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[उ. ] गौतम ! इसके ग्यारह परीषह कहे गये हैं, किन्तु वह एक साथ नौ परीषहों का वेदन करता
है । शेष समग्र कथन षड्विधबन्धक के समान समझ लेना चाहिए।
३३ . [ प्र. १ ] भगवन् ! एकविधबन्धक वीतराग-छद्मस्थ जीव के कितने परीषह कहे गये हैं ?
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[ उ. ] गौतम ! षड्विधबन्धक के समान इसके भी चौदह परीषह कहे गये हैं, किन्तु वह एक साथ फ
बारह परीषहों का वेदन करता है। जिस प्रकार षड्विधबन्धक के विषय में कहा है, उसी प्रकार क एकविधबन्धक के विषय में समझना चाहिए ।
[प्र. २ ] भगवन् ! एकविधबन्धक सयोगी - भवस्थ केवली के कितने परीषह कहे गये हैं ?
33. [Q. 1] Bhante ! How many afflictions a chhadmasth (one who is
short of omniscience due to residual karmic bondage) being without attachment (vitaraag) who has acquired bondage of one species of karmas suffers ?
[Ans.] Gautam ! Like the one with bondage of six species of karma (as aforesaid), he is said to suffer fourteen afflictions. However, at a time he suffers only twelve afflictions. As has been stated about a being that has acquired bondage of six species of karmas, so should be repeated for one who has acquired bondage of one species of karmas.
३४. [ प्र. ] अबंधगस्स णं भंते! अजोगिभवत्थकेवलिस्स कति परीसहा पण्णत्ता ?
[ उ. ] गोयमा ! एक्कारस परीसहा पण्णत्ता, नव पुण वेदेइ, जं समयं सीयपरीसहं वेदेति नो तं समयं उसिणपरीसहं वेदेइ, जं समयं उसिणपरीसहं वेदेति नो तं समयं सीयपरीसहं वेदेइ । जं समयं चरियापरीसहं वेदेइ नो तं समयं सेज्जापरीसहं वेदेति, जं समयं सेज्जापरीसहं वेदेइ नो तं समयं चरियापरीसहं वेदेइ ।
३४. [ प्र. ] भगवन् ! अबन्धक अयोगी-भवस्थ - केवली के कितने परीषह कहे गये हैं ?
[ उ. ] गौतम ! उसके ग्यारह परीषह कहे गये हैं । किन्तु वह एक साथ नौ परीषहों का वेदन करता है। क्योंकि जिस समय शीत परीषह का वेदन करता है, उस समय उष्ण- परीषह का वेदन नहीं करता; और जिस समय उष्ण- परीषह का वेदन करता है, उस समय शीत- परीषह का वेदन नहीं करता । जिस समय चर्या - परीषह का वेदन करता है, उस समय शय्या - परीषह का वेदन नहीं करता और जिस समय शय्या - परीषह का वेदन करता है, उस समय चर्या - परीषह का वेदन नहीं करता ।
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Eighth Shatak: Eighth Lesson
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33. [Q. 2] Bhante ! How many afflictions a Sayogi Bhavasth Kevali (living omniscient with association) who has acquired bondage of one species of karmas suffers ?
[Ans.] Gautam ! He is said to suffer eleven afflictions. However, at a 5 time he suffers only nine afflictions. Remaining part of this statement is अष्टम शतक अष्टम उद्देशक
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