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स्वतंत्रता संग्राम में जैन में 'इन्डियन मेडीकल सर्विसेज' के अन्तर्गत आप पत्रिकाओं में आपके प्रकाशित हुए हैं। अनेक देशों भारतीय सेना में सम्मिलित हुए, जहाँ लेफ्टिनेंट की यात्रा भी आपने की थी। प्रसिद्ध तीर्थ श्री कर्नल तक के विभिन्न पदों पर कार्य किया। महावीर जी के आप वर्षों तक अध्यक्ष/मंत्री रहे। द्वितीय विश्वयन में आपको मलाया भेजा आ()- (1) जी) स) रा() अ) (2) जैन गजट, (. मार्च
1967 (3) डॉ0 राजमल कासलीवाल पर प्रकाशित लघु पुस्तिका, गया, जहाँ नेताजी सुभाष चन्द्र बोस से आपकी भेंट
सौजन्य-श्री ज्ञानचंद जी सा) खिन्दुका, जयपुर। हुई। नेताजी की देशभक्ति से आप में देशभक्ति की भावना हिलोरें लेने लगी। इधर नेताजी भी आपकी
श्री राजमल कोठरी संवाओं से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने अपनी महिदपुर, जिला-उज्जैन (म0प्र0) के श्री राजमल 'आजाद हिन्द फौज' में सम्मिलित होने का आग्रह कोठारी, पुत्र- श्री चांदमल कोठारी ने महिदपुर जेल में किया। कासलीवाल जी तत्काल 'आजाद हिन्द फौज' 30-3-1941 से 20-4-1941 तक का कारावास में सम्मिलित हो गये, जहाँ 1945 तक आप निदेशक भोगा। 1942 में भी 50/- रुपये का अर्थदण्ड आपने 'चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा' के पद पर रहे। आप भोगा था नेताजी के निजी चिकित्सक भी थे।
आ0-(1) म0प्र0 स्व० सं०, भाग-4. पृष्ठ-171 कासलीवाल जी के सन्दर्भ में 'जैन संदेश' राष्ट्रीय अंक (जनवरी 19.17) लिखता है-'आप डाक्टरी
श्री राजमल कोठारी की सर्वोच्च डिग्री पास करने के बाद सरकार द्वारा
इंदौर (म0प्र0) के श्री राजमल कोठारी, पुत्र-श्री फौज को डाक्टरी सहायता देने के लिए विशेष पद
भेरूलाल कोठारी 1932 में विदेशी वस्त्रों का बहिष्कार' पर भेजे गये थे। किन्तु स्वतंत्रता का दीवाना कब
आंदोलन में सक्रिय रहे। 6 माह का कारावास तथा तक दम का गलौजों की निकिता 50 रु0 का अर्थदण्ड भोगकर आपने आंदोलन में रह सकता था। आजाद हिन्द फौज के निर्माण होते
सक्रियता का परिचय दिया।
आO-(1) म) प्र) स्वा सै), भाग-4, पृष्ठ-39 ही आप सरकारी नौकरी छोड़कर उसमें जा मिले और नेता जी सुभाषचन्द बोस के साथ उनके एक
श्री राजमल जालोरी विश्वस्त सहयोगी के रूप में भारत की मुक्ति के मध्यभारत के पूर्व मुख्यमंत्री श्री तख्तमल जैन लिए अनवरत प्रयत्न करते रहे। आप आजाद हिन्द के सुपुत्र श्री राजमल जालोरी का जन्म 15-9-1914 फोज सरकार के मंत्रिमंडल के एक सदस्य. डायरेक्टर
को हुआ। व्यवसाय से वकील आफ मेडीकल्स तथा नेताजी के पर्सलन डाक्टर की
श्री जालोरी के पूर्वज मूलतः हैसियत से सम्मानपूर्ण और दायित्वपूर्ण पदों पर रहे।'
राजस्थान के जोधपुर आजादी के बाद आप आगरा मेडीकल कालेज
जिलान्तर्गत अटिया (सेठों के प्राचार्य, जयपुर मेडीकल कालेज के संस्थापक
की रियां) के निवासी थे। प्राचार्य, अन्तर्राष्ट्रीय चिकित्सा विज्ञान अकादमी के
वहां से ओसवालों का यह अध्यक्ष, अ) भा) कांग्रेस कमेटी के सदस्य आदि
कुटुम्ब व्यवसाय के लिए अनेक पदों पर रहे। चिकित्सा शास्त्र से सम्बन्धित उपयुक्त नई जगह तलाश करता हुआ तत्कालीन अनेक पुस्तकें तथा अनेक लेख देश-विदेश की ग्वालियर रियासत के भेलसा (वर्तमान विदिशा)
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