________________
))
))
))))))))
)
))
)))))))
))
))555555
9545555555555555555555)))
४५. [प्र. १ ] जस्स णं भंते ! णाणावरणिज्जं तस्स आउयं० ? [उ. ] एवं जहा वेयणिज्जेण समं भणियं तहा आउएण वि समं भाणियव्वं ।
[ २ ] एवं नामेण वि, एवं गोएण वि समं। ___ [३] अंतराइएण वि जहा दरिसणावरणिज्जेण समं तहेव नियमा परोप्परं भाणियव्याणि १।
४५. [प्र. १ ] भगवन् ! जिसके ज्ञानावरणीयकर्म है, क्या उसके आयुष्यकर्म होता है, और जिसके आयुष्यकर्म है, क्या उसके ज्ञानावरणीयकर्म है ?
[उ. ] गौतम ! जिस प्रकार वेदनीयकर्म के साथ (ज्ञानावरणीय के विषय में) कहा गया, उसी प्रकार आयुष्यकर्म के साथ (ज्ञानावरणीय के विषय में) कहना चाहिए।
[२ ] इसी प्रकार नामकर्म और गोत्रकर्म के साथ (ज्ञानावरणीय के विषय में) भी कहना चाहिए।
[३] जिस प्रकार दर्शनावरणीय के साथ (ज्ञानावरणीयकर्म के विषय में) कहा, उसी प्रकार हैअन्तरायकर्म के साथ (ज्ञानावरणीय के विषय में) भी नियमतः परस्पर सहभाव कहना चाहिए।
45. [Q.1] Bhante ! Is a soul (jiva) infested with Jnanavaraniya karma also infested with Ayushya karma (life-span determining karma)? And is a soul (jiva) infested with Ayushya karma also infested with Jnanavaraniya karma ?
[Ans.] Gautam ! What has been said about co-relation of Jnanavaraniya karma with Vedaniya karma (sensation producing karma) should also be repeated for co-relation of Jnanavaraniya karma with Ayushya karma (life-span determining karma).
[2] The same is also true for co-relation of Jnanavaraniya karma with Naam karma (form determining karma) and Gotra karma (status determining karma).
[3] What has been said about co-relation of Jnanavaraniya karma with Darshanavaraniya karma (perception/faith obscuring karma)
should also be repeated for co-relation of Jnanavaraniya karma with \ Antaraya karma (power hindering karma), i.e. they coexist as a rule.
४६. [प्र.] जस्स णं भंते ! दरिसणावरणिज्जं तस्स वेयणिजं, जस्स वेयणिज्जं तस्स 卐 दरिसणावरणिज्जं ?
[उ. ] जहा नाणावरणिज्जं उवरिमेहिं सत्तहिं कम्मेहिं समं भणियं तहा दरिसणावरणिज्जं पि 卐 उवरिमेहिं छहिं कम्मेहिं समं भाणियव्वं जाव अंतराइएणं २।
४६. [प्र. ] भगवन् ! जिसके दर्शनावरणीयकर्म है, क्या उसके वेदनीयकर्म होता है, और जिस 卐 जीव के वेदनीयकर्म है, क्या उसके दर्शनावरणीयकर्म होता है ?
555555555%%%%%%%%步步步步步牙牙牙%%%%%%%%%%%%%%%%%%%%%%%
| भगवती सूत्र (३)
(296)
Bhagavati Sutra (3)
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org