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स्वतंत्रता संग्राम में जैन उदयपुर के तत्कालीन शासन ने जब राजस्व शिक्षा प्राप्त कर आप 1930 के स्वतंत्रता संग्राम में सम्बन्धी नये कर लगाये तब पूरा उदयपुर इसके विरोध सक्रिय हो गये। 1932 में वेयर हाउस पिकेटिंग के में उठ खड़ा हुआ, लगभग दस हजार लोगों का विशाल समय हुये लाठीचार्ज में आप घायल तथा गिरफ्तार जुलूस ज्ञापन देने राजमहल की सीमा में प्रवेश ही कर हुये और साढ़े नौ माह का कारावास भोगा। त्रिपुरी रहा था कि भयंकर लाठी चार्ज प्रारम्भ हो गया। अनेकों कांग्रेस में भी आप स्वयंसेवक बनकर गये थे। के सिर फटे और अनेकों के हाथ में विरोध
आ)- (1) म0 प्र0 स्व0 सै0, भाग-1, पृष्ठ-104 (2) रुका नहीं। श्री बोर्दिया उस प्रदर्शन के संयोजकों में स्वस0 ज0, पृष्ठ-168 एक थे । बोर्दिया जी के साथ 64 और व्यक्तियों को
श्री लक्ष्मीचंद जैन गिरफ्तार कर नजरबंद रखा गया। मेवाड़ प्रजामण्डल
जबलपुर (म0प्र0) के श्री लक्ष्मीचंद जैन, की स्थापना के बाद 1938 में नाथद्वारा में जो आन्दोलन पुत्र-श्री दमरूलाल जैन ने 1921 के आन्दोलन में हुआ उसमें बोदिया जी 8 दिन पुलिस कस्टडी में रहे। भाग लिया तथा जबलपुर जेल में | वर्ष का कारावास 1939 से 1954 तक वे मेवाड़ प्रजामण्डल व कांग्रेस भोगा। के कोषाध्यक्ष रहे।
आ0- (1) म0 प्र0 स्व0 सै0, भाग-1, पृष्ठ-104 1942 के भारत छोड़ो आन्दोलन में भी बोर्दिया (2) स्व0 स0 जा0, पृष्ठ-168 जी को एक वर्ष उदयपुर व इसवाल की जेलों में रहना
श्री लक्ष्मीचंद जैन पड़ा, उनके मेवे का व्यापार चौपट हो गया, पर इसकी परवाह उन्होंने नहीं की। 1948 में पुलिस की गोली
जबलपुर (म0प्र0) के श्री लक्ष्मीचंद जैन, से उनके पैर में भयानक चोट लगी। समाजसेवी के ..
पुत्र- श्री दुलीचन्द ने 1930 और 1932 के आन्दोलन
में भाग लिया, गिरफ्तार हुए और लगभग । वर्ष का रूप में विख्यात बोर्दिया जी महिला विद्यापीठ, कस्तूरबा
कारावास भोगा। मातृमण्डल, हरिजन सेवक संघ, आदिवासी संघ आदि
आ0- (1) म0 प्र0 स्व) सै0, भाग-1, पृष्ठ-105 संस्थाओं से सम्बद्ध रहे हैं।
(2) स्व0 स0 ज0, पृष्ठ-168 आO- (1) इ0 अ0 ओ0, 2/400 (2) रा0 स्व0 से0, पृ०-480
- श्री लक्ष्मीचंद जैन श्री लक्ष्मण जैन
__ श्री लक्ष्मीचंद जैन, पुत्र-श्री रज्जीलाल का
जन्म 1914 में सागर (म0प्र0) में हुआ। विद्यार्थी इन्दौर (म0प्र0) के श्री लक्ष्मण जैन, पुत्र-श्री
जीवन से ही विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार आन्दोलन आत्माराम जैन का जन्म 1910 में हुआ। 1942 के
में आपने भाग लिया तथा रचनात्मक कार्यों में भारत छोड़ो आन्दोलन में आपने भाग लिया, फलतः
संलग्न रहे। भारत छोड़ो आन्दोलन में आप गिरफ्तार | माह 8 दिन का कारावास आपको भोगना पड़ा।
हुये तथा एक वर्ष का कारावास भोगा। आपके अनुज श्री रामराव जैन ने भी जेल यात्रा की।
आ0- (1) म0 प्र0 स्व0 सै०, भाग-2, पृष्ठ-63 आ0- (1) म0 प्र0 स्व0 सै०, भाग-4, पृष्ठ-43
(2) आO दी0, पृष्ठ-79 श्री लक्ष्मीचंद जैन
श्री लक्ष्मीचंद जैन श्री लक्ष्मीचंद जैन, पुत्र-श्री टीकाराम का जन्म
सागर (म0प्र0) निवासी और विदिशा प्रवासी 1912 में जबलपुर (म0प्र0) में हुआ। मिडिल तक श्री लक्ष्मीचंद जैन, पत्र-श्री हल्के लाल जैन ने 1942
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