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प्रथम खण्ड
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थे। हमारे भरण-पोषण के लिए
श्री रामलाल नायक हमें मजदूरी करनी पड़ती खुरई, जिला- सागर (म0प्र0) कांग्रेस कमेटी के थी, क्योंकि हमारे पास कोई अध्यक्ष रहे श्री रामलाल नायक, पुत्र-श्री बाला चन्द व्यवसाय या खेती-बाड़ी नहीं जैन, 1938 से ही राष्ट्रीय आन्दोलनों में सक्रिय हो थी। रोजगार की तलाश में हम गये। आपको 1942 के आन्दोलन में छह माह के लोग जगह-जगह भटकते हुए कारावास की सजा हुई थी, जिससे आपका स्वास्थ्य
म0प्र0 के सबसे बड़े शहर बिगड़ गया था। आप त्रिपुरी कांग्रेस में सागर जिले इन्दौर आये तथा यहाँ राजकुमार कपड़ा मिल में काम से प्रतिनिधि बनकर गये थे। महाकौशल प्रान्तीय कांग्रेस करने लगे।
कमेटी के सदस्य, जिला कांग्रेस कार्यकारिणी के सदस्य ___ महात्मा गांधी ने जब अंग्रेजो भारत छोड़ो का तथा तहसील (खुरई) कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी नारा दिया तब हम उस आंधी में बह चले तथा इन्दौर आप रहे। में आन्दोलन के तहत गिरफ्तार हुए। हमें 20-8-42 आ- (1) म0 प्र0 स्वा) सै0, भाग-2, पृष्ठ-61 को इन्दौर तथा दिनांक 22-8-42 को मंडलेश्वर जेल (2) आ) दी0, पृष्ठ-78 (3) जै) स) रा0 अ0 भेजा गया। मुझे । वर्ष सश्रम कारावास तथा 1 माह
श्री रामलाल पोखरना साधारण कारावास की सजा दी गयी थी। मंडलेश्वर
श्री रामलाल पोखारना का जन्म रामपुरा जेल में इन्दौर के श्री मिश्रीलाल गंगवाल जी हमारे
(मन्दसौर) म0प्र0 में 15 मार्च 1913 को एक सामान्य साथ थे। जेल में हमें जो खाना दिया जाता था, वह
परिवार में हुआ। आपकं पिता बहुत ही निम्न स्तर का होता था। इसके विरोध में हम
का नाम श्री रखबचंद पोखरना लोग जेल से कच्चा सामान लेकर स्वयं खाना पकाकर
था। किशोर अवस्था से ही खाते थे। एक बार हमारे एक साथी ने कमरे में बंद
आपके हृदय में अंग्रेजों के होने से इंकार किया तब जेल के कर्मचारी ने जबर्दस्ती
अत्याचारों तथा दमनपूर्ण की। इसके विरोध में सभी साथियों ने तोड़-फोड़ करते
नीतियों के विरुद्ध पर्याप्त हुए जेल का फाटक तोड़कर, जेल से निकलकर
आक्रोश था। गांधी जी द्वारा मंडलेश्वर बाजार में शांतिपूर्वक प्रदर्शन करते हुए एक
चलाए गये अहिंसक आन्दोलन ने प्रभावित किया तथा सभा की तथा जेलर को आश्वासन दिया कि हम शान्ति
पूरे समर्पण भाव से आप स्वतंत्रता आंदोलन में कूद से विरोध प्रकट कर वापस जेल में आ जायेंगे। यह
पड़े। 1942 के भारत छोड़ो आन्दोलन में पोखरना जी भारतीय क्रांतिकारियों की ईमानदारी का बड़ा उदाहरण
का नेतृत्व प्रखर होकर सामने आया। प्रजामण्डल के था। हम सभी बड़ी ईमानदारी से जेल वापस पहुंच
माध्यम से आपने अपने संकल्प को सार्थक गये। दूसरे दिन हम सभी को हाथों में हथकड़ी तथा
करने का प्राण-प्रण से प्रयत्न शुरू किया। उस समय पैरों में बेड़ियां डाल दी गई।' आपके अग्रज श्री लक्ष्मण
पोखरना जी इन्दौर की भंडारी मिल में 'डिजाइन जी भी जेलयात्री रहे हैं।
गस्टर' थे। आ0- (1) म0 प्र0 स्व० सै), भाग-4, पृष्ठ-42
___आपके पास अनेक आन्दोलनकारी आया करते (2) स्व) प०
थे तथा आपके निर्देशों पर कार्य करते थे।
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