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बन्धक - अबन्धक की चर्चा ACQUISITION AND NON-ACQUISITION OF BONDAGE
१२०. [ प्र. १ ] जस्स णं भंते ! ओरालियसरीरस्स सव्वबंधे से णं भंते ! वेउव्वियसरीरस्स किं बंध, अबंध ?
[ उ. ] गोयमा ! नो बंधए, अबंधए ।
[प्र. २] आहारगसरीरस्स किं बंधए, अबंधए ?
[ उ. ] गोयमा ! नो बंधए, अबंधए ।
[प्र. ३ ] तेयासरीरस्स किं बंधए, अबंधए ? [ उ. ] गोयमा ! बंधए, नो अबंधए । [प्र.४ ] जइ बंधए किं देसबंधए, सव्वबंधए ? [ उ. ] गोयमा ! देसबंधए, नो सव्वबंधए ।
[प्र. ५ ] कम्मासरीरस्स किं बंधए अबंधए ?
[ उ. ] जहेव तेयगस्स जाव देसबंधए, नो सव्वबंधए ।
१२०. [ प्र. १ ] भगवन् ! जिस जीव के औदारिकशरीर का सर्वबन्ध है, क्या वह जीव वैक्रियशरीर का बन्धक है या अबन्धक ?
[ उ. ] गौतम ! वह बन्धक नहीं, अबन्धक है ।
[प्र. २ ] भगवन् ! (जिस जीव के औदारिकशरीर का सर्वबन्ध है) क्या वह जीव आहारकशरीर का बन्धक है या अबन्धक ?
[ उ. ] गौतम ! वह बन्धक नहीं, अबन्धक है ।
[प्र. ३ ] भगवन् ! जिस जीव के औदारिक शरीर का सर्वबन्ध है, क्या वह जीव तैजस्शरीर का बन्धक है या अबन्धक ?
[ उ. ] गौतम ! वह बन्धक है, अबन्धक नहीं ।
[प्र. ४ ] भगवन् ! यदि वह तैजस्शरीर का बन्धक है, तो क्या वह देशबन्धक है या सर्वबन्धक ? [ उ. ] गौतम ! वह देशबन्धक है, सर्वबन्धक नहीं ।
[प्र.५ ] भगवन् ! औदारिकशरीर का सर्वबन्धक जीव कार्मणशरीर का बन्धक है या अबन्धक ?
[उ. ] गौतम ! जैसे तैजस्शरीर के विषय में कहा है, वैसे यहाँ भी, यावत् देशबन्धक है, 5 सर्वबन्धक नहीं, यहाँ तक कहना चाहिए ।
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120. [Q. 1] Bhante ! A living being (soul) who has acquired bondage of the whole (sarva-bandh) of gross physical body (audarik sharira); does अष्टम शतक नवम उद्देशक
Eighth Shatak: Ninth Lesson
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