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प्रथम खण्ड
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आजादी के आन्दोलन में अपना सर्वस्व समर्पण करने वाले शहीद अमरचंद बांठिया को 1857 में ग्वालियर में तथा लाला हुकुमचंद जैन को हांसी में फांसी की सजा दी गई थी। अमर शहीद मोतीचंद को आरा के महन्त-हत्याकांड में शूली पर लटका दिया गया था।
महात्मा गांधी जब विलायत जाने लगे और उनकी माता ने मांसाहार, मदिरापान आदि के भय से भंजने से इंकार कर दिया तब एक जैन साधु वेचरजी स्वामी ने गांधी जी को मदिरापान आदि न करने की प्रतिज्ञा दिलायी थी। इसी प्रकार गांधी जी के जीवन पर गहरा प्रभाव डालने वाले जो तीन पुरुष थे, उनमें रायचंद भाई (जैन) प्रमुख थे। धार्मिक, शंकाओं का समाधान गांधी जी रायचंद भाई से ही प्राप्त करते थे।
1942 के आन्दोलन में वीर उदयचंद, वीर साबूलाल, वीर प्रेमचन्द, वीर मगनलाल ओसवाल, कुर) जयावती संघवी, श्री नत्थालाल शाह आदि गोली लगने से मारे गये। लगभग 5 हजार जैनों ने स्वतंत्रता के आन्दोलन में जेल की दारुण यातनायें सहीं। इस बीच किन्हीं के पारिवारिक जन मारे गये तो किसी की आजीविका छिन गई। अनेक जैन ऐसे भी हैं जिन्हें जेल जाने का सौभाग्य नहीं मिल सका, उन्होंने भूमिगत रहकर काम किया। अल्पवय के कारण भी अनेक स्वतंत्रता प्रेमी जैन जेल नहीं जा सके। सहस्राधिक जैन ऐसे भी हैं जो जेल तो नहीं गये पर बाहर से आन्दोलन को अपना नैतिक समर्थन दिया। जैन या अजैन किसी के भी जेल जाने पर उनके परिवार के भरण-पोषण की व्यवस्था करना भी अनेकों का लक्ष्य था। ऐसे व्यक्तियों का एक लम्बा इतिहास हमारे सामने है। इस प्रकार भारतीय राजनैतिक क्षितिज में जैन समाज का योगदान अपना उदाहरण आप है।
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जेल में पर्युषण पर्व जल अवधि में दो बार पर्युषण पर्व आये। सन् 1942 में जिला-जेल, मंडलेश्वर में मनाया। 10-12 जैन बंधु थे, पर्व के दिनों में बिना देवदर्शन के भोजन नहीं करने के कारण स्थानीय मंदिर जी से भगवान् की प्रतिमा जी लाने की अनुमति मिल गई, अतः प्रतिदिन सुबह शांति से अभिषेक पूजन होता, दोपहर में तत्त्वार्थसूत्र का पठन और शाम को सामायिक। इन दिनों अपने ही हाथों बना शुद्ध भोजन एक बार लेते थे। इसी प्रकार सन् 1943 में केन्द्रीय कारागार, इंदौर में भी प्रतिमा जी लाने की अनुमति मिल गई थी, वहां शुद्ध भोजन शहर से आ जाता था। मिश्रीलाल जी गंगवाल, जो बाद में मध्यभारत के मुख्यमंत्री रहे और बाबूलाल जी पाटौदी के होने से पर्व में बड़ा आनंद रहा।
-कमल चंद जैन, एडवोकेट सनावद् (म0प्र0) के वरिष्ठ स्वतंत्रता सेनानी
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