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प्रथम खण्ड
133 ऐतिहासिक घटना है, जिसे युग-युग तक वर्तमान व किया था। स्मारिका का प्रकाशन 'श्री कुसुमकान्त आने वाली पीढ़ियां याद करती रहेंगी और प्रेरणा जैन अभिनन्दन समिति', दिल्ली ने किया है। 1992 लेंगी।
में आपके नाम पर एक लोकोपकारी ट्रस्ट की 1948 से 51 तक आप विधानसभा के सदस्य स्थापना की गई है। 1992 में ही देवी अहिल्ला रहे। राज्य की यातायात नीति बनाने वाली महत्त्वपूर्ण विश्वविद्यालय, इन्दौर की एम०फिल() उपाधि हेतु शासकीय समिति के सदस्य, पब्लिक एकाउण्ट्स कु0 ऋचा गर्ग ने एक लघुशोध प्रबन्ध 'स्वतत्रता कमेटी के वर्षों तक चेयरमैन, रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी सेनानी श्री कुसुमकांत जैन' श्री जे0सी0 उपाध्याय के सदस्य एवं पश्चिमी रेलवे सलाहकार समिति के के निर्देशन में प्रस्तुत कर उपाधि प्राप्त की है। सदस्य के नाते अपनी बहुमुखी सेवाएं प्रदेश को देते आजादी की स्वर्ण जयन्ती पर आयोजित अनेक रहे। आप प्रदेश कांग्रेस समिति के भी सदस्य रहे। विशिष्ट समारोहों में आपको सम्मानित किया गया है। आप रतलाम जिले के आलोट क्षेत्र से 1952के आ0- (1) म0 प्र0 स्व) सै), भाग-4, पृष्ठ 14, (2) श्री आम चनाव में पन: भारी बहमत से विधायक चने कुसुमकांत जैन अभिनन्दन स्मारिका, (3) दैनिक भास्कर (भोपाल) गये थे।
24/3/89, (4) अनेक प्रमाणपत्र सम्मान पत्र आदि।, (5)
जनसत्ता (दिल्ली) 10.01/1997, (6) दैनिक भास्कर (इन्दौर) विधानसभा की ओर से श्री जैन स्पीकर के 15/8/1997 साथ संसदीय कार्य प्रणाली के अध्ययन हेतु लंदन भेजे गए जहां 7 सप्ताह तक ब्रिटिश संसद प्रणाली
श्री केवलचंद जैन का अध्ययन किया। इंग्लैण्ड, आयरलैण्ड एवं अन्य
पिण्डरई, जिला-मण्डला (म0प्र0) के श्री यूरोपियन व पश्चिमी एशिया के देशों की यात्रायें
केवलचंद जैन, पुत्र-सेठ मुलायमचंद जैन का नाम आपने की। लंदन निवास के दौरान बी0बी0सी0 के
तत्कालीन रईसों में गिना जाता था, पर अपने काम की
परवाह न कर केवलचंद जी ने 1942 के भारत निमंत्रण पर श्री जैन ने एक ब्राडकास्ट कर अपने
छोड़ो आन्दोलन में खुलकर भाग लिया, गिरफ्तार अनुभव सुनाये थे।
हुए और मण्डला जेल में 6 माह का कारावास नवम्बर 1956 में विशाल मध्य प्रदेश बना। श्री जैन मध्य प्रदेश विधान सभा के सदस्य हुए और की भी सजा मिली थी। रईस होते हुए भी आपने
आपको भोगना पड़ा। आपको 14 दिन की गुनहखाने अप्रैल 1957 तक विधानसभा में बने रहे। 1957 में
म अपने साथियों के साथ बी0 और सी0 क्लास जेला अखिल भारतीय कांग्रेस का खुला अधिवेशन इदौर में रहना ही पसन्द किया था। में हआ. जिसके आयोजन में । सहयोग श्री जैन
सहयाग श्रा जन
आ-(1) म0 प्र) स्व० सै0, भाग-।, पृष्ठ 204, (21 का था।
सा) रा0 अ01 ____ आपके सम्मान में अनेक समारोह हुए, अनेक धार्मिक संस्थाओं से भी आप सम्बद्ध रहे हैं।
श्री केवलचंद जैन 11 मार्च 1989 को राष्ट्रपति भवन में तत्कालीन
गौरझामर, जिला सागर (म0प्र)। के श्री केवा राष्ट्रपति महामहिम श्री आर0वेंकटरमन ने पुष्प-माला चंद जैन, पुत्र-श्री हीरालाल का जन्म 19!| E
और शाल ओढाकर आपको सम्मानित किया। इस हुआ। 1942 के भारत छोड़ो आन्दालन में आप अवसर पर आपके व्यक्तित्व और कृतित्व पर एक लगभग 8 माह का कारावास भोगा।
आ)-(1) म) प्र) स्व) ), भाग 2 पृष्ठ 14,12 सचित्र स्मारिका का विमोचन भी राष्ट्रपति जी ने दी पाठ
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