Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhyaprajnapti Sutra Part 03 Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Shreechand Surana
Publisher: Padma Prakashan

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Page 264
________________ 卐 फ्र 卐 16. [Q.] Bhante ! What is this Uchchaya-bandh (accumulative 5 bondage ) ? 卐 卐 [Ans.] Gautam ! Uchchaya-bandh (accumulative bondage) takes place when large quantities of hay, pieces of wood, leaves, bran, husk, cowdung, or rubbish are piled into heaps. This bondage lasts for a minimum of Antarmuhurt (less than 38 minutes) and a maximum of countable period of time. This concludes the description of Uchchaya-bandh 5 (accumulative bondage). 卐 फ्र फ्र 卐 卐 卐 १७. [ प्र. ] से किं तं समुच्चयबंधे ? फ्र 卐 [ उ. ] समुच्चयबंधे, जं णं अगड - तडाग - नदी - दह - वावी - पुक्खरणी - दीहियाणं गुंजालियाणं सरणं फ सरपंतिआणं सरसरपंतियाणं बिलपंतियाणं देवकुल- सभा - पवा - थूभ - खाइयाणं फरिहाणं पागार- 5 Sट्टालगचरिय - दार - गोपुर - तोरणाणं पासाय- घर - सरण - लेण - आवणाणं सिंघाडग-तिय- चउक्क 卐 चच्चर - चउम्मुह - महापहमादीणं छुहा- चिक्खल्ल-सिलेससमुच्चएणं बंधे समुप्पज्जइ, जहन्त्रेणं अंतोमुहुत्तं, 5 उक्कोसेणं संखेज्जं कालं । से त्तं समुच्चयबंधे । 卐 卐 १७. [ प्र. ] भगवन् ! समुच्चयबन्ध किसे कहते हैं ? फ्र [उ. ] गौतम ! कुँआ, तालाब, नदी, द्रह, वापी (बावड़ी), पुष्करिणी (कमलों से युक्त वापी), 卐 சு 5 卐 5 दीर्घिका, गुंजालिका, सरोवर, सरोवरों की पंक्ति, बड़े सरोवरों की पंक्ति, बिलों की पंक्ति, देवकुल फ्र (मन्दिर), सभा, प्रपा (प्याऊ), स्तूप, खाई, परिखा (परिघा), प्राकार (किला या कोट), अट्टालक (अटारी, किले पर का कमरा या गढ़), चरक (गढ़ और नगर के मध्य का मार्ग), द्वार, गोपुर, तोरण, प्रासाद, 5 卐 घर, शरणस्थान, लयन (गृहविशेष ), आपण, शृंगाटक, त्रिक (तिराहा), चतुष्क (चौराहा), चत्वरमार्ग, 15 (चौपड़ - बाजार का मार्ग), चतुर्मुख मार्ग और राजमार्ग आदि का चूना, ( गीली मिट्टी, कीचड़ एवं 5 श्लेष (वज्रलेप आदि) द्वारा समुच्यरूप से जो बन्ध समुत्पन्न होता है, उसे 'समुच्चयबन्ध' कहते हैं। उसकी स्थिति जघन्य अन्तर्मुहूर्त्त और उत्कृष्ट संख्येयकाल की है। इस प्रकार समुच्चयबन्ध का कथन पूर्ण हुआ। 卐 卐 17. [Q.] Bhante ! What is this Samuchchaya-bandh (organized 卐 accumulative bondage)? 卐 F भगवती सूत्र ( ३ ) फ्र 卐 卐 फ्र [Ans.] Gautam ! Samuchchaya-bandh (organized accumulative 5 bondage or structural bondage) takes place when structures like well (agad), pond (tadag), river ( nadi ), lake (draha), rectangular reservoir (vapi or bavadi), lake or pond with lotuses ( pushkarini), large lake (dirghika), canal (gunjalika), natural lake (sarovar), row of lakes (sar pankti), row of lakes connected with canals (sar-sar-pankti), row of narrow wells or water-pits (bil-pankti), temples (devakul), assembly hall F (sabha), water-hut (prapa ), a memorial pillar or mound (stupa), trench or F gully (khai), a moat or trench with narrow bottom and wide top Bhagavati Sutra ( 3 ) (204) Jain Education International 卐 卐 For Private & Personal Use Only தமிழிழமிழ***************************** फ्र फ 5 फ्र க www.jainelibrary.org

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