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15 of these ten units please consume one yourself and give the other nine to 卐 some senior ascetic (sthavir).” ... and so on up to ... and dump that unit
___of food there. ॐ ५. निग्गंथं च णं गाहावइ जाव केइ दोहिं पडिग्गहेहिं उवनिमंतेज्जा-एगं आउसो ! अप्पणा
परिभुंजाहि, एग थेराणं दलयाहि, से य तं पडिग्गाहेज्जा, तहेव जाव तं नो अप्पणा परि जेज्जा, नो 卐 अनेसिं दावए। सेसं तं चेव जाव परिट्ठावेयव्ये सिया। एवं जाव दसहिं पडिग्गहेहिं।
५. निर्ग्रन्थ यावत् गृहपति-कुल में प्रवेश करे और कोई गृहस्थ उसे दो पात्र ग्रहण करने के लिए उपनिमंत्रण करे-'आयुष्मन श्रमण ! (इन दोनों में से) एक पात्र का आप स्वयं उपयोग करना और * दूसरा पात्र स्थविरों को दे देना।' इस पर वह निर्ग्रन्थ उन दोनों पात्रों को ग्रहण कर ले। शेष सारा वर्णन + पूर्ववत् कहना चाहिए, यावत् उस पात्र का न तो स्वयं उपयोग करे और न दूसरे साधुओं को दे; यावत् म उसे परठ दे। इसी प्रकार तीन, चार यावत् दस पात्र तक का कथन पूर्वोक्त पिण्ड के समान कहना चाहिए।
5. Suppose an ascetic comes to a householder to seek alms and the $ householder offers him two bowls with a request-“O long-lived
Shraman ! Out of these two bowls please use one yourself and give the 4 other one to some senior ascetic (sthavir)." The ascetic should accept the 4
three units ... and so on up to ... he should neither use that extra unit it himself nor give it to any other ascetic. ... and so on up to ... and
that bowl there. In the same way aforesaid statements about units of
food should be repeated for three, four ... and so on up to ... ten bowls. ॐ ६. एवं जहा पडिग्गहवत्तव्वया भणिया एवं गोच्छग-रयहरण-चोलपट्टग-कंवल-लट्ठी-संथारग- 5 वत्तव्वया य भाणियवा जाव दसहिं संथारएहिं उवनिमंतेजा जाव परिट्ठावेयवे सिया।
६. जिस प्रकार पात्र के सम्बन्ध में वक्तव्यता कही, उसी प्रकार गुच्छक (पूंजनी), रजोहरण, चोलपट्टक, कम्बल, लाठी (दण्ड) और संस्तारक (बिछौना या बिछाने का लम्बा आसन-संथारिया) की + वक्तव्यता कहनी चाहिए, यावत् दस संस्तारक ग्रहण करने के लिए उपनिमंत्रण करे, यावत् परठ दे म (यहाँ तक सारा पाठ कहना चाहिए)।
___6. The aforesaid statement about bowl should be repeated for 4 Guchchhak (a piece of cloth meant for wiping pots), Rajoharan (ascetic卐 broom), Cholapattak (a piece of cloth), blanket, staff, and bed or bed
sheet ... and so on up to ... offers him ten beds ... and so on up to ... 2 dump there.
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भगवती सूत्र (३)
(122)
Bhagavati Sutra (3)
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