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| चित्र-परिचय 4 |
Illustration No.4
1. श्रावक व्रत के 49 विकल्प (मंग) श्रावक जो परिग्रह रखता है-धन, सम्पदा, रत्न, वैभव, हिरण्य, सुवर्ण, रुपया, पैसा, स्त्री, पुत्र, पशु इत्यादि, वे सब उसके अपने स्वामित्व में होने के कारण उसके परिग्रह कहलाते हैं। परन्तु जब वह सामायिक ग्रहण करता है, उस अवस्था में वे सब परिग्रह उसके नहीं कहलाते हैं। यहाँ तक कि "जाया अजाया भवई!" पत्नी भी अपत्नी बन जाती है क्योंकि वह सामायिक अवस्था में ६ कोटि से प्रत्याख्यान करता है। सामायिक पूर्ण होने के पश्चात् वही सब परिग्रह उसके कहलाते हैं।
श्रावक व्रत के 49 विकल्प (भंग) कहे गये हैं, अर्थात् वह 49 में से किसी भी एक विकल्प से वह व्रतों का पालन कर सकता है। यह विकल्प करण और योगों के अलग-अलग संयोगों से बनते हैं। करण अर्थात् करना, कराना तथा अनुमोदन करना। योग अर्थात् मन, वचन और काया।
एक करण और एक योग से प्रत्याख्यान करने के 9 विकल्प (भंग) होते हैं। एक करण और दो योग से प्रत्याख्यान करने के भी 9 विकल्प (भंग) होते हैं। एक करण और तीन योग से प्रत्याख्यान करने के 3 विकल्प (भंग) होते हैं।
-शतक 8, उ. 4, सूत्र 4-5
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1. FORTY-NINE OPTIONS OF SHRAVAK-VOWS As a shravak (householder) owns things like money, wealth, gems, opulence, silver, gold, wife, son, cattle etc. they are called his possessions. But when he proceeds to do Samayik all those things are not called his possessions for that period. So much so that even his wife does not remain his wife. This is because in the state of Samayik he renounces six ways. At the conclusion of Samayik he regains those possessions.
There are said to be 49 options of Shravak vows. This means he can choose any of the 49 options while observing the vows. These options are defined by the combination of karans or methods and yogas or means. Karan includes doing, getting done, and approving the action. Yoga includes through mind, speech and body.
There are 9 options of renouncing by one karan and one yoga. There are 9 options of renouncing by one karan and two yogas. There are 3 options of renouncing by one karan and three yogas.
__..- Shatak-8, lesson-4. Sutra-4-5
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