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स्वतंत्रता संग्राम में जैन हो, भारत माता की जय के नारे शहपुरा की वायु में
श्री सूरजमल गंगवाल गूंज रहे थे।
लाडनूं (राजस्थान) के श्री सूरजमल गंगवाल थाने पर युवकों की भीड़ ने हिंसा पर आमादा ने 'मारवाड़ लोक परिषद्' के तृतीय लाडनूं अधिवेशन पुलिस को उत्तेजित किया। पुलिस ने हवाई फायर किये। में सक्रिय सहयोग दिया। 1942 के आन्दोलन में अपने पीछे आने वाले अपने साथियों को आपने वापिस जोधपुर में सत्याग्रह करने के अपराध में आप चले जाने का आग्रह किया और श्री हुकुमचंद नामदेव गिरफ्तार कर लिये गये तथा । वर्ष की सख्त कैद के साथ आगे बढ़े। पुलिस ने आप दोनों को गिरफ्तार की सजा आपने भोगी। किया। मिटोनी स्टेशन से आप बंदी बनाकर जबलपर
आO-(1) जे.) सर) रा) अ0, पृष्ठ-68 ले जाये जा रहे थे, उसी समय नवयुवक दल ने क्रुद्ध
श्री सुरजमल जैन हो स्टेशन पर पत्थर वर्षा कर, अंग्रेजी साम्राज्य के विरुद्ध भोपाल (म0प्र0) श्री सूरजमल जैन, पुत्र-श्री अपना क्षोभ निकाला। सशस्त्र सैनिकों के पहरे में आप सरदारमल जैन का जन्म 1928 में हुआ। बीकॉम, ट्रेन पर चढ़ाये गये। 2 सितम्बर 1942 को आप लोग एल0एल0बी0तक शिक्षा प्राप्त श्री जैन ने 1949 के जबलपुर कोतवाली में रखे गये, जहाँ आपने उग्र भोपाल राज्य विलीनीकरण आन्दोलन में भाग लिया सत्याग्रही के रूप में हलचल मचा दी। दूसरे दिन तथा 32 दिन का कारावास भोगा। 3 सितम्बर को धारा 129 व 26 के अन्तर्गत बंदी ___आ0--(1) म0प्र0 स्व0 सै0, भाग-5, पृष्ठ-31 बनाकर केन्द्रीय कारागार में भेज दिये गये, जहाँ
श्री सूरजमल लुक्कड़ 16 जून 1943 तक कारावास का दण्ड भोगा।
ग्राम-अजड़, जिला-खरगौन (म0प्र0) के श्री आपने एक ओर कारावास काल में आर्थिक क्षति सरल
सूरजमल लुक्कड, पुत्र-श्री फूलचंद लुक्कड़ का उठायी, वहीं दूसरी ओर विद्वान् राजनैतिक बंदियों के जन्म 31 अगस्त 1924 को हुआ। आप प्रजामण्डल सानिध्य में ज्ञानार्जन भी किया। प्राथमिक स्तर तक के सक्रिय सदस्य रहे। 1942 के भारत छोडो अध्ययन करने पर भी आप राजनैतिक, सांस्कृतिक आन्दोलन में भाग लेने के कारण आपको 4 माह 12 एवं साहित्यिक विषयों पर भाषण देने में दक्ष हो गये। दिन का कारावास भोगना पड़ा। जेल से मुक्त होने पर आप तहसील के ग्रामों में कांग्रेस आ)-(!) म0 प्र0 स्व) 30. भाग-4, पृष्ठ-94 संगठन में जुट गये। कांग्रेस सेवादल के संयोजक,
श्री सेजमल जैन जनपद प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष, हरिजन
परतन्त्र भारत में विवाह न करने की प्रतिज्ञा करने सेवक संघ के तहसील प्रचारक आदि अनेक महत्त्वपूर्ण
__वाले श्री सेजमल जैन का जन्म 1913 में निम्बोद, पदों पर आप रहे। स्थानीय संस्थाओं यथा ग्राम, न्याय
जिला-मन्दसौर (म0प्र0) में हुआ। 17 वर्ष की उम्र पंचायत तथा जनपद सभा के सभासद भी आप रहे। में आपका मन सामन्तवाद के प्रति विद्रोह कर बैठा. बाद में आप सक्रिय राजनीति से तटस्थ होकर फलत: आपने निम्बोद के जागीरदार का विरोध करना साहित्यिक कार्यकलापों में संलग्न हो गये।
प्रारम्भ कर दिया। जागीरदार के अत्याचार आपक साथ आ0-(1) म0 प्र0 स्व0 सै0, भाग-1, पृष्ठ-119 आपके परिवार पर भी होने लगे। अन्तत: विवश होकर (2) स्वा0 स0 पा0, पृष्ठ-03 (3) श्री राकेश जैन शहपुरा द्वारा ।
आपको निम्बोद छोड़ना पड़ा। आप इन्दौर आकर मालवा प्रपित परिचय।
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