बुइए, अणाईए अणवयग्गे जहा 5 पंचमे सए (स. ५, उ. ९, सु. १४ [ २ ]) जाव जे लोक्कइ से लोए, से तेणट्टेणं गंगेया ! एवं बुच्चइ फ जाव सओ वेमाणिया चयंति, नो असओ वेमाणिया चयंति । Bhagavati Sutra (3) ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ फ्र 5 卐 卐 5 फ्र फ्र फ 卐 5 फ्र फ्र www.jainelibrary.org

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