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प्रथम खण्ड
291 आपको गिरफ्तार किया गया। आपको 12 माह की अंग्रेज के बच्चे को, दुनिया से हटा देंगे।। सजा मिली, जिसे 6 माह सागर जेल में और 6 माह अहा, भारत पियारा है वह जग से नियारा है। दमोह जेल में काटी। इस घटना के बाद आपके पिता जी स्वर्गवासी हो गये। श्री जैन के साथी अमर शहीद ___ गांधी जी दूल्हा बने, और दुल्हन बनी सरकार। साबूलाल जैन गढ़ाकोटा में पुलिस की गोली से मारे सब कांग्रेस बने बराती और नाई बना थानेदार।। गये थे। आजादी की लड़ाई में श्री जैन अपने साथियों गंधी जी जेवन को बैठे, नेगन में मांगे स्वराज। के साथ गाते थे
लार्ड इर्विन कहत हैं जीजा, गउने में देंगे स्वराज।। हार गयी सरकार, जालिम हार गयी
अहा, भारत पियारा है वह जग से नियारा है। पकड़ पकड़ कर छोड़ रही है
यह लड़का था मुलायमचंद जैन। मुलायमचंद टूटे नाते जोड़ रही है
का जन्म शहडोल (म0 प्र0) में 1928 में हुआ। पिता लूटे बेशुमार
का नाम श्री मूलचंद था, जो कपड़े के व्यापारी थे। हार गई सरकार जालिम हार गई आ0- (1) म) प्रा) स्व) सै0, भाग-2, पृष्ठ-55
मूलचंद जी के पिताजी 1882 के आसपास पनागर (2) स्व) प
से आकर शहडोल में बसे थे।
श्री मुलायमचंद विद्यार्थी जीवन से ही श्री मुलायमचंद जैन
पं0 शम्भूनाथ शुक्ल आदि नेताओं के सम्पर्क में रहने श्री मुलायमचद जैन, पुत्र-श्री वशीधर का जन्म से तिरंगा लेकर जलस निकालते थे और गीत गाते चलते 1918 में जबलपुर (म0प्र) में हुआ। 1942 के भारत
थे। वे भावुक, गर्म मिजाज, लगनशील व निर्भीक
से छोड़ो आन्दोलन में आप सक्रिय रहे और 6 माह की
कार्यकर्ता थे। सजा भोगी। इससे पूर्व 1932 में आप रेल की जंजीर
____1942 के आंदोलन में आप पढ़ाई छोड़कर खींचकर सत्याग्रह के जुल्म में भी पकड़े गये थे।
आंदोलन में कूद पड़े। शहडोल में जब 'बार-फण्ड' आ0- (1) म0 प्र0 स्व) सै0, भाग 1, पृष्ठ 91 (2) स्व0 स0 ज), पृष्ठ-156
की मीटिंग चल रही थी तो आपने तिरंगा ऊंचा करके
'भारत माता की जय' उद्घोष कर दिया। तत्काल श्री मुलायमचंद जैन
आपको गिरफ्तार कर लिया गया और सेन्ट्रल जेल रीवां आज के नुक्कड़ नाटकों की तरह 1942 क भेज दिया गया. जहाँ आप पांच माह (|| अप्रैल 1942 आंदोलन के दिनों में एक 14 वर्ष का लड़का जहाँ ।
लड़का जहा से 11 सितम्बर 1942) कैद रहे। आपकी धर्मपत्नी भी 20-40 लोगों का जन-समूह देखता जोर-जोर से भी राष्टीय भावनाओं से ओतप्रोत थीं। अपने छात्र जीवन राष्टीय भावना से ओत-प्रोत गीत गाने लगता। गीत के में उन्होंने भी जलसों में सोत्साह भाग लिया था। बोल कुछ यूँ हुआ करते थे
आ0- (1) म0 प्र0 स्व) सै0, भाग-5, पृष्ठ-313 (2) अंग्रेज के बच्चे को दुनिया से हटा देंगे। स्वा0 आ) श), पृष्ठ-151-152 गोरी सी इसकी सूरत मिट्टी में मिला देंगे।।
श्री मुलायमचंद जैन 'हलवाई' हम शेर के बच्चे हैं मरने से नहीं डरते।
हलवाई' उपनाम से विख्यात पिण्डरई, वह एक को मारेगा हम दस को गिरा देगें।
__ जिला-मण्डला (म0प्र0) के श्री मुलायमचंद जैन, पानी की जगह अपना हम खून बहा देंगे।
पुत्र- श्री वृन्दावन का जन्म 1916 में हुआ। आप गाने
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