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स्वतंत्रता संग्राम में जैन 1942 से 1944 के मध्य राज्य प्रजामंडल, का जनता में उफान और आक्रोश देखा, जिससे छतरपुर के आदेशानुसार हर आंदोलनों में आपने आपका मन देश की आजादी के लिए तड़फ उठा। शिरकत की, मारे पीटे गए और घायल हुए। 1946 1938 से आप स्थायी रूप से दमोह में बस गये, जैन में लाठी चार्ज में अत्यधिक घायलावस्था में प्रथम पाठशाला में शिक्षक का कार्य किया और खादी श्रेणी मजिस्ट्रेट के सामने उपस्थित किए गए और प्रचार में जुट गये। 10 माह जेल की सजा 30 अप्रैल 47 तक के लिए 1942 के अगस्त आंदोलन में आप खादी सुना दी गई। 300 रुपए जुर्माना किया गया। जुर्माना प्रचार के साथ गुप्त रूप से बुलेटिन बांटने का कार्य अदा न करने पर 2 माह सख्त मशक्कत कंद की करने लगे। 16 अक्टबर 1942 को आपके घर ओर सजा बढ़ा दी गई और फिर माँ भारती की स्वतंत्रता दुकान की असफल तलाशी हुई। पुलिस ने स्वयं की घोषणा के कुछ पहिले 15-5-47 को राज्य का दुकान में बलेटिन रखकर जप्ती की पर्ची बनाई और समझौता हो जाने के कारण रिहा कर दिये गये।।
.. थाने में बुलाकर बन्द कर दिया। चार माह की सख्त स्वतंत्रता की लालिमा बिखरी, देश नवगान में ।
सजा आपको भोगनी पड़ी, फरवरी 1943 में आप झूम उठा। केन्द्रीय एवं राज्य शासन द्वारा स्वतंत्रता
छोड़ दिये गये। संग्राम सेनानियों को कई सुविधायें प्रदान की गईं,
जेल से छूटने के पश्चात् आप खादी और किन्तु आरम्भ से ही स्वाभिमानी होने के कारण श्री
गांधी साहित्य का प्रचार करते रहे। 'गांधी चौक के जैन ने समस्त सुविधाओं को सधन्यवाद नकार दिया,
गांधी' के नाम से विख्यात भास्कर जी का निधन मात्र प्रशस्ति-पत्र सम्हाल कर रखे रहे।
74 वर्ष की अवस्था में दमोह में हुआ। 6 मई 1985 को इस नश्वर शरीर को छोड़कर
आ।)- (1) म0 प्र0 स्वा) से), भाग 2, 10 , (2) श्री आपने संसार से विदा ली।
संतोष सिंघई, दमोह द्वारा प्रपित परिचय आ) (1) म.प्र) स्व। सै, भाग-2, पृ0-100, (2) पुत्र अभयकुमार द्वारा प्रषित परिचय एवं अनेक अनुशंसा तथा प्रशस्ति श्री छोटेलाल उर्फ रतनचन्द मलैया पर (3) वि) स्व) स) इ), पृ0-254)
गढ़ाकोटा, जिला-सागर (म0प्र() ) के श्री छोटेलाल श्री छोटेलाल 'भास्कर'
उर्फ रतनचंद मलैया, पुत्र-श्री सजन कुमार का जन्म गांधी साहित्य के प्रचार-प्रसार के शौकीन श्री 1919 में हुआ। आपने 1942 के भारत छोड़ो आन्दोलन
में भाग लिया तथा ) माह का कारावास भोगा। छोटलाल ‘भास्कर' का जन्म जबलपुर संभाग के म
आ) (1) म) प्र) स्व) सै), भाग-2, 40-25. (2) या बिलाई ग्राम में 1912 ई) में
आ। दी), पृ. 44 हुआ। पिता श्री बृजलाल की अपेक्षा माँ का पूरा सहयोग
श्री जड़ावचंद जैन आपको मिला। आपने ब्यावर धार (म) प्र)) के श्री जड़ावचंद जैन, पुत्र- श्री (राजस्थान) में धार्मिक शिक्षा कस्तूरचंद जैन का जन्म फरवरी 1925 में हुआ। ली और 1928 से भारत माँ आपने बोरखेड़ा तथा उपरबाडा जागीरों में स्वतंत्रता
की सेवा में जुट गये। आपने आंदोलन हेतु सक्रिय कार्य किया। महात्मा गांधी के विदेशी वस्त्र बहिष्कार. नमक सत्याग्रह, जंगल सत्याग्रह, आह्वान पर आपने हरिजनोद्धार के कार्य किये। भगतसिंह की फांसी, गांधी जी के अहिंसक आंदोलन फलत: आपकी सम्पत्ति जब्त कर ली गई,
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