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प्रथम खण्ड
349 जेल से मुक्त होने के बाद आपने जिला स्तर पर
श्री शिखरचंद जैन सेनानियों को संगठित किया और जिला स्वतंत्रता संग्राम
गाडरवारा, जिला-नरसिंहपुर (म0प्र0) के सेनानी समिति, ललितपुर नामक संस्था की स्थापना की। सम्प्रति आप भोपाल प्रवासी हैं।
शिखरचंद जैन, पुत्र-श्री हजारी लाल का जन्म 1921 आO-(1) प0 जै0 इ), पृ0-474 (2) स्व) प0 एवं प्रमाण पत्र
में हुआ। स्वतंत्रता संग्राम में श्री शिखरचंद जैन
1940 से ही आप भाग लेने
लगे थे। 1942 में गिरफ्तार कटनी, जिला-जबलपुर (म0प्र0) के श्री शिखरचंद जैन, पुत्र-श्री जवाहरलाल का जन्म 1909
होकर 9 माह का कारावास में हुआ। जंगल सत्याग्रह में 15 अगस्त 1930 से
आपने भोगा। आप 13 दिसम्बर 1930 तक आपने सैन्ट्रल जेल तथा
नगरपालिका के सदस्य भी रिफारमेटरी में कारावास भोगा।
रहे। आ0- (1) म0 प्र0 स्व0 सै), भाग-1, पृष्ठ-111 (2)
आO- (1) म0 प्र0 स्व0 सै0, भाग-1, पृष्ठ-155 (2) जै0 स0रा0 अ0
जै0 स0 रा0 अ0 (3) प्रमाण पत्र श्री शिखरचंद जैन
श्री शिखरचंद जैन मिठया कटनी, जिला-जबलपुर (म0प्र0) के श्री पराधीन भारत की स्वतंत्रता के लिए जिसे शिखरचंद जैन, पुत्र- श्री बाबूलाल का जन्म 1917 में जेल जाने का सौभाग्य मिलना है, वह हर आपदा से हुआ। श्री जैन ने 1942 के भारत छोड़ो आन्दोलन
बच जाता है' इस उक्ति को में 2 माह का कारावास भोगा।
चरितार्थ करने वाले श्री आ0- (1) म) प्र0 स्व0 सै0, भाग-1, पृष्ठ-111 (2)
शिखरचंद जैन, पुत्र-श्री जै0 स) रा0 अ0
खेतसिंह जैन (मिठया) का सिंघई शिखरचंद जैन
जन्म 4 नवम्बर 1922 को पिण्डरई, जिला-मण्डला (म0प्र0) के सिंघई
तालबेहट, जिला- झाँसी शिखरचंद जैन, पुत्र- श्री भुवनचन्द का जन्म 1915
(उ0प्र0) में हुआ। 1942 में हुआ। 1936 में राष्ट्रीय में आप तालबेहट के तालाब के उस पार किसानों आन्दोलन की ओर आपका की एक सभा में शामिल होने डोंडा (छोटी सी नाव) झुकाव हुआ। 1942 के भारत से जा रहे थे। डोंड़ा पानी में डूब गया पर आप छोड़ो आन्दोलन में आपने किसी तरह बाहर निकलकर सभा में पहुंचे। सक्रियता से भाग लिया, 1939 में आप आल इण्डिया स्टडेन्ट फेडरेशन फलत: गिरफ्तार हुए और के जिला मंत्री रहे तथा बेगारी प्रथा के विरुद्ध संघर्ष मण्डला तथा जबलपुर की करते हुए तीन माह भूमिगत रहे। 1944 में 26
जेलों में 6 माह का कारावास जनवरी को प्रभात फेरी में गिरफ्तार कर जेल भेज काटा। आपके परिवार के श्री नेमीचंद, सुगमचंद दिये गये। आय 22 वर्ष की होने से आप उस जेल आदि अनेक व्यक्ति जेल गये थे।
में कम उम्र के कैदी थे। डी0आई0आर0 के अन्तर्गत आ0- (1) म0 प्र0 स्व0 सै0, भाग-1, पृष्ठ-215 (2) मकदमा चला और कारावास की सजा मिली, जिसे जै0 स0 रा0 अ0
-minine BUNDANGANA
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