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१३. [ प्र. १ ] भगवन् ! केवली यावत् केवलि - पाक्षिक की उपासिका ( इन दस ) के पास से धर्मश्रवण किये बिना ही (१) क्या कोई जीव केवलि - प्ररूपित धर्मश्रवण - लाभ करता है, (२) बोधि (सम्यग्दर्शन) प्राप्त करता है, (३) मुण्डित होकर अगारवास से शुद्ध अनगारिता को स्वीकार करता है, (४) शुद्ध ब्रह्मचर्यवास धारण करता है, (५) शुद्ध संयम द्वारा संयम-यतना करता है, (६) शुद्ध संवर से संवृत होता है, ( ७-८ - ९) शुद्ध आभिनिबोधिकज्ञान उत्पन्न करता है, यावत् (१०) शुद्ध मनः पर्यवज्ञान, तथा (११) केवलज्ञान उत्पन्न करता है ?
[उ. ] गौतम ! केवली यावत् केवलि - पाक्षिक की उपासिका से सुने बिना ही (१) कोई जीव केवलि - प्ररूपित धर्मश्रवण का लाभ पाता है, कोई जीव नहीं पाता, (२) कोई जीव शुद्ध बोधिलाभ प्राप्त फ करता है, कोई नहीं प्राप्त करता, (३) कोई जीव मुण्डित होकर अगारवास से शुद्ध अनगारधर्म 5 प्रव्रजित होता है और कोई प्रव्रजित नहीं होता, (४) कोई जीव शुद्ध ब्रह्मचर्यवास को धारण करता है। और कोई नहीं धारण करता, (५) कोई जीव शुद्ध संयम संयम - यतना करता है और कोई नहीं
...
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फ करता, (६) कोई जीव शुद्ध संवर से संवृत होता है और कोई जीव संवृत नहीं होता, (७) इसी
प्रकार
5 कोई जीव आभिनिबोधिकज्ञान का उपार्जन करता है और कोई उपार्जन नहीं करता, ( ८- ९-१०) कोई 5 जीव श्रुतज्ञान - अवधिज्ञान यावत् मनः पर्यवज्ञान का उपार्जन करता है और कोई नहीं करता, (११) फ कोई जीव केवलज्ञान का उपार्जन करता है और कोई नहीं करता ।
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13. [Q. 1] Bhante ! Can a jiva (living being) (1) derive the benefits of hearing the sermon of an omniscient, ( 2 ) attain pure enlightenment, (3) tonsure his head, renounce his home and get initiated to accept the life 5 of a homeless ascetic, (4) lead a life of strict celibacy, (5) practice ascetic- फ्र discipline through strict restraint, (6) attain perfect blockage of inflow of karmas through sincere withdrawal, (7, 8, 9) acquire Abhinibodhik jnana and so on up to... (10) Manah-paryav-jnana, and (11) acquire Keval-jnana (omniscience), even without hearing (the sermon) from the omniscient and so on up to ... or his (self-enlightened omniscient 's) 5 female devotee (upaasika) (these ten ) ?
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5 omniscient ... and so on up to ... or his (self-enlightened omniscient 's) 5 female devotee (upaasika) (these ten) ( 1 ) some jiva ( living being) may and some other may not derive the benefits of hearing the sermon of an omniscient, (2) some jiva (living being) may and some other may not attain pure enlightenment, ( 3 ) some jiva ( living being) may and some other may not tonsure his head, renounce his home and get initiated to accept the life of a homeless-ascetic, (4) some jiva (living being) may and some other may not lead a life of strict celibacy, (5) some jiva (living being) may and some other may not practice ascetic-discipline through नवम शतक इकत्तीसवाँ उद्देशक
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फ्र [Ans.] Gautam ! Even without hearing (the sermon ) from the
Ninth Shatak: Thirty First Lesson
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