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को आप पर कड़ी
प्रथम खण्ड
241 बार- कौंसिल राजस्थान के आप अनेक बार अध्यक्षा सिंह मेहता था। मेहता जी की प्रारम्भिक शिक्षा सदस्य आदि पदों पर रहे थे। अनेक गम्भीर विषयों भीलवाड़ा और उदयपुर में हुई बाद में वे उच्च पर आपने पुस्तकें भी लिखी हैं। 17 नव0 2000 शिक्षा के लिए फरग्यूसन कालेज, पूना गये। आपके को आपका निधन हो गया।
परिवार को राज्य की ओर से जागीर दी गई थी, आ) (1) साक्षात्कार 7-11-96 (2) आकाशवाणी आपका परिवार एक खानदानी सामन्ती परिवार था, बीकानेर का दिया साक्षात्कार (3) रा) स्व) से0, पृष्ठ-574
परन्तु मेहता जी अपनी 15 वर्ष की उम्र में एक श्री बरदीचंद जैन
विद्रोही के रूप में उभरे। उन्होंने सामन्ती जीवन का रानापुर, जिला-झाबुआ (म0प्र0) के श्री विरोध ही नहीं, बहिष्कार भी किया। बरदीचंद जैन, पुत्र- श्री मंगनीराम जैन का जन्म मेहता जी ने अपने प्रारम्भिक जीवन में जैन 7 अक्टूबर 1904 को हुआ। मिडिल तक शिक्षा विद्यालय में अध्ययन-अध्यापान किया था अत: उदयपुर ग्रहण कर आप 1927 से स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय के लोगों में आप आज भी 'मास्टर जी' उपनाम से हो गये थे। 1936 के आन्दोलन में भाग लेने के विख्यात हैं। कारण आप गिरफ्तार किये गये तथा 5 माह का 1915 में प्रताप सभा के माध्यम से आप कारावास आपने भोगा।
राजनीति में आये। आप वर्षों तक इस सभा के आ) (1) म) प्रा) स्वा) सै), भाग-1, पृष्ठ-147 संचालक रहे. इस कारण रियासत की आप पर कडी
श्री बलवंतसिंह मेहता नजर रहने लगी। अजमेर में होने वाली राजनैतिक राजस्थान की संस्कारधानी उदयपुर में हमने ।
र गतिविधियों में तो आप भाग लेते ही थे 1929 में 10 सितम्बर 1997 को एक 98 वर्षीय कृषकाय,
- लाहौर कांग्रेस में उदयपुर से प्रतिनिधि बनकर आप ओजस्वी, जीवट और जीवन्त व्यक्तित्व के दर्शन
गये थे। पुलिस की कठोर निगाहें अब आप पर और किये। छरहरा शरीर, सौम्य
- अधिक रहने लगीं थीं। उन्हीं दिनों 'मेरठ षडयंत्र मुखाकृति, भव्य ललाट, आंखों
केस' के कुछ क्रान्तिकारी उदयपुर आ गये थे। 'नौजवान पर चश्मा, हाथ में छडी, भारत-सभा' के कुछ युवकों ने भी उदयपुर में डरा सिर पर सफेद टोपी. डाल रखा था। उनके मुखिया राधेश्याम उर्फ श्यामबिहारी स्वच्छ धवल खादी का न
ने मेहता जी के सहयोग से क्रान्तिकारियों के लिए कर्ता-धोती। आज भी वाणी उदयपुर से सैकड़ों की तादाद में पिस्तौलें खरीदीं।
में वही ओज और कल कर पिस्तौलों की जांच के लिए राधेश्याम के साथ मेहता गजरने की तमन्ना। यही थे प्रथम लोकसभा के जी पहाडियों में जाया करते थे। हल्दीघाटी में उन्होंने सदस्य, राजस्थान मंत्रिमण्डल में अनेक बार कैबिनेट एक शिविर भी लगाया था जहाँ बम बनाने की मंत्री रहे तथा संविधान निर्मात सभा के सदस्य मारमा प्रक्रिया समझाई जाती थी। बलवन्तसिंह मेहता।
अप्रैल 1932 में उदयपुर की जनता ने मेहता मेहता जी का जन्म 8 फरवरी 1900 को जी ने नेतृत्व में रियासत द्वारा लगाये गये कुछ नये उदयपुर के प्रसिद्ध नरवद मेहता जलसी मेहता के करों तथा शासनाधिकारियों की निरंकुशता और अभद्र खानदान में हुआ। आपके पिता का नाम श्री जालिम व्यवहार के विरोध में एक विशाल प्रदर्शन किया।
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