Book Title: Swatantrata Sangram Me Jain
Author(s): Kapurchand Jain, Jyoti Jain
Publisher: Prachya Shraman Bharati

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Page 469
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 392 स्वतंत्रता संग्राम में जैन रमा बहन:-हमारा कैम्प मिलिट्री कैम्प था, उसमें हमें प्रत्येक प्रकार का शस्त्र-संचालन और अनुशासन-पालन सिखाया जाता था। झांसी की रानी रेजीमेन्ट में दो विभाग थे। एक युद्ध विभाग और दूसरा नर्सिंग विभाग। युद्ध विभाग में हमें मिलिट्री ड्रिल, रायफल के प्रेक्टिंस, पिस्तौल चलाना, टोमीगन चलाना तथा मशीनगन चलाना सिखाया जाता था। मोर्चे पर आक्रमण करना और आत्मरक्षा करना भी सिखाया जाता था। नर्सिंग विभाग में उक्त शिक्षा प्राप्त बालकों को रखा जाता था। हमें घायलों की दवा-दारू और सेवा-सुश्रुषा करना सिखाया जाता था। हमें घंटों खड़े रहकर घायलों की सेवा करनी होती थी। प्रायः सभी बहिनें कैम्प में रहकर काम करने की अपेक्षा युद्ध क्षेत्र में जाकर लड़ने को अधिक आतुर रहती थीं। वे सब प्रसन्न थीं, इस आशा को लेकर कि उनके द्वारा भारत स्वतन्त्र होगा। 000 आशाशाह मेवाड़ के इतिहास में आशाशाह और उसकी वीर माता का नाम अमर है। महाराणा रत्नसिंह की मृत्यु के बाद उसका छोटा भाई विक्रमाजीत गद्दी पर बैठा किन्तु वह अयोग्य था और उसका छोटा भाई उदयसिंह नन्हा बालक। अतः सरदारों ने विक्रमाजीत को गद्दी से उतारकर दासीपुत्र बनवीर को राणा बना दिया। बनवीर ने विक्रमाजीत की हत्या कर जब उदयसिंह की हत्या करनी चाही तो पन्ना धाय अपने पुत्र का बलिदान देकर उदयसिंह को बाहर ले आई। पन्ना धाय आश्रय की खोज में अनेक सामन्त-सरदारों के पास भटकी, पर अत्याचारी बनवीर के भय से आश्रय देने के लिए कोई तैयार नहीं हुआ। अन्ततः वह कुम्भलमेर पहुँची, जहाँ का दुर्गपाल आशाशाह (जैन) था। आशाशाह भी जब अपनी असमर्थता जाहिर करने लगा तो उसकी वीर माता कुपित होकर सिंहनी की भाँति आशाशाह पर झपटी और कहा-"तूं कैसा पुत्र है! जो विपत्ति के समय भी किसी के काम नहीं आता, एक माता पुत्र का बलिदान देकर उदयसिंह को बचा लाई और तू उसकी रक्षा भी नहीं कर सकता। तुझे जीने का कोई अधिकार नहीं।" आशाशाह गद्गद होकर वीर जननी के चरणों में गिर पड़ा। आशाशाह ने कुमार को अपना भतीजा या भानजा कहकर प्रसिद्ध किया। कुछ काल के बाद उदयसिंह ने अन्य सामन्तों की सहायता से चित्तौड़ का सिंहासन प्राप्त कर लिया। For Private And Personal Use Only

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