Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhyaprajnapti Sutra Part 03 Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Shreechand Surana
Publisher: Padma Prakashan
View full book text
________________
குதமிழகமிமிமிமிமிமிமிமிமிமிமிமிமிமிமிமிமிமிமிமிமிதத****தமிழிதிது
卐
卐
एक शर्करप्रभा में और एक अधः सप्तम पृथ्वी में होता है। ( इस प्रकार रत्नप्रभा और शर्कराप्रभा के साथ 5 ५ विकल्प होते हैं।) अथवा (६) एक रत्नप्रभा में, एक बालुकाप्रभा में और एक पंकप्रभा में होता है । (७) अथवा एक रत्नप्रभा में, एक बालुकाप्रभा में और एक धूमप्रभा में होता है । ( ८-९ ) इसी प्रकार यावत् अथवा एक रत्नप्रभा में, एक बालुकाप्रभा में और एक अधः सप्तम - पृथ्वी में होता है । इस प्रकार 5 रत्नप्रभा और बालुकाप्रभा के साथ ४ विकल्प होते हैं । अथवा (१०) एक रत्नप्रभा में, एक पंकप्रभा में और एक धूमप्रभा में होता है; (११-१२) यावत् अथवा एक रत्नप्रभा में, एक पंकप्रभा में और एक अधः सप्तम- पृथ्वी में होता है । ( इस प्रकार बालुकाप्रभा को छोड़ने पर रत्नप्रभा और पंकप्रभा के साथ तीन विकल्प होते हैं ।) अथवा (१३) एक रत्नप्रभा में, एक धूमप्रभा में और एक तमः प्रभा में होता है; (१४) अथवा एक रत्नप्रभा में, एक धूमप्रभा में और एक अधः सप्तम - पृथ्वी में होता है। (इस प्रकार पंकप्रभा को छोड़ देने पर रत्नप्रभा और धूमप्रभा के साथ दो विकल्प होते हैं ।)
5555555
卐
卐
फ्र
(१५) अथवा एक रत्नप्रभा में, एक तमः प्रभा में और एक अधः सप्तम पृथ्वी में होता है। (धूमप्रभा फ्र को छोड़ देने पर यह एक विकल्प होता है ।) इस प्रकार रत्नप्रभा के ५ +४+३ +२ + १ = १५ विकल्प होते हैं । (ग) (१६) अथवा एक शर्कराप्रभा में, एक बालुकाप्रभा में और एक पंकप्रभा में होता 5 है; (१७) अथवा एक शर्कराप्रभा में, एक बालुकाप्रभा में और एक धूमप्रभा में होता है; (१८-१९) फ्र यावत् अथवा एक शर्कराप्रभा में, एक बालुकाप्रभा में और एक अधः सप्तम - पृथ्वी में होता है । (इस प्रकार शर्कराप्रभा और बालुकाप्रभा के साथ चार विकल्प होते हैं ।) (२०) अथवा एक शर्कराप्रभा में, एक पंकप्रभा में और एक धूमप्रभा में होता है; ( २१ - २२) यावत् अथवा एक शर्कराप्रभा में, एक पंकप्रभा में और एक अधः सप्तम - पृथ्वी में होता है। ( इस प्रकार बालुकाप्रभा को छोड़ देने पर शर्कराप्रभा और पंकप्रभा के साथ तीन विकल्प होते हैं ।) (२३) अथवा एक शर्कराप्रभा में, एक धूमप्रभा में और एक तमः प्रभा में होता है । (२४) अथवा एक शर्कराप्रभा में, एक धूमप्रभा में और एक अधः सप्तम - पृथ्वी में होता है । ( इस प्रकार पंकप्रभा को छोड़ देने पर शर्कराप्रभा और धूमप्रभा के साथ दो विकल्प होते हैं ।) (२५) अथवा एक शर्कराप्रभा में, एक तमः प्रभा में और एक अधः सप्तम पृथ्वी में होता है । ( इस प्रकार धूमप्रभा को छोड़ देने पर एक विकल्प होता है। शर्कराप्रभा के साथ ४+३+२+१
१० विकल्प होते हैं ।)
(घ) (२६) अथवा एक बालुकाप्रभा में, एक पंकप्रभा में और एक धूमप्रभा में होता है। (२७) अथवा एक बालुकाप्रभा में, एक पंकप्रभा में और एक तमः प्रभा में होता है । ( २८ ) अथवा एक F बालुकाप्रभा में, एक पंकप्रभा में और एक अधः सप्तम पृथ्वी में होता है । (२९) अथवा एक बालुकाप्रभा
=
में, एक धूमप्रभा में और एक तमः प्रभा में होता है । (३०) अथवा एक बालुकाप्रभा में, एक धूमप्रभा में और एक अधः सप्तम - पृथ्वी में होता है । (३१) अथवा एक बालुकाप्रभा में, एक तमः प्रभा में और एक अधः सप्तम - पृथ्वी में होता है। ( इस प्रकार बालुकाप्रभा के साथ ३ + २ + १ ६ विकल्प होते हैं ।) फ्र (३२) अथवा एक पंकप्रभा में, एक धूमप्रभा में और एक तमःप्रभा में होता है। (३३) अथवा एक पंकप्रभा में, एक धूमप्रभा में और एक अधः सप्तम - 1 - पृथ्वी में होता है। (यों पंकप्रभा और धूमप्रभा के साथ दो विकल्प होते हैं ।) (३४) अथवा एक पंकप्रभा में, एक तमः प्रभा में और एक अधः सप्तम पृथ्वी में
卐
卐
नवम शतक : बत्तीसवाँ उद्देशक
(363)
Jain Education International
फ्र
Ninth Shatak: Thirty Second Lesson
தமிமிமிமி**************************தமிழின்
For Private & Personal Use Only
5
www.jainelibrary.org