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चित्र-परिचय 18
| Illustration No.18
गांगेय अणगार गांगेय अणगार पुरुषादानीय भगवान पार्श्वनाथ की शिष्य परम्परा के सरल, भद्रिक साधु थे। वे चार महाव्रतधारी थे और रंगीन वस्त्र पहनते थे। भगवान महावीर के पास आकर उन्होंने अपने मन में उत्पन्न जिज्ञासाएँ भगवान के समक्ष प्रस्तुत की। प्रभु महावीर ने उनका समाधान किया। अपनी जिज्ञासाओं का समाधान पाकर गांगेय अणगार ने भगवान के समक्ष पाँच महाव्रत अंगीकार किये। भगवान महावीर की परम्परा के अनुसार सफेद वस्त्र धारण किये और शुद्ध चारित्र का पालन करके आराधक होकर सिद्ध, बुद्ध और मुक्त हुये।
-शतक 9, उ. 32
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GANGEYA ANAGAR
Gangeya Anagar was simple and noble ascetic of the disciple lineage of Purushadaniya Bhagavan Parshvanaath. He observed four great vows and wore coloured dress. He came to Bhagavan Mahavir and put forth his doubts and questions before Mahavir. Bhagavan Mahavir removed his doubts and, Gangeya Anagar got initiated by Bhagavan into the five-vow religion. Following Bhagavan Mahavir's tradition he accepted white garb, observed the prescribed conduct meticulously to become a true aspirant. At last he got liberated and enlightened to end all misery.
--- Shatak-9, lesson-32
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