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प्रथम खण्ड
भारतीय संविधान सभा में आपने गहन चर्चा की थी। लगभग पांच पृष्ठ का आपका वक्तव्य संविधान सभा की कार्यवाही में पृष्ठ 4030-4034 पर दर्ज है।
मेहता जी को अनेक सम्मान और पुरस्कार मिले। आजादी की स्वर्ण जयन्ती के अवसर पर आपको संसद के केन्द्रीय कक्ष में सम्मानित किया गया था।
310 0 0,
आरा (1) रा स्वासेच, पृष्ठ-463-465 (2) जैन संस्कृति और राजस्थान, पृष्ठ 342 (3) जनसत्ता, दिल्ली, 8-2-1999 तथा 10 2 1999 (4) राष्ट्रदूत, उदयपुर, 29-12-1996 (5) राजस्थान पत्रिका, उदयपुर, 7-8-1994 (6) टाइम्स आफ इण्डिया 21 5 1997 आदि
श्री बलीराम जैन
श्री बन्नीराम जैन का जन्म 1902 में प्रभातपट्टन, जिला - बैतूल (म0प्र0) में हुआ। आपके पिता का नाम श्री नागोबा जैन था। गांधीवादी विचारधारा के अनुयायी, कर्मठ कार्यकर्ता श्री जैन को 1942 के देशव्यापी भारत छोड़ो आन्दोलन में सक्रिय भाग लेने पर 2 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई थी।
आ) (1) मा) प्र) स्व) सै), भाग-5, पृष्ठ-162
श्री बसन्तलाल जैन
फिरोजाबाद (उ0प्र0) के श्री बसन्तलाल जैन ने 1942 के आन्दोलन में सक्रिय भाग लिया था। 20 अगस्त 1942 को फिरोजाबाद में एक जुलूस निकाला गया जो बड़े चौराहे पर एक सभा के रूप में परिणत हो गया। कोतवाल इम्दाद अली खाँ ने तभी घेरा डालकर आपको गिरफ्तार कर लिया। आप पर आरोप था कि आपने श्री सन्तलाल जैन एवं श्री रामबाबू जैन के साथ डाक बंगला जलाया है। जब अपराध साबित नहीं हो सका तो इस शर्त पर कि 'आप प्रतिदिन थाने में हाजिरी दिया करें 1943 में रिहा कर दिया गया। आपने शर्त नहीं मानी फलतः कुछ दिनों बाद ही पुनः गिरफ्तार कर लिये गये ।
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आO (1) जै० स० रा० अ० ( 2 ) उ0 प्र0 जै० भ०, पृष्ठ-91 (3) अमृत, पृष्ठ 24 (4) जै) से० ना० अ०, पृष्ठ-4
श्री बसन्तीलाल जैन
रानापुर, जिला झाबुआ (म0प्र0) के श्री बसन्तीलाल जैन, पुत्र- श्री चम्पालाल जैन का जन्म दिसम्बर 1920 में हुआ। आप राष्ट्रीय आन्दोलन में सक्रिय रहे। म0प्र0 शासन ने प्रशस्ति पत्र प्रदान कर आपको सम्मानित किया है। आपके अनुज श्री नगीन मल जैन भी स्वाधीनता सेनानी हैं।
आ) - ( 1 ) म० प्र०) स्व0 सै0, भाग-4, पृष्ठ - 142
श्री बागमल जैन
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भोपाल (म0प्र0) के श्री बागमल जैन, पुत्र श्री गुलाबचन्द्र जैन का जन्म 1920 में हुआ। 1940-41 के असहयोग आन्दोलन में आपने भाग लिया तथा 1949 के भोपाल राज्य विलीनीकरण आन्दोलन में सक्रिय रहे। कुल 22 दिन का कारावास आपने भोगा।
आ - (1) म) प्र०) स्व0 सै0, भाग-5, पृष्ठ 18
श्री बागमल बांठिया
श्री बागमल बांठिया का जन्म 6 अक्टूबर 1924 को कोटा के मध्यमवर्गीय प्रतिष्ठित जैन परिवार में हुआ। उनके पिता श्री कल्याणमल बांठिया राज्य सरकार के कार्यकर्ता थे व सेवानिवृत्त होते समय वे राज्य के एकाउण्टेन्ट जनरल थे। बागमल जी के ताऊ श्री कस्तूरमल बांठिया का जैन
समाज में तो अच्छा स्थान था ही वे हिन्दी के प्रसिद्ध लेखकों में से एक थे। जैन धर्म पर अनेक पुस्तकें उन्होंने लिखीं।
सार्वजनिक जीवन में बागमल जी की अन्य
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