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स्वतंत्रता संग्राम में जैन गद्दार ठेकेदार ने गुप्त सूचना सरकार को दे दी। महाविद्यालय आपकी ही देन है। आपने राष्ट्रीय जैन नागपञ्चमी के दिन ज्यों ही आप जंगल कानून उच्चतर माध्यमिक कमला नेहरू महिला विद्यालय, तोड़ने को कटिबद्ध हुए त्यों ही तत्कालीन कलेक्टर जैन औषधालय के साथ ही अनेक संस्थाओं की डब्ल्यू0जे0एन0 ली0 तथा एस0पी0 हुर्र ने आपको स्थापना की। 1957 में कलेक्टर द्वारा कम्युनिस्ट और साथियों को गिरफ्तार कर लिया। मोदी जी को घोषित किये जाने पर आप पुनः गिरफ्तार हुए। दो दिन जेल में रखकर छोड़ दिया गया। आपातकाल में भी आपको अस्वस्थ अवस्था में ___इस गिरफ्तारी से जनता में और अधिक जागृति गिरफ्तार किया गया था। 17 दिसम्बर 1976 में आई जिसे अंग्रेज शासक सहन न कर सके। अमानुषिक आपने इस नश्वर शरीर को त्यागा। आपकी स्मृति में अत्याचार आजादी के दीवानों पर किये जाने लगे। शासन ने दमोह की राष्ट्रीय जैन उच्चतर माध्यमिक स्कूलों और टाउनहाल में तिरंगा झण्डा फहराने के शाला का नाम 'श्री रघुवर प्रसाद मोदी राष्ट्रीय जैन अभियोग में मोदी जी को गिरफ्तार कर लिया गया उच्चतर माध्यमिक' शाला रखा है। और निर्ममता से पीटा गया। इस सन्दर्भ में 'म0प्र0
(1) म) प्र0 स्व0 सै0, भाग 2, पृष्ठ-88 के स्वतंत्रता संग्राम सैनिक- भाग-2,' पृष्ठ 77 पर ।
7 (2) युवक क्रान्ति समान दमोह, स्मारिका, पृष्ठ- 06 (1) प0 जै)
___ इ0, पृष्ठ-431 (4) श्री संतोष सिंघई, दमोह द्वारा प्रेपित परिचय लिखा है- 'दमोह नगर के मध्य में निर्मित गांधी ।
(5) श्री खेमचंद कोमलचंद बजाज द्वारा प्रेषित परिचय चौक आजादी के संघर्ष का जीता-जागता स्मारक है, जो आजादी के लिए प्राणों की आहुति देने वालों की
प्रो० रघुवीरसिंह जैन स्मृति ताजा करता है। इसी स्थान पर 1942 में अ) भा0 दि) जैन परिषद् परीक्षा बोर्ड के मंत्री पुलिस ने स्वतंत्रता सेनानी श्री रघुवर प्रसाद मोदी को रहे प्रो) रघुवीरसिंह जैन का जन्म 1909 में मेरठ जूतों की ठोकरों से इतना पीटा था कि सारा प्रांगण
(उ0प्र0) के एक सम्पन्न जैन लहूलुहान हो गया था।'
परिवार में हुआ। आपके मोदी जी की ऐसी पिटाई से जनता भड़क
पिताजी बड़ौत के रहने वाले उठी। आन्दोलन तीव्र होने की आशंका से प्रशासन ने
थे परन्तु वकालत के कारण इन्हें मुक्त कर दिया, किन्तु स्वस्थ होते ही पुन:
मेरठ में रहने लगे थे। गिरफ्तार कर लिया। मुकदमा चला और 6 माह की
आपने 1929 में बी0एससी0 जेल तथा 500/- रु) जुर्माना की सजा आपको दी
| की परीक्षा प्रथम श्रेणी में तथा गई। इतने अत्याचारों के बाद भी आप घबड़ाये नहीं। विश्व-विद्यालय में द्वितीय स्थान के साथ मेरठ कॉलेज, इसी बीच क्रान्तिकारी श्री प्रेमचंद जैन 'आजाद' ने मेरठ से पास की और आगरा कालेज, आगरा के भौतिक आपका उत्साह बढ़ाया। आपके नेतृत्व में दमोह से विभाग । एम0एससी) में प्रवेश लिया। वहाँ अभी एक भारी तादाद में सेनानी जेल गये।
वर्ष ही बीता था कि गांधी जी ने नमक सत्याग्रह आरम्भ 15 अगस्त 1947 को देश आजाद हुआ। मोदी कर दिया। देश की पुकार पर आप पढ़ाई को अधूरा जी के नेतृत्व में विशाल मशाल जुलूस शहर में ही छोड़कर सत्याग्रह में कूद पड़े। मित्रों ने बहुत आजाद भारत का शंखनाद करता हुआ निकाला गया। समझाया कि वह अपनी सरकारी नौकरी का भविष्य
देश की आजादी के बाद आप 1952 से बिगाड़ रहे हैं' परन्तु गांधी जी की पुकार पर आपने 1957 तक दमोह से विधायक रहे। दमोह में शासकीय
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