Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhyaprajnapti Sutra Part 03 Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Shreechand Surana
Publisher: Padma Prakashan

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Page 544
________________ B55555555555555555555555555555555555 )) ) ) ) ))) ))) ) ) )) ५४. तए णं से जमालिस्स खत्तियकुमारस्स पिया तं कासवगं एवं वयासी-तुमं णं देवाणुप्पिया ! म जमालिस्स खत्तियकुमारस्स परेणं जत्तेणं चउरंगुलवज्जे निक्खमणपाउग्गे अग्गकेसे कप्पेहि। ५४. इस पर क्षत्रियकुमार जमालि के पिता ने नापित से कहा हे देवानुप्रिय ! क्षत्रियकुमार जमालि के निष्क्रमण के योग्य अग्रकेश (सिर के आगे-आगे के बाल) चार अंगुल छोड़कर अत्यन्त यत्नपूर्वक (सावधानीपूर्वक) काट दो। 54. Kshatriya youth Jamali's father told the barber – “Beloved of gods! Please carefully trim Kshatriya youth Jamali's hair, leaving about four Angul (a linear measure equal to width of a finger) length suitable for the renunciation ritual. केश मुण्डन TONSURING ५५. तए णं से कासवए जमालिस्स खत्तियकुमारस्स पिउणा एवं वुत्ते समाणे हद्वतुढे करयल जाव एवं सामी ! तहत्ताणाए विणएणं वयणं पडिसुणेइ, पडिसुणित्ता सुरभिणा गंधोदएणं हत्थ-पादे पक्खालेइ, सुरभिणा गंधोदएणं हत्थ-पादे पक्खालित्ता सुद्धाए अट्ठपडलाए पोत्तीए मुहं बंधइ, मुहं बंधित्ता जमालिस्स खत्तियकुमारस्स परेणं जत्तेणं चउरंगुलवज्जे निक्खमणपाउग्गे अग्गकेसे कप्पेइ। ५५. क्षत्रियकुमार जमालि के पिता के द्वारा यह आदेश दिये जाने पर वह नापित अत्यन्त हर्षित एवं तुष्ट हुआ और हाथ जोड़कर यावत् बोला- “स्वामिन् ! आपकी जैसी आज्ञा है, वैसा ही होगा;'' इस ! प्रकार उसने विनयपूर्वक उनके वचनों को स्वीकार किया। फिर सुगन्धित गन्धोदक से हाथ-पैर धोए, आठ पट वाले शुद्ध वस्त्र से मुँह बाँधा और अत्यन्त यत्नपूर्वक क्षत्रियकुमार जमालि के निष्क्रमण-योग्य ! अग्रकेशों को चार अंगुल छोड़कर काटा। 55. On getting these instructions from Kshatriya youth Jamali's father, the barber felt very much pleased and honoured. Joining his palms, he said - "Master! I will do exactly as you have said.” Thus he humbly accepted the order. He then washed his hands and feet with perfumed water, covered his mouth with a clean eight-fold cloth and carefully trimmed Kshatriya youth Jamali's hair leaving about four Angul length, suitable for the renunciation ritual. विवेचन : विशेषार्थ-णिक्खमणपाउग्गे अग्गकेसे-दीक्षित होने वाले व्यक्ति के आगे के केश चार अंगुल ! छोड़कर काटे जाते थे, ताकि गुरु अपने हाथ से उनका लुञ्चन कर सकें, इसे निष्क्रमण-योग्य केशकर्तन कहा जाता था। अट्ठपडलाए पोत्तीए-आठ पटल (परत या तह) वाली पोतिका (मुखवस्त्रिका) से। Elaboration -- Technical terms - Nikkhamanapaugge aggakese -a : person aspiring to get initiated into the ascetic order had to get his hair trimmed leaving about four Angul length. This was done so that the )) )) ))) ))) ))) 卐 卐भए भगवती सूत्र (३) (470) Bhagavati Sutra (3) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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